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::: भीष्म कुकरेती
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::: भीष्म कुकरेती
भारत मा बड़ आदिमौ पदवी बान रामानुजम , आचार्य भरत या न्यूटन बणनै जरूरत नि पड़दि अपितु जवाहर लाल नेहरू बणन पड़द जै तैं अंग्रेजी बुलण आवो, अंग्रेजी स्टाइल से खाणा खाण आवो अर अंग्रेजी मा हौंस साको।
दर्जा छै बिटेन दगड़्योंन या मास्टरुंन दिमाग मा हीन भावना का इंजेक्शन घुसै दे छौ बल जैतैं भारत मा इंग्लिस बुलण नि आवो वु इंडिया क्या अफ्रिका मा बि बसण लैक नी च।
त दर्जा दस तलक म्यार 86. 57 टका समय अंग्रेजी सिखणम लग अर 13. 43 समय बाकी विषयों पर लग। अंग्रेजी पर ध्यान अर गणित तै बिसरण इ जिंदगी बण गे छै।
इंटर मा गेवां त चरण सिंग उत्तर प्रदेसौ मुख्यमंत्री छा। चरण सिंग , देवीलाल या लालू यादव माने भारत तैं पाषाण युग की तरफ लिजाण वळ नेतृत्व ! अपण अजीत सिंग तै जनि चरण सिंगन अमेरिका भ्याज कि चरण सिंगन उत्तर प्रदेशम अंग्रेजी विषय ह्टाणो बान इंटरमीडियट मा पांच कि जगा चार विषय कर देन। एक जनरल विषयौ तहत मीन अंग्रेजी सिखण से संबंध राख।
बीएससी , एमएससी मा अच्छु ह्वे कि अंग्रेजी माध्यम छौ त अंग्रेजी सिखण जरूरी छौ। बीएससी मा अंग्रेजी सिखणो बान ग्रामर की तीन चार हौर किताब ख्ररीदेन। द्वी चार डिक्सनरी हौर खरीदेन। अंग्रेजी लिखण त ऐ गे किन्तु हिंदी प्रभाव याने सरल वाक्य तै बि पास्ट पार्टिसिपल बणाणै आदत आज बि नि गे याने 'आई फिनिश्ड वर्क' की जगा 'वर्क इज फिनिश्ड बाइ मी' की बीमारी अबि बि ज़िंदा च।
मी पूरो आशावादी छौं कि ऑफ अर फौर कु सही प्रयोग मरण से पैल त समजी ल्योलु ।
एमएससी मा सबसे पैल काम इ कार कि इंग्लिश हिंदुस्तान टाइम्स मंगाण शुरू कर दे। समाचार पढ़णो कुण हिंदी कु 'दैनिक हिन्दुस्तान ' अर अंग्रेजी सिखणो कुण इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान !
हाउ टु स्पीक इंग्लिश बुक बि मेरी लाइब्रेरी मा ऐ गे छै।
एमएससी का प्रवेश का साथ साथ एक अति हीन भावना प्रवेश का साधन बि ऐ गे छा। देहरादून मा हाइ स्कूल , इंटर या ग्रेजुएशन लक्ष्मण विद्यालय या गुरुराम राय से कार तो अंग्रेजी आंदि च या नि आंदि से क्वी हीन भावना नि ऐ किलैकि अधिसंख्य छात्र तो गंगासलाण या टिहरी का ही छा अर मेरा भी हाल तेरा जैसा जन छौ। अंग्रेजी बुलणो का मामला मा हम सब इकजनि छा। मास्टर बि अधिकतर उनी छा तो हीन भावना आणै क्वी साधन लक्ष्मण विद्यालय या गुरुराम राय कॉलेज मा नि छा।
किन्तु जनि हम एमएससी मा डीएवी कॉलेज मा आंवां कि हमर तीन दगड़्याणी कॉन्वेंट स्कूल की छन (एक तो डा रतूड़ी उर्फ़ शर्मा जी की नौनी छे ) अर बकै हम सब जिला परिषद का पळयां पुस्यां छात्र छा। अर यी छोरी बि कृष्ण जन बड़ी नटखट छोरी छा। यी तिनि अपण आपसम त इंग्लिश मा बचळयांदा छा किंतु हमर दगड़ विशुद्ध हिंदी मा बचळेंदी छा अर जतांदा छा कि ऊंकी अंग्रेजी हमर समज मा नि आण। अब मेकुण एमएससी मा फस्ट आण उद्देश्य नि छौ अपितु अंग्रेजी मा बचळयाण मुख्य उदेश्य ह्वै गै छौ।
म्यार दगड़ छौ गिरीश ढौंडियाल , जु अब म्यार जेठू जी छन। गिरीश लैंग्वेज सिखणम बड़ो उस्ताद च तो वै तै में से अधिक अंग्रेजी बुलण आंद आज बि। पर कॉन्वेन्टी दगड़याण्युं समिण गिरीश बि कमजोर इ छौ। इथगा मा हमर सीनियर श्री अविनाश पांडे से परिचय ह्वे अर हमर आइडियल /आदर्श बण गेन।
अविनाश जीन सिखाइ बल अंग्रेजी मा बचळेण त अंग्रेजी जासूसी या लव (पॉपुलर साहित्य ) उपन्यास पौढ़ो अर अंग्रेजी फिलम । बस मीन अर गिरीशन हर दिन अंग्रेजी उपन्यास पढ़न अर हफ्ता मा ओडियन मा एक अंग्रेजी फिलम दिखण शुरू कर दे। पिताजीक भिज्यां अदा पैसा अंग्रेजी सिखणम लगिन।
मुंबई औं अर मर्फी रेडिओ मा सेल्स मा नौकरी लग। अंग्रेजीम रिपोर्ट लिखणम त मि ठीकी छौ किंतु फर्राटेदार अंग्रेजी बुलण कमजोरी ही छे। ब्रिटिश इंस्टीच्यूट से कॉरेस्पोंडेंट इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स बि कार , आठ दस किताब बि खऱीदेन किन्तु बुलणम तो ..
ये दौरान कथगाौंन सलाह दे कि क्रिश्चियन छोर्युं दगड़ कारो। मि तैं त अंग्रेजी मा बचळयाण सिखण छौ तो तीन सालम तीन छोर्युं दगड़ दोस्ती बि कार। स्याम दै छोर्युं दगड़ घुमण लगी ग्यों। यदि तुम प्यार का वास्ता बिजिनेस कारो तो अवश्य ही प्यार मिल जालो। किंतु बिजिनेस का वास्ता प्यार करे जावो तो ना तो बिजिनेस ठीक चौलल नाही प्यार मीलल। म्यार दगड़ बि इनि ह्वे। प्यार मा बि असफलता, अंग्रेजी बि नि सीख सौकु उल्टां म्यार बौद्धिक स्तर ही गिर ग्ये छौ।
खैर आज बि मि रोज अंग्रेजी सिखणो बान क्वी ना क्वी किताब जन कि इंग्लिश ग्रामर , इंग्लिश प्रोवर्ब , इंग्लिश जोक्स पढ़णु रौंद। सैत च अब ढब इ पड़ गे धौं।
हाँ यांसे फैदा यू ह्वे कि मि मैनेजमेंट राइटर , हिस्ट्री राइटर अर गढ़वाली लिटरेचर क्रिटिकल हिस्टोरियन अवश्य बण ग्यों।
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19/9 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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