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Thursday, September 21, 2017

कटघरे में भाजपा को होना था किंतु कटघरे में विरोधी पार्टियां खड़ी हैं

चाबुक चोट: भीष्म कुकरेती
      बहुत पहले एक लोककथा पढ़ी थी कि जिसमे चिड़ियाओं के बुजुर्ग ने चिड़िया  समूह से कहा कि याद रखना - बहेलिया आएगा , जाल बिछायेगा , दाना डालेगा,  फंसना मत।  सभी चिड़ियाँ जोर जोर से रटने लगे  -बहेलिया आएगा , जाल बिछायेगा , दाना डालेगा, फंसना मत। 
    इतने में बहेलिया आया उसने जाल बिछाया , दाना डाला और बैठ गया ।  चिड़ियाएं 'बहेलिया आएगा , जाल बिछायेगा , दाना डालेगा, फंसना मत' बोलते बोलते दाने के लोभ में जाल में फंस गयीं। 
     यही हाल आज विरोधी पार्टियों का है।  उन्हें पता है भाजपा उन्हें जाल में फंसाएगी किन्तु ऐन बक्त पर विरोधी दल ऐसी मूर्खता पूर्ण हरकत करते हैं कि जनता विरोधी दलों को समस्याओं का पिता मानने लगती है। 
       रोहिंग्या शरणार्थी भारत में कुछ सालों से रह रहे हैं।  अचानक रोहिंग्या शरणार्थी विरोधियों की ऐसी समस्या बन गयी कि यदि रोहिग्याओं को भारत से खदेड़ा गया  तो बहुत बड़ा  पहाड़ गिर जायेगा। 
       न्यूज चैनलों में विरोधी दल वाले , विरोधी दल समर्थक बुद्धिजीवी और मुस्लिम मौलवी  रोहिंग्याओं के समर्थन में ऐसा चिंघाड़ते हैं कि पागल हाथी भी शरमा जाय , ऐसा गुर्रातें हैं कि बब्बर शेर भी थर्रा  जाय और भाजपा के प्रवक्ता इन विरोधी दलों के प्रवक्ताओं के  मूर्ख वक्तव्यों पर ऐसे हँसते हैं जैसे लाफ्टर चैलेन्ज प्रोग्रैम हो रहा हो। 
    आठ दस दिनों से टीवी , पत्र पत्रिकाओं व सोसल मीडिया में रोहिंग्या बहसों से ऐसा लग रहा है याने आम भारतीयों के मन में ऐसी धारणा बन रही है जैसे रोहिंग्या समस्या समाजवादी पार्टी , ओवसी या वक्फ बोर्ड ने पैदा की हो और  कॉंग्रेस , कम्युनिष्ट व ममता बहिन  रोहिंग्याओं को भारत का नागरिक बनाना चाहते हैं।  आम जन के मध्य तो यही धारणा बन रही है। 
   मुझे तो विरोधी दलों की रणनीति पर अट्टाहास करने का दिल करता है कि ऊल जलूल बयानबाजी से आम हिन्दुओं के मन में ये बेचारे खलनायक बन गए हैं।  मुस्लिम तुष्टीकरण  की स्वार्थ भरी इच्छा इन विरोधियों को रावण , कंस और पाक समर्थक बनवा दे रही है।  भाजपा ने इन रोहिंग्या समर्थक विरोधी दलों को आतंकवादियों का मित्र बना दिया है।  
    कटघरे में तो भाजपा को होना चाहिए था , विलियन तो एनडीए को होना चाहिए था और दोषी बन गए विरोधी दल।  भाजपा की सरकार है तो सरकार का कर्तव्य है , जुम्मेवारी है कि इस समस्या को समाप्त करे। सरकार को राजनैयिक , कानूनी तौर पर रोहिंग्याओं को सही सलामत म्यांमार भेजना चाहिए।  यदि समस्या समाधान नहीं हो रहा  है तो भाजपा सरकार जुम्मेवार है।  यदि कोई रोहिंग्या शरणार्थी आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है तो गृहमंत्री दोषी हैं कि वे ऐसी गतिविधियां होने कैसे दे रहे हैं।  जबाबदेही तो विदेश मंत्रालय व गृह मंत्रालय की है   किन्तु आम जनता (हिन्दू ) तो मान बैठी है कि सारी  समस्या की जड़ कॉंग्रेस व सेक्युलर पार्टियां हैं।  सेक्युलर पार्टियां पाक में बैठे आतंकवादी संगठनों के समर्थक बने दिख रहे हैं।  
  मेरा तो मानना है कि भाजपा सरकार को रोहिंग्याओं को शीघ्र ही म्यांमार भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए और किसी और पर अपना कीचड़ नहीं लपोड़ना चाहिए। 
   किन्तु ऐसा होगा नहीं विरोधी दल मुस्लिम तुष्टिकरण नीति के तहत रोहिंग्याओं के समर्थन में ऊल जलूल बयान देंगें और हिन्दुओं के मन में विलियन , खलनायक व पाक आतंकवादी समर्थक बनेंगे।  भाजाप जाल बिछाएगी,  रोहिंग्या जैसी समस्या उछालेगी और विरोधी दल जानते हुए भी भाजपा के जाल में फंसेगें। 
     
    21 /9 /2017 Copyright @ Bhishma Kukreti 

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