मुखाभेंट
( एक उन्नादेसी भाषा कु नाटक )
अनुवाद -भीष्म कुकरेती
समय - 1890 . जगा - बार या वाइन शॉप
चरित्र -
-बार कु मालिक - गोपु
इंटरव्यू लिन्देर -युवा टिप टॉप मा , टाइ आदि मा ; गौळुन्द कैमरा
स्त्री
(बार कु दृश्य , बारक द्वार गली मा खुल्दन , एक काउंटर मा शराबौ बोतल धर्यां छन। गिलास आदि छन। दीवाल पर हीरोइन हीरों की फोटो लगीं छन। )
[ ग्वारो , म्वाट आदिम बारक मालिक ; कमीज - पेंट मा , काँध मा तौलिया , कॉउंटरक पैथर गिलास चमकाणु च , उख एक औरत , जैक मुख पर दुःख , निराशा की छाया च , छूट गिलास पर शराब पीणि च। पैथर एक साइन बोर्ड मा = व्हिस्की , बियर मिल्द (शराब पीण जोखिमक काम च )
स्त्री -पता च … , पता च, सब पता च …
बारक मालिक -हुयूं क्या च वै तैं ?
स्त्री - पुटकौ पीड़ा --- बड़ी द्यावळी स्थिति च। वु नीलु सि पड़णु च , नीलु
बारक मालिक -त तीन क्या कार ?स्त्री -कुछ ना …
व गिलास से अधिक मात्रा मा शराब गटकदि )
मि तैं क्या पता क्या करण ? इथगा सरल थुका च … उनि बि हमम पैसा बि नि छन … त इन च कि … बड़ी शरम आंद।
बारक मालिक -वै तैं द्वी चमच कॉफी अर मुंगर्युं दारू दूध मा मिलैक दे दे।
स्त्री - ठीक ह्वे जालु ?
बारक मालिक -हाँ अरे जल्दी फरक पड़ जांद। … गर्मी लांद … पुटुक साफ़ कर दींद … अर कब्ज हो तो साफ़ ! अमृतधारा च अमृतधारा !
स्त्री -द्वी चमच ना ?
बारक मालिक - हाँ .... कॉफिक।
स्त्री -औ ! मि कोशिस करलु। बिचारु … गरीब गुरबाक बच्चा …
बारक मालिक -द्वी हाँ ! स्त्री -बिलकुल सही
(गोपु छुटि बोतल भरदु )
ये ब्वे ! … यु अन्याय च .... तीन साल पैल हमर सबसे बडु नौन ग्यायि … भगवान जाण कख ग्ये धौं....
बारक मालिक गोपु -हाँ बिचारु ....
स्त्री -पोर दुसर नौनु .... गौळक बिमारी से मोर।
बारक मालिक - हाँ . बिचर ....
स्त्री -अब यु छ्वटु ....
(वा गिलासुंद बचीं दारू तैं ऊब लगैक पींदी )
हमेशा सदा इनि हूणु रौंद … खैर। । हम ऊंक जथगा बि हम से ह्वे सकद देख भाळ करदां अर ....
बारक मालिक -देख भाळ इ काफी नी च … तुम तैं ऊँ तैं उ दीण चयेंद जांक ऊ तैं आवश्यकता च ।
वीं तैं वीं भरीं बोतल दींद )
अच्छा जब उ ठीक ह्वे जाव तो मि तैं बतै दे … अर अफु तैं बीमार नि कौर …
स्त्री -अच्छा .... कथुग ह्वे ?बारक मालिक -चार आना
(हंसुद च )
दवैयुं से कम। हैं ?
स्त्री -हाँ सै ब्वाल …
बारक मालिक -अर स्वाद बि स्वादि ?
स्त्री -बिलकुल ....
(पैसा पकड़ान्दि )
चार आना।
बारक मालिक - धन्यवाद !
स्त्री - अच्छा चल्दु छौं।
बारक मालिक -अपण तब्यतौ ख्याल रख ....
स्त्री -बिचरु छ्वटु !
(वा स्त्री जांदी। बारक मालिक गोपु गिलास आदि साफ करण लग जांद। थ्वड़ा डेरमा एक इंटरव्यू लीण वळ आंद )
इंटरव्यू लीण वळ -मिस्टर गोपु प्लीज ?
गोपु (काउंटर छोड़िक आंद, दोस्ताना अंदाज मा ) -मि गोपु छौं ....
इंटरव्यू लीण वळ -भौत बढ़िया।
गोपु -ब्वालो मे से काम ?
इंटरव्यू लीण वळ (गोपु पर ध्यान दींदु ) -लम्बो … काळ बाळ … पैंतालीस साल उमर , छुट हथ … कड़क मुख … यु सही च।
गोपु -क्या च ?
इंटरव्यू लीण वळ (अपण कैमरा टेबल मा धरद , हैट टँगद ) -पैल एक बियर!
गोपु -हाँ … हाँ … क्वा बियर ?
इंटरव्यू लीण वळ - सबसे अच्छी बियर
गोपु -हाँ हाँ मैंगी बियर !
(गिलासुंद बियर भरुद )
इंटरव्यू लीण वळ -हूँ ! यी तैं तू अच्छी बियर बुल्दि ? .... खैर चलल!
अपण बैं बौंळ उठै दे भै !
