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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, March 18, 2015

गढ़वाली मा प्रथम विज्ञान कथा

 बड़ु इ भलु च (विज्ञान -कल्पना कथा )
                  ( गढ़वाली विज्ञान -कल्पना कथामाला -1 ) 
                            संकलन -  भीष्म कुकरेती 

डाक्टर रामचरणन ब्वाल - धीरे धीरे ! क्वी हैंक नि सूणो जन। 
 अन्वेषण विभागक द्वी वैज्ञानिक लंचौ समौ पर सबसे पैथराक मेज मा सुरिक सुरिक छ्वीं लगाणा छया कि जाँसे संस्थानों भोजनालय मा बैठ्याँ हौर वैज्ञानिक नि सूण सौकन । 
डाक्टर धरम सिंगन पूछ -सच्ची ?
"हाँ बुनु छौं ना। " डा रामचरणन हौसला अर उत्साह मा जबाब दे। 
डा धरम सिंगन ब्वाल -त्यार बुलण च बल ज्वा चीज माइक्रोस्कोप नि कर सकुद वु त्यार रसायन कर सकद ? असंभव , असंभव , कोरी कल्पना ! 
रामचरणन आवाज बढ़ैक ब्वाल - हाँ ! माइक्रोस्कोप बड़ो च।  पकड़ो , उथगा बखेड़ा करो अर तब सूक्ष्म जीवों तैं द्याखो। अब सूक्ष्म जीवुं तैं दिखण सरल ह्वे गए। 
डाक्टर धरम सिंगन अपण कपाळ पकड़द बोल - माई गौड  ! संभावनाओं कु क्वी अंत नी च।  पर ह्वै कनकैक च ?
' इतेफाक से।  जन अधिकतर अन्वेषणु दगड़ हूंद।  खोज कुछ की हूंद अर खोज कुछ की ही ह्वे जांद। मि मुखबास साफ करणो नयो रसायन पर द्वी साल भर से काम करणु छौ। मीन एक बैचक मिश्रण बणाइ पर कुछ गलत ह्वे गे। मीन एक पेटी डिश मा मुखक वुं बैक्टीरिया कल्चर करणो धर्युं छौ जू बैक्टीरिया गंध पैदा करदन । मीन वै रसायनक एक बूंद डाळ जै रसायन का फॉर्मूला की खोज मी द्वी साल भर से करणु छौ। मीन वै रसायनक फॉर्मूला की एक बून्द कु सौंवाँ भाग पेटी डिश मा बैक्टीरिया कल्चर मा डाळ अर ये मेरी ब्वे ! एक सेकंड नि ह्वे कि बैक्टीरिया फम फम पेटी डिश से भैर ऐक  मेज मा फैलि गेन।  म्यार आश्चर्यका मारा चंका चलि गेन।  जु फॉर्मूला बैक्टीरियों तैं मारणो ये हफ्ता बणै छौ उ फॉर्मूला बैक्टीरियों विकास तेजी से करणु छौ।  मृत्युदायक या स्ट्रेलाइजेसन की जगा यु रसायन बैक्टीरियों की संख्या बढ़ाणु छौ याने यु रसायन मृत्युदायक रसायन नि छौ अपितु परजन वृद्धिकारी छौ।  मीन ये रसायन की तुलना म्यार पुरण बणयां रसायनुं दगड कार।  भौतिक रूप से सब एकजनि, यु रसायन मा बि वी माल मसाला इंग्रेडिएंट्स छौ पर ये हफ्ता कु नयो रसायन मा बैक्टीरियों प्रज्जन्न शक्ति बढ़ाणो लाखों गुना शक्ति छे।  बिलकुल उल्टां। मीन फिर एक साल तक ये नया प्रजननकारी रसायन पर खोज कार अर अब मि बोल सकुद कि मीन इन रसायन बणै आल जु अप्रतिम रूप से बैक्टरियों की संख्या बढांद।  " डा रामचरणन उत्तर दे। "  
डा धरम सिंगन ब्वाल अर पूछ - विश्वास त नि हूणु च। त्यार बुलणो मतबल च कि ये रसायन से बैक्टीरिया इन विकास कर जांदन कि ऊँ बैक्टीरियों तैं दिखणो बान माइक्रोस्कोप की आवश्यकता नि पड़लि। अर बैक्टीरिया इन बढ़ जांदन कि हम यूँ तैं उठै सकदां।  अब तू दूसर प्रयोग कब करण वाळ छे ?
