Bhardwaj Sage in context History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में भारद्वाज ऋषि
** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 5/3/15/2015
History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur to be continued Part --73
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास to be continued -भाग -73
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हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में भारद्वाज ऋषि
History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur Part --72
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -72
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -72
महाभारत में रामायण आख्यान में भारद्वाज का वर्णन मिलता है। ऋग्वेद में भी भारद्वाज का उल्लेख मिलता है।
महाभारत अनुसार भारद्वाज का आश्रम गंगाद्वार (हरिद्वार ?) में था. यहीं घृताची अप्सरा के कारण उनका अयोनिज पुत्र द्रोण का जन्म हुआ (आदिपर्व )। महाभारत में द्रोण को द्रोणी यानी कलश से पैदा बताया गया है। किन्तु द्रोण याने घाटी (देहरादून ) में पैदा होना अधिक तर्कपूर्ण है। महाभारत में गंगाद्वार के निकट भाभर प्रदेश के लिए द्रोणी शब्द का प्रयोग मिलता है - भद्रमित्रस्य द्रोणीघाटे (शुंगकालीन लिपि में देहरादून से प्राप्त मुद्रालेख ).
भारद्वाज व उनके वंशजों का संबंध गंगाद्वार /हरिद्वार से चिरकाल तक रहा।
भारद्वाज आश्रम होने के कारण गंगाद्वार जनपद को भारद्वाज जनपद कहा जाने लगा था (आदिपर्व व भीष्म पर्व , महाभारत )
** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज
घोषाल , स्टडीज इन इंडियन हिस्ट्री ऐंड कल्चर
आर के पुर्थि , द एपिक सिवलीजिसन Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 5/3/15/2015
History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur to be continued Part --73
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास to be continued -भाग -73
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