गोपु -म्यार बैं बौंळ … पर …
इंटरव्यू लीण वळ - अपण हाथ दिखा।
गोपु (संदेह मा )-आ । पर
इंटरव्यू लीण वळ (रौब से ) -हां हाँ … हथ …
गोपु (बौंळ बिटांद ) -टीका लगाण वळ इंस्पेक्टर , हाँ हाँ इंस्पेक्टर।
इंटरव्यू लीण वळ (बौंळ दिखुद ) -हाँ हथ गोड्यूँ छन … पता छौ इनि ह्वाल … औ द्वी हृदयूँ बीच माँ फूलदान मा फूल … बिलकुल सही , सही …
(कैमरा खुल्दु , फोटो बान कैमरा तयार करद )
अल राइट … रेडी रेडी ?
गोपु -पर कना क्या छंवां ?
इंटरव्यू लीण वळ -हिल ना … हिल ना।
(कैमरा फोकस मा लांद )
गोपु -औ … तो … फोटोग्राफर हैं
इंटरव्यू लीण वळ (पिक्चर लींद ) -भौत सुन्दर … अब फरक जा।
गोपु (आज्ञा पालन ) -हैंक ?
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ हाँ , … हिल ना हिल ना
(पिक्चर लींद )
अब हैंक तरफ।
गोपु (आज्ञा पालन करद )- फिर से ? …
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ हाँ , … हिल ना हिल ना
(व हैंक पिक्चर लींद )
अब घूम - पीठ मेरी तरफ .... ठीक ठीक ! … पीठ बि मुख हूंद ....
गोपु -हैं किस्मौ फोटोग्राफर छंवां भै ?
इंटरव्यू लीण वळ -मुस्कराओ …
(हैंक पिक्चर लींदु )
भौत बढ़िया
(कैमरा टेबल मा धरद )
अब नाप ....
(वु किसौंदन टेप निकाळदु अर गोपुक नाप लीण लग जांद )
एक मीटर … सहतर सेंटीमीटर …
(एक नोटबुक मा लिखुद )
गोपु -हैं अब तुम टेलर ?
इंटरव्यू लीण वळ -छाती की चौड़ाई … नपण पोड़ल …
(नपद )
अट्ठासी सेंटीमीटर …
(कंधा झटकांद )
अनुपात बरोबर नी च
(अपण नोट बुक मा लिखुद )
गोपु - दर्जी ह्वालु ! ....
इंटरव्यू लीण वळ (गोपुक हथेली दिखुद ) -खुरपी जन हथेली …
(गोपुक गाळ पर हाथ फिरांद )
गाळुं हड्डी महत्वपूर्ण , … विषम ममुखाकृति …
(गोपुक चौंठी थपथान्द। )
हूँ भैर निकळयूँ जबड़ा .... हाँ पर तगड़ा जबड़ा … मि तैं नि छौ पता …
गोपु - हैं क्या अजीब दर्जी च !
इंटरव्यू लीण वळ (अपण टेबल मा वापस आंद ) -अब , बातचीत कौर।
गोपु (समजणै कोशिस मा ) -हैं … क्या ?
इंटरव्यू लीण वळ -बात और क्या ?
गोपु -मि तैं अबि तक पता नी कि तू या तुम कु /को च /छंवां ?
इंटरव्यू लीण वळ -औ ! हाँ ! 'आंदोलन चीफ इंटरव्यूवर।
गोपु -कु ?
इंटरव्यू लीण वळ -आंदोलन मैगजीनों चीफ इंटरव्यूवर।
गोपु (नासमजी मा ) -औ !
इंटरव्यू लीण वळ (दया दिखांद )-हैं ! त्वे तैं आन्दोलनौ बाराम नि पता ? कन ककुनगस ह्वे। 'आंदोलन ' एक न्यूज पेपर , साहित्यिक पत्र … दुन्या भरौ समाचार -सूचना … द्वी करोड़ पाठक … वु न्यूज पेपर जु अपण पाठकुं तैं कार दिलांद , घौर दिलांद … गवर्मेंट बॉण्ड दिलांद …प्रशिक्षित नौकार्याणि दिलांद … अब समजी गे कि ना ?
गोपु -औ …हाँ …हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ - मि जल्दी मा छौं …मीन दस बजि शिक्षा मंत्रिक इंटरव्यू लीण …अर दुफरा मा बेल्जियमौ राजक इंटरव्यू …तुम म्यार सवालुं सही अर सूक्ष्म जबाब द्याओ …हाँ पर पैल बियर।
गोपु -हाँ …हाँ
( इंटरव्यू लीण वळ आपण नोटबुक खुल्दु )
इंटरव्यू लीण वळ- यी समय च …अब युइ क्षण च …सत्य कु मनोवैज्ञानिक क्षण …
इंटरव्यू लीण वळ- यी समय च …अब युइ क्षण च …सत्य कु मनोवैज्ञानिक क्षण …
(गोपु बियर गिलासुंद डाळदु, इन्टरव्यूवर झटाक से पींदु , गोपू गिलास फिर से भरदु )
गोपु -मीन सैत च घर इनाम मा जीत।
इंटरव्यू लीण वळ (टेबल तैं दिखुद अर गोपु पर नजर गड़ैक ) -तुम शराब विक्रेता छंवां ?
गोपु (दुकानक तरफ नजर घुमांद ) -नजर घुमाओ …इनि लगणु च कि …
इंटरव्यू लीण वळ -एक घृणित व्यापार …एक देशविरोधी उद्यम …हैं नशाखोरी …व्यभिचार …शराबखोरी …अल्कोहॉलिज्म , गर्त की और जांद समाज …समाप्ति -क्षरण …सोसालिज्म
(गोपू सोसालिज्म शब्द पर ऐतराज जताँद )
सब बिषैला … एक दिन तुम सब खतम कर देल्या -नहीं ?
