उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Sunday, January 27, 2013

मुम्बैम रौणौ परमिट

गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
                    मुम्बैम रौणौ परमिट
                            चबोड्या: भीष्म कुकरेती
(s=-माने आधी अ )
ब्याळि मीन अपण घरवळि कुणि बोलि बल आधार कार्ड बणानो जाण।
त घरवळिन बोलि," बुड्या ह्वे गेवां पण अबि तलक तुमर समज माँ कु काम अर्जंट च , कु काम महत्वपूर्ण च , कु काम जरूरी च पण महत्वपूर्ण नी च जन बात छंट्याण नि आयि।"
मीन पूछ ," अरे पण आधार कार्ड बणान जरूरी बी च अर अर्जेंट बि च।"
वींन बोलि," हां आधार कार्ड जरूरी जरूर च पण अर्जेंट कतै नी च।"
मीन बोलि," हां पण आधार कार्ड टैम पर बौणि जा त ...?"

घरवळिन रुसेक ब्वाल," तै बुड्याs खज्यात ऐ गे . मि कथगा सालुं से बुलणु छौं बल मुम्बैम रौणौ परमिट बणाओ पण मेरि कु सुणदु ?"

मीन बोलि," पण हमम राशन कार्ड च , हम सब्युंम अपण अपण वोटिंग कार्ड च त फिर ...?"
घरवळिन रुणफति ह्वेक ब्वाल,' पण हमम मुम्बैम रौणौ परमिट नी च . मि इथगा सालों बिटेन तुमर पैथर पड्युं रौं बल बाल ठाकरे ज्योर मांगन मुम्बैम रौणौ परमिट लया, परमिट लया पण मजाल च जु तुमन मेरि सुणि होलि धौं . अब त बिचारा ठाकरे ज्योर भग्यान बि ह्वे गेन।"
मीन बोलि," पण .."
वींन जोर से ब्वाल," अब आजि तुम राज ठाकरे जिठा जीमा जावो अर मुम्बैम रौणौ परमिट बणैs लैया।"
मीन बुलण चाइ पण वींन नि सुणि अर बुल्दि गे," सुणो ! जु राज ठाकरे जिठा जि पूछल कि तुम महाराष्ट्रियन छंवां कि ना त जबाबम अपण बवे अर बैणि सौं घौटिक बुलेन कि तुम शत प्रतिशत महाराष्ट्रियन छंवां। कखिम बि उत्तराखंड को नाम नि गाडिन !"
"पण मीम सन चौवहतरो राशन कार्ड च बल मि पक्को महाराष्ट्रियन छौं।" मीन तर्क दे
"नै नै ! राज ठाकरे जिठा जीक बुलण च बल इख बंगलादेस्यूंन घूस देकि अपण ददाओं राशन कार्ड बि बणायां छन। त तुम तै राज जिठा ज्योरू समणि सौंइ घटण पोड़ल कि तुम पक्का महाराष्ट्रियन छंवां।" घरवळिन समजाई
मीन बोले ," पण "

वींन मि तै बुलण नि दे," तुम तै नी पता अमेरिका म रौणो वीसा मिलण सरल च अर राज जिठा जी बिटेन मुम्बैम रौणौ परमिट पाण भारि कठण च।जु राज जिठा जी पूछ्ल बल तुम तै मराठी आन्दि च कि ना त मराठी माँ ना अंग्रेजीम सौं घटिन बल तुम तैं इ ना तुमर संतान तै बि मराठी पढ़ण अर लिखण आंद च।"
मीन पूछ," पण मराठी म किलै नि बचऴयाण?"

घरवळिन खुलासा कार," तुमर हिंदी मा इ गढ़वाळी भौण आन्दि त राज जिठा जीक समणि मराठीम बचळेऴया त वूं तै शक नि ह्वे जावो कि तुम बिहारी छौंवां।"
मीन अपण तर्क दे," पण राज जी उतराखंड्यूँ से नि चिर्याड़न्दन। मि बोलि सकदो कि मि उत्तराखंडी छौं अर अब महाराष्ट्रियन छौं।"

घरवळिन गुस्सा ह्वेक ब्वाल," तुम सरीखा लाटा -काला-स्वमा लीन उतराखंड्यूँ तै गलतफहमी च बल राज ठाकरे ज्योर सरीखा लोग जाणदा छन कि उत्तराखंड बि क्वी जगा च। अरे जब सूबा को मुख्यमंत्री तैइ नी च पता कि उत्तराखंड क्या च त हौरुं तै क्या पता कि उत्तराखंड बि क्वी परदेस च। बस राज ज्योरु समणी तुम केवल अंग्रेजीमा ही मराठी माणस की ही छ्वीं लगैन।"
मीन बोलि," अरे पण .."
बगैर मेरि बात सुण्या वींन हिदैत दे," अर सुणो ! राज जिठा जि हुस्यार मनिख छन वु तुम तै पूछि सकदन कि रिटायरमेंटो बाद कख सेटल हूण त भूलिक बि अपण इच्छा नि बथैन कि देहरादून। बोलि देन कि तुम तै आमचि मुंबई से बडो प्रेम च अर बुढ़ापाम इखि मुम्बैमा इ रैल्या।"

मीन आखरि बार कोशिस कार," अरे भई जब आधार कार्ड मील जालो त अफिक ही मि मुंबईक नागरिक ह्वे जौलु।"
वींको तर्क छौ," नै नै ! राशन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड त खालि साबित करदन कि तुम भारतीय छौंवां पण राज ज्योरू मुम्बैमा रौणौ परमिट से तुम खुले आम मुंबईमा घूमि सकदवां। आज भारतम भारतीय हूण जरूरी नी च बल्कणम स्थानीयता को पुजारी,स्थानीयता को गुलाम हूण जादा जरूरी च।",
मि घंघतोळ मा छौं बल पैल मुम्बैमा रौणौ परमिट बणौ कि भारतीय हूणों प्रमाणपत्र आधार कार्ड बणौ ?

Copyright@ Bhishma Kukreti 28/01/2013

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments