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श्री राम अनुज भरत के खोने की पुलिस रिपोर्ट
चबोड़्या स्किट ::: भीष्म कुकरेती
(स्थान दिल्ली पुलिस स्टेसन, समय कभी भी , किसी भी समय , युग आज , भोळ /कल और पर्स्युं /परसों )
मुन्ना भाई -पुलिस इंस्पेक्टर मि तैं रिपोर्ट लिखवाण !
पुलिस इंस्पेक्टर - तो भैर हवलदारम लिखवावो ! मीम किलै ऐयाँ ? मि छुट मुट लोगुं रिपोर्ट नि लिखुद।
मुन्ना भाई -त मि कौनसे छुट मुट आदिम छौं। मि मुन्ना भाई छौं।
पुलिस इंस्पेक्टर -मुन्ना भाई ?
मुन्ना भाई -हाँ
पुलिस इंस्पेक्टर -पर जख तक अखबारुं रिपोर्ट च मुन्ना भाई यरवदा जेलम बंद च। पेरोल नि मिलण से दुखि च। बिचारो ! वै तैं कॉंग्रेस सरकारौ जाणो बाद पेरोल पर छुट्टि बि नी मिलणी च। पैल त वैक कुत्ता तैं छींक बि आदि छे तो पेरोल पर छुट्टि मिल जान्दि छे।
मुन्ना भाई -मि बिहारक छौं। मुन्ना भाई म्यार निक नेम च।
पुलिस इंस्पेक्टर - अच्छा ! तो आप कै जेल मा छया ?
मुन्ना भाई -मि अर जेल ? अरे जब मि तैं जेल हूंदी छे तो जेल बि पंच तारा होटल मा तब्दील ह्वे जांद छा।
पुलिस इंस्पेक्टर -औ तो इन ब्वालो कि आप चारा घोटाला सम्राट लालू यादव जीक रिस्तेदार छंवां।
मुन्ना भाई -इंस्पेक्टर तुम हद पार करणा छंवां हाँ ! लालू जी पर आप अभियोग नि लगै सकदां अबि ऊँक केस हाइ कोर्ट मा चलणु च।
पुलिस इंस्पेक्टर - आप मुन्ना भाई छंवां कि लालू जीक रिस्तेदार ?
मुन्ना भाई -मि क्वी बि छौं मि तैं रिपोर्ट लिखवाणो अधिकार च।
पुलिस इंस्पेक्टर -चलो क्यांक रिपोर्ट च ? किडनैपिंग , रॉबरी , चोरी , औरतों से गहने छीनना, एक्जोरसन , अपहरण , बलात्कार , उत्तर पूर्व का लोगुं पर अत्याचार या ?
मुन्ना भाई -नै नै यु कुछ नी च।
पुलिस इंस्पेक्टर -तो ?
मुन्ना भाई -कैक हर्चणो रिपोर्ट च।
पुलिस इंस्पेक्टर -कख हरच ?
मुन्ना भाई -हर्च त पटना बिहार मा च।
पुलिस इंस्पेक्टर -त पटना मा रिपोर्ट लिखवावो !
मुन्ना भाई -नै वा जब तक पटना मा छे तब तक वींक हर्चणो सवाल इ पैदा नि हूंद छौ बस वा दिल्ली ऐ तो हर्चि गे।
पुलिस इंस्पेक्टर -वो त हर्चण वाळ जनानी च ?
मुन्ना भाई -हाँ बुलद त इनि छन।
पुलिस इंस्पेक्टर -मतबल ?
मुन्ना भाई -अब जब हम वींक नाम लींदा तो स्त्रीलिंग का रूप मा प्रयोग करदा। जन कि मरद कमीज पैर्दो तो भी कमीज स्त्रीलिंग ही हूंद ना कि पुल्लिंग।
पुलिस इंस्पेक्टर -अच्छा वा कख रौंद छे ?
मुन्ना भाई -वा परमानेंट च रौंद कखि नी च।
पुलिस इंस्पेक्टर - परमानेंट च रौंद कखि नी च। क्या मतबल ?