गोपु -क्या बोल रहे हो ?
इंटरव्यू लीण वळ -यु क्वी माने नि रखद …मि कुछ नि बुलणु छौं …मि तैं तहकीकात करण मा व्यस्त रौण चयेंद…यु महत्वपूर्ण च कि तू जबाब दे …
गोपु -मि तैं नि पता क्या बुलण , मि नाखुश नि छौं , मीन कार जीत क्या ?
इंटरव्यू लीण वळ (गंभीरता से )-तो तुम शराब विक्रेता हो …मंजूर ?
गोपु -बिलकुल…
इंटरव्यू लीण वळ -अर यु बि मंजूर च कि नाम गोपु ?
गोपु -गोपीचंद …
इंटरव्यू लीण वळ -देख हाँ यु महत्वपूर्ण च कि तू कै हिसाब से जबाब दींदु …भौत इ महत्वपूर्ण …बिलकुल सत्य …
गोपु (घंघतोळ मा ) -हाँ सही जन की म्यार पिताजी क नाम धरमचन्द।
इंटरव्यू लीण वळ -भौत अच्छु …
(विराम )
अर भौत दिनु तक तयार अपण बीबी दगड अच्छा संबंध नि छया तो ?
गोपु -बीबी का साथ ?
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ …हे भगवान…
गोपु (हौर बि घंगतोळ मा ) -यु …क्या …मेरो त ब्यौ इ नि ह्वे …
इंटरव्यू लीण वळ -औ ! ... सही… लिविंग विद कम्पेनियन … बद से बदतर …
(वु नोटबुक मा लिखद )
तो … त्यार अपण साथिणो दगड़ खराब संबंध चलणा छन…
गोपु -क्या ?… पता नि तुम क्या बुलणा छंवां … म्यार साथिणो दगड़ ?
इंटरव्यू लीण वळ -हे भगवान ! … यदि तू शादी शुदा नि छे अब मि तेरी रखैल तैं क्या नाम द्यूं अर जैंक दगड त्यार मधुर संबंध नि छन -----खाणौ बणाणो भांड ?
गोपु (हंसदो अर जंगडूं पर ताल ठोकदु ) -म्यार भोजन पकाणो भांड , पतीली या कढ़ै --हाँ यु शब्द बढ़िया शब्द तो छै च … पर नहीं … पर मीम ना तो भांड च … नहीं …मेरि क्वी रखैल बि नी च …
इंटरव्यू लीण वळ (नकल अर कर्कश ) -तू अणब्यौथा छे … तेरी रखैल बि नी च … तो त्यार बिस्तर मा त्यार दगड़ कु रौंद ?
गोपु -मि सच बुलणु छौं …
इंटरव्यू लीण वळ -सच या च …
(गोपुक पास जांद )
तू म्यार आंख्युं मा धूळ नि झोकि सकद , दुष्ट … मि तैं पता च … मि सत्य जाणदु छौं … अब तू सच नि झुटलै सकदी … क्या वा पतिव्रताहीन छे… तेरी घरवळि … रखैल … या कढ़ाई… जु बि … मि क्या जादा गरम हूणु छौं /
गोपु -भगवानौ खातिर , तेरी समज मा नि औणु … मि बुलणु छौं कि …
इंटरव्यू लीण वळ (बिचि मा )-हाँ … हाँ तू धोखेबाज जीब से बुलणु छे !
गोपु -हे भगवान … मि बुन्नु छौं …
इंटरव्यू लीण वळ -तू क्या समजणु छे कि तू जोक सुणाणु छे … मि तैं शब्दजाल मा नि फँसै सकिद !… त्यार करतब मीमा नि चल सकदन !
गोपु -पर … मि …
इंटरव्यू लीण वळ -तू प्रेस तैं धोखा नि दे सकदि … मिस्टर गोपू आप धोखा दीणो प्रयत्न नि कारो …प्रेस एक शक्तिशाली सेना समान च…
(धमकी दींद )
अर मि प्रेस छौं मिस्टर गोपीचंद ! … दो करोड़ पाठक …
गोपु -अच्छा ब्वालो कि क्या करण ?
इंटरव्यू लीण वळ -आज प्रेस माँ अप्रतिम शक्ति च …महान शिक्षक …वैश्विक चेतना …प्रेस दोषी ठहरांद …न्याय अर निंदा …एक बियर !
गोपु -इ ल्या …इ ल्या
(बियर दींद )
इंटरव्यू लीण वळ (हथ पर बियर )-मिस्टर गोपु प्रेस …अकेला खड़ रौंद …पुलिस , न्यायपालिका ब्ला ब्ला सबसे ऊपर…
(बियर पींदु )
प्रेस इनाम दींद …दंड दींद …क्षमा करद…
(अपण गिलास खाली करद )
प्रेस कीमत का हिसाब से कुछ चुकान्दी या दींदि बि च…प्रेस सब कुछ च …यि नि भूलि …
(गोपु गिलास भरद )
गोपु -ह्यां पर याँक मे से क्या संबंध ?
इंटरव्यू लीण वळ -क्या संबंध ?…हकीकत …तथ्य असलियत का साथ …क्या त्यार 'आंदोलन' का साथ विज्ञापन करार बि च ?
गोपु (घंघतोळ मा ) -क्या ?…
इंटरव्यू लीण वळ -मीन पूछ कि क्या त्यार 'आंदोलन' का साथ विज्ञापन करार बि च ?
