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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, June 13, 2013

समय दगड़ मुखाभेंट (इंटरव्यू)

गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
 सौज सौज मा मजाक मसखरी  
  हौंस,चबोड़,चखन्यौ     
  सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं   

                                  समय दगड़ मुखाभेंट (इंटरव्यू)
 

                    चबोड़्या - चखन्यौर्याभीष्म कुकरेती (s = आधी  )

ब्याळि मीम समय काटणो कुछ नि छौ। 
त मि खालि छौ। गाँ मा हूंद त बाछीs कांध मलासदो तो मि  मुंबई मा माख मारणु छौ। पण फिर बि समय छौ कि कट्याणु नि छौ। अब जब कुछ नि छौ त मीन स्वाच चलो जरा समयौ दगड़ ही छवीं बथा लगाये जावो।
मि - समय जी!  समय जी! तुम इथगा बड़ा आदिम छं वाँ तो कुछ समय च कि मेरे साथ आप कुछ समय गंवा सको। 
समय - समय बर्बाद करण से  म्यार त कुछ नि बिगड़ल पण तेरो ही नुक्सान होलु।   
मि -अच्छा एक बात बथावो हमम  त अफु तैं बिजाळणो बान अलार्म घड़ी छन तुम कनकै बिजदां?   
समय - घड़ी जरुरत मि तैं नि पड़दि। मरणशील लोगुं तैं घड़ी आवश्यकता होंदी। मि त अपण गति से सदा हि चलणु रौंद .
मि - ऋषि मुनियों बुलण छौ बल समय क्षण भंगुर च याने समय ख़तम  हूंद जांदो। पण तुम  बुलणा छंवां कि तुम अमर छंवां 
समय - हाँ एक तरां से मि अमर बि छौं अर मरणशील बि छौं। जादातर लोग समय बरबाद करण मा लग्याँ रौंदन। कुछ तो हाउ टु किल टाइम का वास्ता हर बगत कार्यरत हूंदन।  पण मि छौं कि चलणु ही रौंद। 
मि - ओहो ! त इन मा त तुम तै बड़ी तकलीफ होंदी होलि? आप तैं हर समय ब्रह्मांड  को इथगा काम समय पर ही पूरो करण पोड़द होलु हैं? इथगा काम करण मा तुम तैं  थक नि लगदी?" सरा ब्रह्मांड को समय पर ही काम हो" जन  काम से बड़ी औसन्द आंदी होलि हैं?
समय - मि कुछ नि करूद काम तो तुम या ब्रह्मांड का नक्षत्र करदन। मि त खालि एक जगा मा स्थिर रैक ही सरा ब्रहमांडौ  चक्कर लगांदु। 
मि -समय जी समय जी ! बार बार एकी काम तै लाखों बार बारम्बार इकसनी रूप से करण मा तुम तैं बड़ी बोरियत हूंदी होलि हैं?
समय - क्षमा कर्याँ  ! आज तलक ये ब्रह्मांड मा क्वी चीज बारम्बार इकसनी ढंग से  नि ह्वे। समय कबि बि दुबारो नि आंदो, जु क्षण बीति स्यु क्षण बीति गे। हर क्षण, हर दिन, हर महीना , हर बरस नया ही होंदु जन कि तुमारा हिंदी सीरियलों एपिसोड हर दिन नया ही होंदन। 
मि - वाह ! तो फिर तुम नया संबत्सर याने न्यू यिअर मनाणो  तयारी करणा होल्या हैं? 
समय - हा! हा ! असलम हर दिन तो  नया साल ही होंद पण तुम मनुष्योंन अपण अपण राजा, धर्म , संगठन तैं महत्व दीणो बान कुछ ख़ास दिनों तैं नया साल को नाम दे द्यायि। 
मि -समय जी समय जी ! तुम कब पद निवृत याने रिटायर हवेल्या?
समय - हा ! हा ! मीन कबि कबि बि पद निवृत याने रिटायर नि होण। 
मि -ओ त तुम बि भारतीय नेताओं तरां पद निवृति या रिटायर हूण मा विश्वास नि करदा? जन अचकाल लाल कृष्ण अडवाणी छन बल जब तलक सांस रालि वो प्रधान मंत्री की दौड़ मा शामिल राला। या जन अपणा करूणानिधि छन कि अफु त जगा बिटेन नि उठि सकदन पण सरा तामिल नाडू का भार जनक्याणो तयार छन।   
समय - नै नै मि सत्ता बान पद निवृत या रिटायर नि हूण चांदो बलकणम मेरि समस्या या च कि अबि मेरो जनम ही नि ह्वे तो पद निवृत या रिटायर कनकै ह्वे सकुद?
मि -अछा जाणि दयावो यी दार्शनिक फलसफा तैं! इन बथावदि कि तुमन कबि कै से प्रेम बि कार? 
समय - हाँ ! मीन प्रकृति दगड़ प्रेम करणो भरसक कोशिस कार पण वा च कि . .. 
मि -क्या ?
समय - प्रकृति बि नि समजदी कि समय अग्वाड़ि हि बढ़द ना कि पैथर पण वा च कि मि तैं फेल करण मा लगीं रौंद  अर मी (समय ) तै रुकणि रौंद।  अब देख ना वा बरसातौ बगत सुखा करि दींदी , गर्म्युं बगत बाढ़ लै यान्दि। 
मि - अछा समय जी ! तुम तै क्वा चीज या बात मा मजा आंदो?
समय - जब लोग बुल्दन बल मि तैं यु काम करण छौ पण मीम बगत ही नी च तो हौंसन म्यार फगस फटी जांदन । या जब लोग बुलदन बल आज ना मि ये काम तै भोळ अवश्य करलु तो मी तैं असीम आनन्द की अनुभूति होंदी । लोगुं बगत नी च या भोळ करुल की बातों से मी तैं बहुत आनन्द आंदो। 
मि -ये मेरी ब्वे ! समय जी जरा बथावदि कि क्या टैम ह्वे होलु? 
समय - हा ! हा ! तुम मनिखोंन मि तैं नापणों बान -बालू युन्त्र, जल यंत्र, सूर्य यंत्र , घड़ी अर अब नैनो सेकंड यंत्र इजाद कार। पण मेखुण क्या ? तब ,अब अर फिर तब या कब से मै पर क्वी फर्क नि पड़दो। 
मि - अच्छा आखिरी सवाल। आप म्यार पाठकों वास्ता कुछ अपण विचार दीण चैल्या? 
समय - हाँ मि छूटि पर घुमणो  जाण चाणो छौं पर समय की कमि वजह से मि तैं छूटि नि मिलणी च। जरा क्वी मि तैं समय की बचत कनै करे जावो पर नया विचार बतालु त मि वै मनिखौ अहसानमंद रौलु। 
मि -छूटि पर याद आयि कि ..
समय - सौरी ! अब मीम एक सेकंड को बि समय नी च। मीन अबि टाइम्स ऑफ इंडिया , यूएसए टाइम्स, टोकियो टाइम्स, लन्दन टाइम्स को सम्पादकों तै इंटरव्यू दीणो जाण अर सबि जगह एकी विषय च। 
मि -क्या ?
समय - समय कनै काटे जावो।



Copyright @ Bhishma Kukreti  13/06/2013     
(यह लेख सर्वथा काल्पनिक है )

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