मुन्ना भाई -अब बूड बुड्या अर विद्वान तो याइ बुल्दन।
पुलिस इंस्पेक्टर -अच्छा कुछ हौर कुछ पछ्याणक ?
मुन्ना भाई -वींक बारा मा सब तैं पता च पर आज तक कैन नि द्याख ?
पुलिस इंस्पेक्टर -हवलदार ! ये तैं पागलखाना ली जावो।
मुन्ना भाई -हाँ पर वींक नाम आत्मा च जि !
पुलिस इंस्पेक्टर -आत्मा हर्ची गे ?
मुन्ना भाई -हाँ !
पुलिस इंस्पेक्टर -हवलदार ! जल्दी आवो ये तैं पागलखाना ली जावो।
मुन्ना भाई -हाँ हाँ भरत की आत्मा हर्ची गे।
पुलिस इंस्पेक्टर -भरत की आत्मा हर्ची गे ?
मुन्ना भाई -हाँ भरत की आत्मा हर्ची गे।
पुलिस इंस्पेक्टर -भरत की आत्मा कु क्या मतबल ? क्या तुमन या आत्मा देखि छे ?
मुन्ना भाई -आत्मा दिखेंदि नी च केवल महसूस करे जांद।
पुलिस इंस्पेक्टर -महसूस करे जांद ? हवलदार ! अरे कख मोर्यां छवाँ ? ये आदिम तैं पागलखाना भ्याजो !
नेपथ्य से एक आवाज - सब केजरीवाल पार्टी का विधायक जीक समर्थकों तैं रेड मारण से रुकणो जयां छन। एक बि हवलदार पुलिस स्टेसन मा नि छन। मि छुट्टन चेन स्नैचर ही कोतवाली दिखणु छौं।
मुन्ना भाई -हाँ भै मीन वीं आत्मा तैं महसूस कौर छे।
पुलिस इंस्पेक्टर -कैक आत्मा ?
मुन्ना भाई -श्रीराम अनुज भरत की आत्मा।
पुलिस इंस्पेक्टर -श्रीराम अनुज भरत की आत्मा? पर कख महसूस कौर छे ?
मुन्ना भाई - जतिन राम मांझी की आत्मा ! मीन महसूस कार कि मांझी की ही आत्मा भरत की आत्मा च।
पुलिस इंस्पेक्टर -जतिन राम मांझी ! जतिन राम मांझी ! मीन यु नाम सुण्यु सि च।
मुन्ना भाई -बिहार का मुख्यमंत्री ! मतबल भूतपूर्व मुख्यमंत्री !
पुलिस इंस्पेक्टर -तो तुमर बुलणो अर्थ च कि जतिन राम मांझी की आत्मा हर्ची गे ?
मुन्ना भाई -हाँ बि अर ना बि !
पुलिस इंस्पेक्टर -हाँ बि अर ना बि? छुट्टन ! अरे अपण छुटभयों कुण बोल कि ये तैं पागलखाना ली जावन।
नेपथ्य से एक आवाज -सब कोऑपरेटिव सोसाइट्यूं चुनाव कैम्पियन मा उत्तर प्रदेश जयां छन। कुछ नि ह्वे सकद।
पुलिस इंस्पेक्टर -हाँ बि अर ना बि को क्या अर्थ च महाराज ?
मुन्ना भाई -मतलब जब मीन जतिन राम मांझी तैं राज पाठ सौंपी छौ तो मीन मांझी की आत्मा मा श्री राम अनुज भरत की आत्मा देखि छौ। अर सोचि छौ कि मि चौदह मैना कु वनवास ले ल्यूलु तो फिर चुनाव मा सिम्पैथी का बल पर जीत जौलु अर फिर से बिहार का मयख्य्मन्त्री बण जौलु।
पुलिस इंस्पेक्टर -आप छन कु ?
मुन्ना भाई -मि नितीश कुमार छौं।
पुलिस इंस्पेक्टर -पर आपन तो अपण नाम मुन्ना भाई बताइ ?
मुन्ना भाई -हां मुन्ना भाई म्यार निक नेम च।
पुलिस इंस्पेक्टर -नितीश जी ! तो आपक बुलण च कि जतिन राम मा श्रीराम अनुज भरत की आत्मा छे ज्वा हर्ची गे ?