गोपु -करार ?…
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ ! …हरेकक छन …सरकार , प्रशासन , बैंक , व्यापारी , उत्पादनकर्ता …जज …डॉक्टर …रोगी …सोसाइटी जनानी…पेंटर्स …कु करार …पर त्यार नी च …लज्जा की बात नी च ?…किलै त्यार विज्ञापन करार नी च… त्यौकुण भौत नुकसानदेय च मिस्टर गोपु …
गोपु -हाँ पर मीतैं करार की जरूरत किलै च ?
इंटरव्यू लीण वळ - हूँ ! …चबोड़ …चखन्यौ …मसखरी …जु चा स्यु कौर …
(इन्टरव्यूवर गोपुक बटणुं से खेल्दु , बियरक शुरुवाती नशा मा )
तीन शराबक बोतलन अपण बीबीक मुंड किलै फ्वांड़ ?
गोपु (भौंचक्का )-शराबक बोतलन ?
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ …जबाब दे !
गोपु -शराबक बोतल …यांक मतबल क्या हूंद ?
इंटरव्यू लीण वळ -तो तू स्वीकार नि करण चाँद …
(विराम )
ओके …
गोपु -शराबक बोतल…कसम भगवान की …
इंटरव्यू लीण वळ -चुप ! झूट नि बोल !
(जोर से )
झूट बिलकुल बि ना हाँ …झूट पाप इ ना अपराध बि च …अर फिर प्रेस का साथ झूट बिलकुल नि चलद…मि कोशिस करुल कि …यद्यपि तयार 'आंदोलन' का दगड करार बि नी च …मि समजणो कोसिस करलु …दिखला कि …
(पत्रकार गोपुक कंधा थपथपान्द )
दिखदाँ …मिस्टर गोपीचंद …
(धीरे से )
पर ईं निर्दयता कु उद्येस्य का ह्वे सकद …किलैकि दिखेण मा तो तू सौम्य छे …एक सही मनुष्य …बदला की भावना से कर्युं अपराध ?…या अचाणचक गुस्सा क्रोध मा ?…क्वी सुझाव …रक्तचाप बढ़ण से ?…
(विराम )
हैं ?
(गोपु मना करद , पैथर हटद )
बातचीत जारी रखण …धीरे धीरे …
(गोपुक कंधा दबांद )
क्या पगलपन तक की हद वळ प्यार या बैर ?…या शारीरिक शक्ति ?…या केवल भूतकाल कु भूत , पूर्वानुरूप ? …
इंटरव्यू लीण वळ -पूर्वानुरूप!
गोपु -ये मेरि ब्वै !
इंटरव्यू लीण वळ -तेरि समज से भैर च। …तू अपण कर्मुं का विश्लेषण नि कर सकिद …
(भौत इ दया भाव )
तू क्या जाणि विज्ञान माने मनोविज्ञान …तेरी मनोदशा झौड़ा संगुळो माने कॉकरोच की च …
(पत्रकार गोपुक कपाळ पर झटका दींद )
गोपु -बकबास …
(गोपु काउंटरों पैथर जांद अर कांच अर प्लेट आदि टूटणो आवाज आंद )
इंटरव्यू लीण वळ -गोपु ! सचमुच मा तू दयाक पात्र छे …तेरी समस्या स्वेच्छाचारी से अधिक बौद्धिक शक्तिहीनता च …
(इंटरव्यूअर तैं पता चलद कि गोपु छुप गए। वु काउंटरक पास जांद अर जोर से बुल्दु। )
अच्छा अब मि दुसर हिसाबन प्रश्न पुछुल…तेरी बौद्धिकताक हिसाबन … द्वी बियर !
गोपु -हाँ हाँ !
इंटरव्यू लीण वळ -चियर्स ! चियर्स !
गोपु (हँसिक )-अरे वाह …
(वु बियर गिलासुंद डाळद। द्वी पीन्दन )
इंटरव्यू लीण वळ -तेरो स्वास्थ्य का वास्ता !
गोपु -तयार स्वास्थ्यौ कुण बि !
(अब द्वी सहज छन )
इंटरव्यू लीण वळ -गोपु ! …मि त्यार दोस्त छौं …दगड्या जन इ जबाब दे …
गोपु (हंसद च अर गिलास काउंटर मा धरद )-हाँ हाँ …किलै ना …किलै ना …
इंटरव्यू लीण वळ -क्या त्यार र परिवार मा बिंडी कतल ह्वेन ?… आखिर …ना त तेरि घरवळि च ना इ रखैल तो …फिर बि परिवार त होलु …हैं ?
गोपु(आतुर्दि मा ) -फिर दुबर वै बात शुरू …
(गोपु काउंटर से टेबलक तरफ जांद , साफा से टेबल साफ़ करद )
इंटरव्यू लीण वळ (पैथर जांद ) -त जब त्योर जनम ह्वे ह्वाल , असह्य दुःख अर अकेलापन न त्यार कोमल , कमजोर मन तैं ढक दे अर जब खानाबदोशी अर परेशानी कु वातवरण आयि ना कि …उ अनुभव अग्नै ऐ जांदन …यही व्याख्या ह्वै सकद …ह्वे सकद बहाना हो …
गोपु (अग्नै -पैथर करणु रौंद )- हा …हा …हा …
इंटरव्यू लीण वळ -तू जबाब नि दीणु छे …
(विराम )
जबाब नि देक तीन पक्को इरादा कर आल कि ये इंटरव्यू तैं कमजोर करण ?