" मीन  बैक्टीरिया कल्चर चार पेटी डिश इनक्यूबेटर मा धरीं छन।  अर  एक डिश मा नयो फॉर्मूला वळ रसायन बि डळयूँ  च।  भोळ स्याम मि प्रयोग करण वाळ छौं। तू बि छै बजि स्याम दैं मेरी प्रयोगशाला मा ऐ जै।  उख मि दिखौल कि बैक्टीरिया कै हिसाबसे बढ़दन।  " रामचरणो जबाब छौ। 
डा धरम सिंग कु जबाब छौ - ठीक च मि भोळ स्याम दैं तेरी प्रयोगशाला मा पौंच जौल। 
दुसर दिन द्वी डा रामचरणक प्रयोगशाला क द्वार पर मिलेन।  द्वार खुल्द खुल्द डा रामचरणन बोलि ," सैत च मेरी खोज माइक्रोबाइलोजी अर केमिकल दुनिया तैं हिलै द्याली।  ले मीन पेपर बि बणै याल। " डा धरम सिंगन पेपर पकड़। 
डा रामचरणन ब्वाल - तू तब तक पेपर पौढ़।  तब तलक मि इनक्यूबेटर की जांच  करदु। 
" अरे तीन तो पेपर इन तयार कर्याँ छन जन बुल्यां तू पेपर ' इंटरनेश्नल जर्नल ऑफ अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी ऐंड केमिकल्स' मा भिजण इ वाळ छे। "  डा धरम सिंगन उत्साह अर उत्तेजना मा ब्वाल। 
डा धरम सिंग बि रामचरण का पास इंक्यूबेटरुं पास गे। 
डा रामचरणन द्वी बैक्टीरिया कल्चर डिश इंक्यूबेटर  से भैर  गाडिन।  हरेक पेटी का उप्र ढक्क्न छौ।  डा रामचरणन  दुइ  पेटी दिशुं ढक्क्न ख्वाल। 
डा रामचरण - डा सिंग ! यूँ द्वी  दिशुं मा बि E . coli verity indica  याने हानिकारक बैक्टीरिया छन अर यूंमा एक मा सामन्य माउथवाश केमिकल, हैंक मा प्रिप्रेफर्ड माउथ वाश केमिकल , ।  अर जरा यूं दुयुंक  बैक्टीरिया की जांच करदि। 
डा धरम सिंगन दुइ पेटी डिश ले अर हरेक कल्चर से थोड़ा सि कल्चर स्लाइड मा धार अर सूक्ष्मदर्शी यंत्र से जायजा ले। 
कुछ देर बाद डा धरम सिंगन ब्वाल - कै बि कल्चर मा एक बि बैक्टीरिया ऐक्टिव याने क्रियाशील नी च।  हरेक मा बैक्टीरिया का भैर कैल्सियम कार्बोनेट की तह जमी गे ह्वेल तबि बैक्टीरिया इनऐक्टिव या अक्रियाशील ह्वे गेन। 
" वेरी गुड डा धरम सिंग ! अब मि वीं पेटी डिश तैं खुलणु छौं जखमा मीन म्यार नयो नयो रसायन याने अल्फा रसायन का एक मिलीलीटर कु बीसवां हिस्सा  डाळि  छौ।  अब मि वैकि जांच करण चांदु। " डा रामचरण तीसर पेटी क मेज मा धार। 
 डा रामचरणन हैंगर से द्वी कवरिंग ड्रेस   आदि निकाळिन एक अफु पैर अर एक डा सिंग तैं पैरणो दे।  दुयुंन केमिकल रिजिस्टेंट ड्रेस, रक्षा कांच अर ग्लोव पैर।  
अब डा रामचरणन तिसरी डिश तैं सिंकक बगल मा धार   अर डिशक ढकणा  ख्वाल।  डिशका ढकणा   खुल्दि फळ फळ बैक्टीरिया कल्चर भैर आयि अर मेज मा फ़ैल गे अर थोड़ा मेज मा बि फ़ैल ।  पर कुछ क्षणों इ बाद  बैक्टीरिया कल्चर कु भैर आएं बंद ह्वे गे। 
बगैर बात कर्याँ डा धरम सिंगन डिश मांगैक कल्चर एक स्लाइड मा धार अर सूक्ष्मदर्शी यंत्र का तौळ धार। अर माइक्रोस्कोप से द्याख अर चिल्लाई , " व्हट ! E . coli verity indica कु इथगा बडु साइज ?"
