गढ़वाली हास्य व्यंग्य
ओम प्रकाश घोटाला क जेल जांद दै ब्वेको अड़ाण
चबोड्या: भीष्म कुकरेती
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
(s=-माने आधा अ )
ब्यटा ओम प्रकाश ! आज मेरि जिन्दगी सुफल ह्वे गे . एक राज्नीतिग्यौ ब्वेक एकि गाणि /स्याणि /इच्छा होंदि बल वींको लायक -नालायक पुत्र भ्रष्टाचारओ मामलाम जेल आंदो जान्दो रावु . आज हरियाणवी देवी क कृपा से तू अर त्यार नौनु घोटाला केसमा जेल जाण से मेरी जिन्दगी क असली अभिलाषा पूरी ह्वे गे।
ब्यटा उ जमानो और छा जब नेता लोक अंग्रेजी राजो खिलाफ जेल जांदा छा . आज त जब तलक क्वी नेता भ्रस्टाचारो मामलाम जेल नि जांद त जनता वै नेता तै असल राजनीतिग्य नि माणदि . जन असली सोना भट्टीम पकिक चमकदो उनी अचकालो नेता अनाचार, ब्यभिचार, अत्याचार, भ्रष्टाचारक मामलाम जेल जैक इ चमकदो . सि अंतुले , लालू प्रसाद यादव , जय ललिता , अशोक चौहाण , अजित पंवार , अजित जोगी ,मधु कोड़ा, शिबू शरीन , यदुरप्पा , मुलायम सिंह यादव,वीर भद्र सिंह आदि भूत पूर्व मुख्य मंत्र्युं/उप मुख्य मंत्र्युं नाम तबि जादा बढ़ जब यूं पर भ्रष्टाचारो गम्भीर आरोप लगिन । आज सफल राजनीतिग्य वो इ माने जांद जो भ्रष्टाचारी च इलै मि खुश छौं कि म्यरो पुत्र जेल जाणु च .
ब्यटा बीर भोग्या वसुंधरा . या धरती भोगणों बान इ च . त हरेक नेता क पैलो अर आख़िरी काम च, कर्तव्य च जै बि तरां से ह्वे साको समाज अर सरकार को धन , धरती तै बेईमानी से लूटो , खसोटो अर अपण सात पुस्तों कुणि माल जमा कारो।
हां ब्यटा जरा जेल जांद दें ध्यान दीण कि इन दिखायो जाव जन बुल्यां तू कै बड़ो कामौ खातिर या जन हितौ खातिर जेल जाणि छे . खासकर भ्रष्टाचारो मामलाम जेल जांद दै जन-सैलाबों इंतजाम करण चएंद अर प्रेस कौन्फेरेंस जरूर करण चएंद . प्रेस कौन्फेरेंस मा अफु पर लग्यां अभियोगुं तै अपण जाति या समुदायों दगड़ जरूर जुड़ण चयेंद जांसे जनता इन मानि ल्याओ कि तु भ्रष्टाचारो मामलाम जेल नि छे जाणि बल्कणम अपण जातिक भलै बान जेल जाणि छे अर सरकार पर अभियोग लगाण नि बिसरि बल या सरकार एक ख़ास समुदाय तै तंग करणों बान त्वे तै जेल भिजणी च .
ब्यटा घोटालाबाज ! जेल या न्यायपालिका से कतै नि घबराण . जेल या न्यायालयम केस आणों मतबल च कि अब त्यारो ऐबों बात क्वी नि कौर सकदो . जब बि क्वी ऐबी त्यरो घोटाला बाराम बात कारो वै तै याद दिलाइ दे कि चूंकि केस अब न्यायालयम च घोटाला बाराम बात करणों मतबल माननीय न्यायालय की अवमानना या तौहीन करण .
फिर तुम सरीखा राजनीतिज्ञों कारण ही न्यायपालिकाम रिफोर्म नि ह्वे सकणु च जां से न्याय समौ पर ह्वे साको। समौ पर न्याय नि मिलण तुम सरीखा अनाचार्युं वास्ता एक औषधि च अर तुम बेखटक राजनीति क चारागाहोंम घूमि सकदां।
ब्यटा जेल जाण माने पारस पथरो पास जाण . उख तुम सरीखा नेताओं बान कै चीजै कमि नी च . त जेल जाण से घबराणै जरूरत नी च . जेल जाण से कथगा इ फैदा छन जन कि उख सैकडाक नेता छन त उख नया तरांक घोटाला , सामजिक -सरकारी चोरी सिखणो मौक़ा बि मिल्दो .
हां एक बातो ध्यान जरूर धरी कि कै बि तरां से आत्म ग्लानि या आत्म ज्ञानो चक्कर मा नि फंसी कखि त्वे तै आत्म ज्ञान को रोग लगि गे त समजी ले कि हमारि मवासी चौपट ह्वे जालि . जब बी उख इकुलासम आत्मग्लानि या आत्मग्यानो बिमारि समणी आवो त लोभ, लालसा, अभिलाषा , आकांक्षा , महत्वाकांक्षा दिव्तों सुमरण करदी जै फिर इनमा आत्म ग्लानि नामै बिमारी आस पास नि आंदी
Copyright@ Bhishma Kukreti 17/01/2013
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