गोपु -हे भगवान …तुम क्या बुलवाण चाणा छंवां ?
इंटरव्यू लीण वळ -कुछ बि !पर सच्चाई…त्वे तैं पता च कि ना कि त्यार अनमनापन अर कुछ बि बताणो व्यवहार पर मीन भौत सहनशीलता दिखाइ …मीन त्वे तैं विश्वासघाती बि नि ब्वाल हाँ …
( गोपुक इना उना फिरण से रुकद )
…इलै शराबक बोतल चलाण मा पूर्वनियोजन आवश्य छौ…
गोपु (काउंटर से भैर आंद ) - व्हिस्की क बोतल …क्या मतबल ?
इंटरव्यू लीण वळ (वकील जन ) -व्हिस्कीक की ही बोतल किलै ? बियर की बोतल किलै ना ? जिन की बोतल बि त …?
गोपु -हे भगवान …हे भगवान !
(काउंटर मा जांद अर घोड़ा सीढ़ी मदद से बोतलूं तैं अळगौक खानौं मा एक का मथि धरद )
इंटरव्यू लीण वळ -गोपु सावधान हाँ ! …यु महत्वपूर्ण च… जज छुटि बात तैं …बि बड़ी बात , गुस्सा वळ घटना समज सकदन …
गोपु -जज … जज किलै ?
इंटरव्यू लीण वळ -शायद महान वैज्ञानिक डाक्टर सौक …
(ईर्ष्या मा खुश ह्वेक )
डाक्टर सौक त्यार चेकअप से अवश्य पता लगै ल्याल कि …तीन सुनियोजित ढंग से…या अवचेतन मन से …या उपचेतन मन से …व्हिस्की की बोतल किलै प्रयोग ह्वेन …अर या सामजिक विज्ञान का हिसाब से कथगा गैरजिम्मेदाराना च …
गोपु -मेरी समज मा बिलकुल बि नी आणु च …
इंटरव्यू लीण वळ -अच्छा कुछ बि समज मा नि आयि ?…कुछ बि समज मा नि आयि…कि मीन क्या पूछ …मेरी बात समज …तेरी अपराध कथा …
गोपु (अबि बि बोटलुं ढेर लगाणु च )-अब म्यार अपराध …
इंटरव्यू लीण वळ -गंभीरता से विश्लेषण , स्थिति की विवेचना … आम , सामाजिक अर वैवाहिक दृष्टि से आद्योपांत विवेचना से पता लग जांद कि …मि हत्या का पैथर मनोवैज्ञानिक कारण बथै सकुद …ओह !
गोपु (उखि च )-म्यार बर्मंड …हे भगवान !
इंटरव्यू लीण वळ -ये अपराध की मानसिक रासयनिक विश्लेषण …हाँ ! …अब बिलकुल साफ़ च …समझ गे ना ?
गोपु -औ …तो तू समजणी छे कि तू सब कुछ जाणदि …
इंटरव्यू लीण वळ -अब तू अन्धकार तैं या म्यार सवालों जबाब तैं अपण शाब्दिक अलंकारुं से नि छुपै सकुद …जबाब दे !
गोपु -मि तैं इख बटें जाण पोड़ल …
(वु स्टूल की सहायता से भीम उतरदु , भैर भगण चांद कि इंटरव्यूअर वैक पैंट पकड़ दींद )
इंटरव्यू लीण वळ -दुष्ट मनुष्य !
(अब पैथर से हथन पकड़द )
अब …त्यार विकल्पुं पर ध्यान दीण पोड़ल …तू डाक्टर सिजार लम्बोरसो तैं जाणदि छे ?
गोपु -लम्बो …
इंटरव्यू लीण वळ -…रसो …हाँ !
गोपु (स्प्रे बोतल से स्प्रे करिक टेबल साफ़ करण लगद )-हूँ …मि जाणदु …ना भै…असलियत मा ना …
इंटरव्यू लीण वळ -एक दिमागदार, ज्ञानी मनुष्य …
गोपु -हाँ …अच्छा …अच्छा …
इंटरव्यू लीण वळ -महान वैज्ञानिक …प्रतिभाशाली जैक प्रतिभा तैं सब प्रशसा करदन …वैन ख्वाज कि प्रतिभाशाली क्रूर अर हत्यारा हूंदन …
गोपु -अच्छा …अच्छा …
इंटरव्यू लीण वळ -पतित …हत्यारे …हरेक का पास दृढ मानसिक ताकत …वौद्धिक शक्ति बढ़ै दींदन !
गोपु -ठीकि ह्वाल जब तुम बोलणा …
इंटरव्यू लीण वळ (क्रोधित उत्तेजना )-तो जन्मजात अपराधवृति संबंधित डाक्टर सिजार लम्बोरसो की खोज का बारा मा क्या राय च ?
गोपु -कुछ ना।
(गोपु समज मा नि आंद त वु पाइप सुलगैक पीण लग जांद )
इंटरव्यू लीण वळ -डा डाक्टर सिजार लम्बोरसो कु मनण च बल गरीबी एक सामाजिक बिमारी नी च …ना ही आर्थिक कमजोरी …अपितु एक मनोविक्षिप्त रोग च…तेरी यीं क्रांतिकारी खोज का बारा मा क्या राय च ?