रामचरणन ब्वाल - यस यस ! दैट इज द इनवेंसन ! यही नया अन्वेषण है ! ये त नै खोज च !"
डा धरम सिंग फिर चिल्लाई ," डिश का ढकण बंद कौर अर जु मेज मा गिर्युं च उखमा पुरण प्रिफर्ड माउथ वाश केमिकल डाळ। "
डा रामचरण फटाक  से समजि गे कि डिश से कखि बैक्टीरिया फ़ैल नि जावन तो ढकण लगाण जरूरी च।  अर मेज मा फैल्युं कल्चर मा एंटी बेक्टिरया केमिकल से बैक्टीरियों तै स्टेरियलाइज करण बि जरूरी च। डा रामचरणन डिशक ढकण बंद कार अर जखम बि बैक्टीरिया कल्चर गिर्युं छौ वैक उप्र माउथ वाश  बैक्टीरियल केमिकल डाळि दे।  
डा धरम सिंगन ब्वाल - आस्चर्यजनक ! अमेजिंग ! 
डा रामचरण - अब जरा चौथी डिश चेक करण पोड़ल।  यीं डिश का बैक्टीरिया मा मीन एक मिलीमीटर नयु रसायन डळयूँ च। इनक्यूबेटर का खास टेम्प्रेचर कारण रसायन का   प्रभाव नि पड़नु च।  पर अब थोड़ा सावधानी बरतण जरूरी च। "
डा रामचरणन डिश बिलकुल सिंकक पास लायी अर मेज का कोना मा धार।  डा धरम सिंग आश्चर्य मा दिखणु छौ। डा रणचरणन जनि डिश ख्वाल कि डिश से फ्यूण जन पदार्थ भैर आण शुरू ह्वे।  डा धरम सिंगन एक बून्द फ्यूण उठाई अर सूक्ष्मदर्शी से जाँच कार। 
धरम सिंग फिर जोर से चिल्लाई " व्हट ! बिगर ऐंड बिगर E . coli verity indica जस्ट इम्पॉसिबल।  असंभव ! असंभव ! "
डा रामचरण पर जन दिव्ता ऐ गे हो।  " बिलकुल नया आविष्कार।  अब डा सिंग तू  तो बाोलॉजिस्ट छे तो पता लगावो कि यि E . coli verity indica बड़ा कनै हूणा छन?"
धरम सिंगन बोल ," ह्यां बड़ा बि अर यीं डिश की E . coli verity indic का शरीर भीतर बि कैल्सियम कार्बोनेट का दांतेदार स्पाइक्स पैदा हुयां छन।  मतबल यूं बड़ा E . coli verity indica   का गुणु मा बि बदलाव च एकी परिवार का द्वी तारांक E . coli verity indic. 