मुन्ना भाई -हाँ।
पुलिस इंस्पेक्टर -कै हिसाबन तुम इन बुलना छया।
मुन्ना भाई -मीन सोची छौ कि जतिन राम प्रॉक्सी चीफ मिनिस्टर रालो अर जब जरूरत होली मि मुख्यमंत्री बण जौलु पर जतिन राम मांझी तो असली मुख्यमंत्री ही बण गे छौ।
पुलिस इंस्पेक्टर -एक मिनट हाँ ! अरे छुट्टन ! जरा सहायता कौर हाँ !
छुट्टन (प्रवेश ) - हाँ साब ब्वालो !
पुलिस इंस्पेक्टर -यी नितीश कुमार छन अर युंक च्याला जतिनराम माँझिन यू तैं धोखा दे दे। अब यि दिल्ली मा भरत की वीं आत्मा खुज्याणो अयाँ छन जो मांझीजी का शरीर मा छे।
मुन्ना भाई -हाँ मांझीजी मा ज्वा श्रीराम भरत की आत्मा छे व हर्ची गे।छुट्टन -तो आप अफु तैं श्री राम समजदां ?
मुन्ना भाई -हाँ मेरी छवि श्री राम जन च।
छुट्टन चेन स्नैचर -मतबल आप श्रीराम छन ना ?
मुन्ना भाई -हाँ एक हिसाब से।छुट्टन चेन स्नैचर -इंस्पेक्टर साब असल मा श्रीराम अनुज भरत की आत्मा नि हर्ची बल्कण मा श्रीराम की आत्मा ही हर्ची गे।
मुन्ना भाई -क्या मतबल ? मि त पाक साफ़ राजनीतिज्ञ छौं।
छुट्टन चेन स्नैचर -धिक्कार च इन पाक साफ़ राजनीतिज्ञ पर। आत्मा तो नितीश कुमार की हर्चीं च अर मजाक या च कि नितीश कुमार भरत की आत्मा खुज्याणु च।
मुन्ना भाई -यह मेरी तोहमत है।
छुट्टन चेन स्नैचर -सुणो जी ! श्रीराम का स्वयंभू अवतार ! जरा तुम अपण आत्मा की परख कारो अर द्याखो कि तुमन कन जयप्रकाश जी तैं धोखा दे ? फिर लालू तैं हठाणो बान त्रियाचरित्र का बल पर अठारा साल भाजपा से ब्यौ रचाई अर फिर सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली का तर्ज पर भाजपा तैं नॉन सेक्युलर बतैक भाजपा से तलाक ले अर जै कॉंग्रेस विरोध का बल पर सत्तासीन हुयाँ वीं कॉंग्रेस का खुट ध्वेक चरणामृत प्यायी। जै लालू तैं तुमन चोर , डाकू , हत्त्यारा , भ्रष्ट बथैक बिहार का मुख्यमंत्री पद हथियाई अब वै इ लालू प्रसाद यादव का घौर पर सींदा। आत्मा तो तुम्हारी हर्चीं च ना कि जतिन राम मांझी की ! आप अपन आत्मविश्लेषण कारो तो शायद श्री राम अर भरत की आत्मा कु अर्थ समझ मा ऐ जाल।
मुन्ना भाई -चेन स्नैचर अर मि तैं आत्मज्ञान कु ज्ञान दीणु च ?
छुट्टन चेन स्नैचर -अरे नितीश कुमार जी ! मि त जौंमा छ वी चोरी करदु। तुम तो जौंमा नी च ऊंक आशा खत्म करदां , अभिलाषाऊँ तैं पैदा हुंदी खड़्यार दींदा , अरमानुं तैं जळै दींदा , सब्युंक लालसा , ऐश सफाचट कर दींदा। आत्मा की खोज की आवश्यकता तो आप तैं च ना कि जतिन राम मांझी तैं !
पुलिस इंस्पेक्टर -छुट्टन चेन स्नेचर सही बुलणु च। आवा अपण आत्मा हर्चणो रिपोर्ट लिखवावो !
2/3/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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