गोपु (समझ से भैर ) -मि चांदु …
इंटरव्यू लीण वळ -गोपू ! एक मनोविक्षिप्त रोग…
गोपु -संभव च … संभव च …
इंटरव्यू लीण वळ -पता च वैन समस्या निदान का वास्ता बि नियम बणै …सुणणु छे ?
गोपु -सुण …हाँ हाँ !
इंटरव्यू लीण वळ -प्रसिद्ध डॉक्टरन अधिक से जांच कार अर वूं वन की जांच कर जौंमा गरीबी का चिन्ह छया …
गोपु -हूँ कुछ कठिन नि छौ ?
इंटरव्यू लीण वळ -चुप …डाक्टरन एक्स रे से जांच कार।
गोपु -सुणणु छौं …हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -बिचारा दस गरीबुं का आंत , किडनी , लिवर , सबजाँचे गे …पर क्वी विशेष निर्णायक फल नि मील …समजणी छे ना ?
गोपु -हाँ …हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -पर निर्णायक फल आई। पता च क्या ? …हरेकक मगज मा एक काळो धब्बा मील अर सैरिब्रो स्पाइनल फ्लूड मा।
गोपु -हूँ ? …क्या ?
इंटरव्यू लीण वळ -सैरिब्रो स्पाइनल …
गोपु -वो बढ़िया …
इंटरव्यू लीण वळ -प्रसिद्ध वैज्ञानिक न यु काळु धब्बा धनी अर मध्यवर्गीय मनुष्यों मा नि पाइ …सुणणु छे ?
गोपु -हाँ -हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -तो वैज्ञानिक खोज से पता चौल कि गरीबी दिमाग की एक बिमारी से आदि
गोपु -सही सही …बिलकुल
इंटरव्यू लीण वळ -यूँ काळु धब्बों की क्या प्रकृति च। या बात तू पुछि सकिद छे।
(बात करद करद , वु काउंटर का पास जांद , बोतलुं तैं चेक करद अर कुछ गिलास मा मिलांद , इना गोपु बि वै तैं दिखणो बान जांद )
इनि सूर्य का चारों पैथर खोज ह्वे …फिर एक खोज से दुसर खोज से जोड़े जांद …
(वु मिश्रण तैं हिलांद , पींद )
एक खोज दुसर से जुड़े जांद , सौरमंडल अर दिमाग …देख ?
(गोपु पत्रकारक हथन गिलास लींद अर वै तैं धीरे धीरे पैथर धकेल्दु )
लम्बोरसो का पास वैज्ञानिक खोज , सामजिक खोज आर सौरमंडलक खोज छे अर वूंन न सबी खोजूं तैं मिलै।
गोपु -कुकरो लौड़ !लम्बोरसो का पास वैज्ञानिक खोज , सामजिक खोज आर सौरमंडलक खोज छे अर वूंन न सबी खोजूं तैं मिलै।
इंटरव्यू लीण वळ ( काउंटर से झुकिक )-मीम यूं काळ धब्बों पूरो फीजियोलॉजिकल विवरण दीणो समय नी च …तेरि समज मा नि आण…भौत कठिन च …
(गोपुवै तैं काउंटर से दूर रौणे हाथ हिलांद )
संक्षेप मा या च कि लोम्ब्रोसोन वुं धब्बों की प्रकृति पछ्याण …बकै काम तो फिर लोम्ब्रोसो सरेखा वैज्ञानिक कुण सरल छौ …
गोपु -हाँ पर मि तैं क्या ?…भाड़ मा जा ऊ …
इंटरव्यू लीण वळ -फिर लोम्ब्रोसोन ऊँ दस लोगुं तैं अपण निगरानी मा एक जेल नुमा मकान मा रखिक वूंक चिकत्सा कार …बिलकुल समयवद्ध अर विटामिन आदि का हिसाब से भोजन अर भोजन मा आयोडीन , …नयाण मा दवै अर तब तक वूं तैं कमरों मा रख जब तक वो परिपूर्ण ढंग से नरोगी नि ह्वे गेन …मतलब गरीब से धनी नि ह्वे गेन …समझे ?
गोपु (आतुर्दि मा ) -म्यार दिमाग …म्यार दिमाग … भगवान !
इंटरव्यू लीण वळ -अपण दिमाग की चिंता नि कौर डाक्टर शौक , डिबलर अर मि तयार बर्मंड ठीक करला !
गोपु -डिबलर ?
इंटरव्यू लीण वळ -सात हफ्तों खोज से पता चौल कि यूँ मादे एक तैं अचानक पारिवारिक उत्तराधिकार का बीस लाख मिलेन रुपया
गोपु -वाह
इंटरव्यू लीण वळ -हैंकन पनामा जैकपॉट जीत
गोपु -बढ़िय --- भगवान ओह
इंटरव्यू लीण वळ -तिसर तैं आंदोलन न्यूजपेपर की कालिस लाख की लाटरी लग गे …
गोपु -भाग्यशाली …
इंटरव्यू लीण वळ -चौथू खुसनुमा आदिम जेलनुमा मकान से बाज अर कार तौळ ऐ गे अर वैक खुटूँक कार तौळ बुगचा बण गे …अर तब कार इन्सुरेंस से एक लाख सालान कु पेंसन मिलण लग गे
गोपु -अविश्सनीय !
इंटरव्यू लीण वळ -बकै मर गेन
गोपु -सच्ची कथा च ?
इंटरव्यू लीण वळ -अरे सच्ची ! वैज्ञानिक कथा !
गोपु -गजब !