डा रामचरण तैं पता नि क्या सूज अर वैन चौथि डिशक बैक्टीरिया कल्चरक एक बूंद तिसरी डिशक कल्चर मा डाळ। 
फिर कुछ देर बाद डा रामचरणन अब फिर से तिसर डिश का कल्चर टेस्ट करणो डा धर्म सिंग तैं दे  । 
डा धर्म सिंगन ये कल्चर का बैक्टीरिया की जांच माइक्रोस्कोप मा कार अर चिल्लाई - बड़ा E . coli verityindica छुट  E . coli verity indica  तै खाणा छन।  अजीब ! बड़ा बैक्टीरिया अपण जातिक बैक्टीरिया खांदू च पर साइज का हिसाब से किलै ?
डा रामचरणन डा धरम सिंग कुन ब्वाल - जरा मटन पर टेस्ट करे जावो। 
डा धरम सिंग समजी गे कि क्या करण। 
वुं दुयुंन चार डिश मा बखरौ पिस्युं मांश धार।  हरेक मा सुई की  चोच से थुडा थुडा साधारण बैक्टीरिया कल्चर डाळ।  
अब डा रामचरण का आदेशानुसार डा धर्म सिंगन पैलि मटन डिश मा  डा रामचरण कु खुज्युं रसायन नि डाळ , दुसर डिश मा थोड़ा जादा रसायन डा , फिर तिसर मा और जादा रसायन अर चौथू मा सबसे अधिक रसायन। चारि डिशुं  तैं एकी वातावरण दीणो बान एकि इनक्यूबेटर मा धरे गे।  
डा रामचरणन ब्वाल - अब तिसर दिन हरेक डिशका बैक्टीरिया टेस्ट  करे जाल। 
तिसर दिन बड़ी सावधानी से जांच कार। कुछ बि कल्चर मेज मा गिराये गे।  अपितु हरेक डिश  अलग अलग कांच की थाळी मा धरे गे अर तब डिशु ढक्क्न खुले गे।  दुसर डिश से ढक्क्न उठाये गे तो बैक्टीरिया फोर्मेसन अधिक छौ पर डिश तक सीमित छौ। तिसर डिश से फ्यूण आई अर भौत आई।   चौथी डिश मा रसायन अधिक छौ तो ढक्कन उठाणो बाद तेजी से सबसे अधिक फ्यूण चौथि डिश से आई 
रामचरण अर डा धर्म सिंगन पायी कि चौथा डिश का बैक्टीरिया और डिश का बैक्टिरयों तैं मारणा इ नि छया अपितु कट कट की आवाज बि आणि छे। 
डा धरम सिंगन माइक्रोस्कोप मा पायी कि रसायन की मात्रा अनुसार E . coli verity indic की कोशिका बड़ी त छन ही अपितु बड़ी कोशिकाओं का अंदर कैल्सियम कार्बोनेट का दांत बि ड़ा छन।  याने नया  रसायन E . coli verity indica की प्रजनन शक्ति इ नि बढ़ाणु छौ अपितु कोशिका का अंदर कैल्सियम कार्बोनेट का दांत रसायन की मात्रा का अनुसार बड़ा छ।  फिर रसायन की मात्रा बड़ा बैक्टीरियोन मा दुसर छुट बैक्टिरयों तैं मारणै शक्ति निर्धारित करणी छे। 
डा धरम सिंगन ब्वाल ," डा रामचरण ! म्यार हिसाब से यु अनुसंधान नि हूण चयेंद।  कुछ तो प्रकृति विरुद्ध काम ह्वे गे।  यु रसायन  बैक्टीरिया याने E . coli verity indica  का DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लीइक एसिड ) याने जैविक अम्ल तैं प्रभावित करणु च अर यांसे बैक्टीरियों की प्रजनन शक्ति आताशीत बढ़नी च , बैक्टिरयों का आकर सूक्ष्मदर्शी से दर्शी आकार तक आणु च अर आम बैक्टीरियों से हजारों गुणा अधिक गैस बणानै तागत बि बढ़नी च। गैस बि त टेस्ट करण पोड़ल।  म्यार हिसाब से जु बि रसायन DNA या क्रोमोजोम तैं प्रभावित कारो वै अन्वेषण तैं नि करण चयेंदन।  हम द्वी माइक्रोबायोकेमिस्ट छंवां ना कि क्रोमोजोम वैज्ञानिक। यु रसायन जीवों मा म्युटेसन (उत्परिवर्तन ) पैदा करणु च।   परीक्षण तैं अब्याक -अबि रोक। म्युटेसन का अन्वेषण हम सरीखा वैज्ञानिकों वास्ता हितकर नी च। 


रामचरणन हँसिक ब्वाल - हूँ ! डा धर्म सिंग ! यु अन्वेषण धमाका कारल।  हाँ गैस फोर्मेसन संबंधी अन्वेषण करण जरूरी च।  जरा मेरी मदद। कारो 
डा धरम  सिंग - देख हाँ बुल्युं मान जा। म्युटेसन का एक्सपेरिमेंट का वास्ता हमारी लैब लायक लेबॉरटरि नी च।
रामचरण - डा धर्म सिंग डर्ख्वा कबि बि युद्ध अर अन्वेषण मा कामयाब नि हूंदन।
क्वी बि आदिम अफु तैं डरख्वा नि बताण चांदु तो झक मारिक डा धर्म सिंग तै डा रामचरण का साथ दीण पोड। 
 दुयुंन मिलिक बड़ा बड़ा कांचक जारूँ मा पिस्युं  मटन धार। जार मा   नापणो वास्ता मेजरिंग स्केल प्रिंट  छा ।  फिर हरेक जार  मटन मा साधारण बैक्टीरिया कल्चर का एकै मिलीलीटर  डाळ।  पैल जार मा रसायन नि डळे गे , दुसर जार मा एक मिलीलीटर का दसवां भाग  रसायन मिलये गे, तिसर  जार मा एक मिलीलीटर का पांचवां  भाग  रसायन मिलये गे; चौथु जार मा एक मिलीलीटर   रसायन मिलये गे।  हरेक जार मा कागज चिपकाए गे अर हरेक कागज मा जार का अंदर क्या च का विवरण लिखे गे छौ।  जार का ढक्क्न बंद करणो बाद इनक्यूबेटर मा धरे गेन।  याने गैस फोर्मेसन आदि की जांच का वास्ता सब प्रयोग करे गे। 
रातक नौ बजि गे छे।  हमउमरी वैज्ञानिक , द्वी अपण अपण स्टाफ क्वाटर मा गेन।  धरम सिंग शादी सदा छौ अर डा रामचरण की शादी विज्ञानं से हुईं छे तो अबि अकेला ही छौ। हाँ आज डा रामचरण का मन माँ एक संदेह आणु छौ अर दिमाग माँ केवल एक बात आणि छे -गैस , गैस अर गैस।  
डा रामचरण तैं निंद आइ च धौं कि ना पर डा रामचरण रात द्वी बजी लैब बिल्डिंग का तरफ चल दे।  डा रामचरण अफिक बुदबुदाणु छौ - यदि रसायन से बैक्टीरियों प्रजनन शक्ति प्रभावित हुणै च तो अवश्य ही नया बैक्टीरियों मा नई तरह की गैस बणाणै शक्ति ऐ गे होलि। 
डा रामचरण आदतन रात बि लैब मा काम करदा छ तो लैब बिल्डिंग का चौकीदारन डा रामचरण तै बिल्डिंग भितर जाणि दे।  जनि डा रामचरणन लैब का द्वार खुलिन तनि जोर की आवाज आई अर बिल्डिंग मय डा रामचरण अर चौकीदार सहित आग मा धू धू करिक जळी गे। 
कै तैं नि पता छौ कि बिल्डिंग पर अचानक आग किलै लग।  हाँ डा धरम सिंग तैं त पता छौ पर ए बगत तो डा धरम सिंग सियां छया। 
16/3/15 @ Bhishma Kukreti 

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