इंटरव्यू लीण वळ -सच्ची वैज्ञानिक अन्वेषणीय कथा …बियर …
गोपु -हाँ …हाँ …
(बियर भरद )
इंटरव्यू लीण वळ (गिलास खाली करणो बाद)-गोपीचंद महाराज ! अब मी आखरी मुद्दा पर आंदु
गोपु -अबि बाकि च ?
इंटरव्यू लीण वळ -तू अफु तैं न्यूरोथिरैपी की कैं कैटेगरी मा धरण चांदी मतलब कु वर्ग ?
(विराम )
मतलब त्वे पर क्वा दिमागी बीमारी च ?
(विराम , गोपु तरफ बढ़िक )
क्या दिमागी असंतुलन च …या
गोपु -अरे …पर मि …तो …
इंटरव्यू लीण वळ (धमकाणै भौण ) - रहस्यात्मक ?…संक्रमित रोग ? …अल्कोहॉलिज्म ?…पूर्वजन्यारूप ? …स्रियल किलर ? …या
गोपु -सूण जा अब …मि दारु बिक्रेता छौं …बार टेंडर छौं …
इंटरव्यू लीण वळ (धमकी ) -गोपु ?
गोपु -अरे जा …
इंटरव्यू लीण वळ -तो तू अपण अपराध तैं अस्वीकार करदि ?
गोपु -भाड़ मा जा …
इंटरव्यू लीण वळ -प्रेस से बदसलूकी ?…हैं ?
गोपु -कु डरद प्रेस से
इंटरव्यू लीण वळ (किसौंदन एक न्यूजपेपर निकाळदो ) -अच्छा ! तो तू डेली सिटी न्यूज पढ़दी छे ?
गोपु -हाँ ? म्यार इख रोज आंदइंटरव्यू लीण वळ -पेपर कु सम्मान च , सच्चाई का मामला मा ?
गोपु -हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -आज पौढ़ च ?
गोपु -हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -एक देख इख मा लिख्युं च कि गोपु अबि बि रहस्य बण्यु च …
गोपु -कथगा इ गोपु छन शहर मा
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ शराब विक्रेता गोपु …
गोपु -भौत होला
इंटरव्यू लीण वळ (पेपर पढ़द ) -नै तू ही शराब विक्रेता गोपु …बातूनी पर अब गूंगा , …शेखीबाज गोपु…ग्राम मिजाजी …
गोपु -नै नै …सब गलत च …
इंटरव्यू लीण वळ -मि तैं पूर करण दे …
गोपू शराब विक्रेता …मुज्जफरपुर मां रौंद
गोपु (सही करदो )-मुज्जफरनगर
इंटरव्यू लीण वळ -मुज्जफरपुर
गोपु -मुज्जफरनगर
इंटरव्यू लीण वळ (पेपर दिखांद ) -इक मा लिख्युं च शराब विक्रेता मुज्जफरपुर मा रौंद
गोपु -पर मि मुज्जफरनगर कु छौं
इंटरव्यू लीण वळ -तो …क्या ह्वे गे ?
गोपु -अरे क्या ह्वे गेक क्या मतबल ? …हम कखम छंवां मुज्जफरनगर या मुज्जफरपुर मा ?
इंटरव्यू लीण वळ -चुप रौ …यांसे क्वी फरक नि पड़द …
(पेपर पढ़द )…
गोपु शराब विक्रेता …मुज्जफरपुर मा रौंद …
गोपु -…नगर
इंटरव्यू लीण वळ -पुर
गोपु -नगर
इंटरव्यू लीण वळ -(पढ़द )…गोपुन व्हिस्की की बोतल उठाइ अर अपण बीबीक मुंड पर फ्वाड़…खूनक तालाब …स्त्री की हालात नाजुक व अति गंभीर च
गोपु -पर मि बुलणु छौं कि …मि मुज्जफरपुर कु नि छौं …मुज्जफरनगर कु छौं
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …
इंटरव्यू लीण वळ -मि त्यार खेल से थकि ग्यों …त्यार नाम गोपु ?च
गोपु -हाँ
इंटरव्यू लीण वळ -तू विक्रेता छे
गोपु -हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -यु सब पेपर मा लिख्युं च ?
गोपु -हाँ …
इंटरव्यू लीण वळ -त तू मुज्जफरपुर रौंद मुज्जफरनगर मा रौंद यासे क्या फरक पड़द …
गोपु -पर वु मि नि छौं …यि नि ह्वे सकद …मीन ब्वाल च कि ना …
इंटरव्यू लीण वळ -तीन म्यार सवालुं जबाब नि दे …तीन म्यार समय बरबाद कार …जोकर जन …
गोपु -क्वी मूरख बि समज सकद …किलैकि मि मुज्जफरनगर रौंद …
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …नगर …नगर …मुज्जफरनगर !
इंटरव्यू लीण वळ (वैक गुस्सा बढ़द, बियर का बि असर ) -हाँ हाँ बोल …
(वु जोर की थाप मरद )
मि अपण लाखों पाठ्कुं ' आंदोलन ' मा लिखुल …कि तीन सच्च तैं पतेड़ … मि लिखुल कि तेरी बेटी से एक बच्चा छौ अर तीन वै बच्चा की बि हत्या कार … जब तेरी घरवळि नी च …रखैल नी च …नौकरानी नी च त बेटी त अवश्य होली …
(गोपु तैं खांसी आदि अर वु पत्रकार तैं रुकणो कोसिस करद पर पत्रकार )
मी लिखुल कि त्यार शराबखाना मा हत्यारों तैं जगा मील्दी , आतंकवाद्यूं तैं जगा मिल्दी , अराजक अर देशद्रोहियों तैं छुपणै जग मिल्दि …तेरी घरवळि पड़ोस्यूँ से गलत संबंध छन …लिखुल कि तेरी फूफू बि बदचलन…तब दिखुल कि प्रेस से कन व्यवहार करण चयेंद …प्रेस की महान आवाज बंद नि ह्वे सकदी …
गोपु -मी भगवान की कसम खांदु कि जु पेपर मा लिख्युं च वु मि नि छौं …किलैकि मि मुज्जफरनगर म रौंदु मुज्जफरनगर
इंटरव्यू लीण वळ -पुर …
गोपु -नगर …नगर …नगर…
इंटरव्यू लीण वळ -मि तेरी जिंदगी बर्बाद कर द्योलु …बदनाम ह्वे जैलि … प्रेस का साथ दुर्व्यवहार नि करण हाँ …प्रेस माने वैश्विक चेतना …तेरि घरवळि कख च ?
गोपु -फिर से मेरि घरवळि ?
(भीख जन वर्ताव )
मेरि घरवळि नी च।
इंटरव्यू लीण वळ -यदि तेरि घरवळि नी च त तू व्हिस्कीक बोतल वींक मुंड मा कनकै फोड़ि सकिद ?
गोपु (अपण तौलिया फिंकद ) - भगवान का वास्ता
इंटरव्यू लीण वळ -कुतर्क से अपण बात नि छुपा …
गोपु -पर …
इंटरव्यू लीण वळ -अब …अपण घरवळि तैं बुला …वैइ सही बात बथै सकदी।
गोपु -नि लै सकुद …किलैकि …
इंटरव्यू लीण वळ -वीं से म्यार मिलण जरूरी च …वींसे सवाल पुछण जरूरी च …
गोपु -औ औ
इंटरव्यू लीण वळ -मि वींक मनोविज्ञान समजण चांदु …
गोपु -सुंगर !
इंटरव्यू लीण वळ -मि वींसे पूर्वनियोजित कार्य का बारा मा सवाल करण चांदु …
गोपु -हरामी
इंटरव्यू लीण वळ -तेरि घरवळि कै किस्मै जनानी च ?
गोपु -अरे ह्वा तब ना …
इंटरव्यू लीण वळ -क्या वा सुंदर च ?
(गोपुक आवाज संट बंद )
क्या वा लम्बी च ?
(चुप्पी )
क्या वा भुरिण च ?
(विराम )
गंदी गंदी गाळी दींदी ?
( चुप्पी )
क्या तू वीं तैं तंग करदि कि वा तंग करदी ?
(चुप्पी )
अब तक कथगा अबोर्सन करै ऐन ?
(चुप्पी )
एक या द्वी या …यूँ सवालुं जबाब जरूरी च …मेरी खोज का वास्ता यु जणन भौत आवश्यक च कि…पर तैसे क्या आस करण ? …पर फिर बि क्वी बात नी च …
(वु हाथ मल्दो मल्दो चलणु रौंद )
कुछ बात और…
( अग्नै बढ़द त गोपु पैथर पैथर सरकद )
टेलीपैथी का बारा मा क्या विचार छन ?
(चुप्पी )
हिप्नोटिज्म ?
((पत्रकार का कारण गोपू पैथर पैथर हूंद )
कखि जनसंख्या दिनोदिन कम हूणों बारा मा क्या विचार च ?
(विराम )
साहित्य तैं आशावादी हूण चयेंद कि निराशवादी , सकारात्मक कि नकारात्मक या प्रतीकवादी या प्रकृतिवादी ?
(चुप्पी )
तेरी चुप्पी गवाह च कि तू प्रेस की तौहीन करणु छे। यूँ सवालुं जबाब से तेरी मानसिकता पता चलदी तो …
(चुप्पी )
मीन तू नि छुड़नी …प्रेस मा इन लिखुल कि …
(विराम )
चटका लग जाल त्वे पर …एक बियर
गोपु -हाँ …हाँ
(बियर गिलासुंद डाळदु )
इंटरव्यू लीण वळ -अब मि जाणु छौं
(वु गिलास खाली करदु )
मि अब त्यार पड़ोसियुं इंटरव्यू लीणो जाणु छौं अर पड़ोस्यूँ का पड़ोस्यूँ का इंटरव्यू …
(वु गिलास पकड़िक दरवाजा क तरफ जांद )
गोपु -(खाली गिलास गणद )
इंटरव्यू लीण वळ -नही …नै नै …
गोपु -हाँ पर …
इंटरव्यू लीण वळ -अब भौत देर कर दे तीन …अब मि क्वी सफाइ नि सुणण वाळ …
गोपु -हाँ पर साब तुमन म्यार बारा बियर ग्लासक पैसा दीणन
इंटरव्यू लीण वळ -हाँ पर कबि प्रेस या पत्रकार पैसा दीन्दी क्या ? क्या भोजन क्या दारु ?
(वु खाली गिलास लेक वापस आंद , जोर से गिलास मेज मा धरद , आदि मेज से गिर जांदन अर गोपु सामन उठाण लग जांद अर पत्रकार भैर चल जांद )
गोपु (चकनाचूर सामन पर नजर अर परेशान ) - हे भगवान आज कैक दगड़ मुखाभेंट ह्वे ? हे भगवान कैक दगड मुखाभेंट …
(परदा )
(केवल नाट्य प्रशिक्षण का वास्ता )
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