Characteristics of Garhwali Folk Dramas, Folk Theater/Rituals and Traditional Plays part -205
Classical Rag Ragini, Tal, Bol, Music Beats, Music Notations or Music Scripts in Garhwali Folk Songs and Folk Music part -35
गढ़वाली लोक नृत्यगीत- संगीत (गढ़वाली लोक नाटकों ) में शास्त्रीयसंगीत स्वर लिपि, ताल, राग रागिनी-35
Presented by Bhishma Kukreti (Folk Literature Research Scholar)
कृष्ण जन्म कथा जागर लोकनृत्य -गीत की संगीत स्वर लिपि
जमुना पार होलू कंसु को कंसकोट
जमुना पार होलू गोकुल बैराट
कंसकोट होलू राजा उग्रसेन
तौंकी राणी होली राणी पवनरेखा
बांयीं कोखी पैदा पापी हरिणा कंश
दांयी कोखी पैदा देवतुली देवकी
ओ मदु बामण लगन भेददा
आठों गर्भ को होलू कंसु को छेदक
हो बासुदेव को जायो प्रभो , जसोदा को बोलो
देवकी नंदन प्रभो , द्वारिका नरेश
भूपति-भूपाल प्रभो , नौछमी नारेणा
भगत वत्सल प्रभो , कृष्ण भगवान्
हो परगट ह्व़े जाण प्रभो, मृत्यु लोक मांज
घर मेरा भगवान अब , धर्म को अवतार
सी ल़ोल़ा कंसन व्हेने , मारी अत्याचारी
तै पापी कंसु को प्रभो कर छत्यानाश
हो देवकी माता का तैंन सात गर्भ ढेने
अष्टम गर्भ को दें , क्या जाल रचीने
अब लगी देबकी तैं फिलो दूजो मॉस
तौं पापी कंस को प्रभो, खुब्सात मची गे
हो क्वी विचार कौरो चुचां , क्वी ब्यूँत बथाओ
जै बुधि ईं देवकी को गर्भ गिरी आज
सौ मण ताम्बा की तौन गागर बणाई
नौ मण शीसा को बणेइ गागर की ड्युलो
हो अब जान्दो देवकी जमुना को छाल
मुंड मा शीसा को ड्युलो अर तामे की गागर
रुँदैड़ा लगान्द पौंछे , जमुना का छाल
जसोदा न सुणीयाले देवकी को रोणो
हो कू छयी क्या छई , जमुना को रुन्देड
केकु रूणी छई चूची , जमुना की पन्दयारी
मैं छौं हे दीदी , अभागी देवकी
मेरा अष्टम गर्भ को अब होंदो खेवापार
हो वल्या छाल देवकी , पल्या छाल जसोदा
द्वी बैणियूँ रोणोन जमुना गूजीगे
मथुरा गोकुल मा किब्लाट पोड़ी गे
तौं पापी कंस को प्रभो , च्याळआ पोड़ी गे
हो अब ह्वेगे कंस खूंण अब अष्टम गर्भ तैयार
अष्टम गर्भ होलो कंस को विणास
अब लगी देवकी तैं तीजो चौथो मॉस
सगर बगर ह्व़े गे तौं पापी कंस को
हो त्रिभुवन प्रभो मेरा तिरलोकी नारेण
गर्भ का भीतर बिटेन धावडी लगौन्द
हे - माता मातेस्वरी जल भोरी लेदी
तेरी गागर बणे द्योलू फूल का समान
हो देवकी माता न अब शारो बांधे याले
जमुना का जल माथ गागर धौरयाले
सरी जमुना ऐगे प्रभो गागर का पेट
गागर उठी गे प्रभो , बीच स्युन्दी माथ
हो पौंची गे देवकी कंसु का दरबार
अब बिसाई देवा भैजी पाणी को गागर
जौन त्वेमा उठै होला उंई बिसाई द्योला
गागर बिसांद दें कंस बौगी गेन
अब लगे देवकी तैं पांचो छठो मास
तौं पापी कंस को हाय टापि मचीगे
हो- अब लागी गे देवकी तैं सतों आठों मॉस
भूक तीस बंद ह्व़े गे तौं पापी कंस की
हो उनि सौंण की स्वाति , उनि भादों की राती
अब लगे देवकी तैं नवों-दसों मास
नेडू धोरा ऐगे बाला , तेरा जनम को बगत
अब कन कंसु न तेरो जिन्दगी को ग्यान
हो! पापी कंस न प्रभो , इं ब्युन्त सोच्याले
देवकी बासुदेव तौंन जेल मा धौरेन
हाथुं मा हथकड़ी लेने , पैरूँ लेने बेडी
जेल का फाटक पर संतरी लगे देने
हो उनि भादों को मैना उनि अँधेरी रात
बिजली की कडक भैर बरखा का थीड़ा
अब ह्वेगे मेरा प्रभो ठीक अद्धा रात
हो , हाथुं की हथकड़ी टूटी , टूटी पैरों की बेडी
जेल का फाटक खुले धरती कांपी गे
अष्टम गर्भ ह्व़ेगी कंस को काल
जन्मी गे भगवान् प्रभो , कंसु की छेदनी
संपूर्ण पूर्ण सप्तकी
ढोल -दमाऊ के बोल - झे ग तु । झे झे इ । झे ग तु । झे झे इ
स्थायी चरण -
ध ध ध । सा - सा । रे म प । म रे म ज मु ना । पा s र । हो s लू । s कं s
म प - । रे - धसा । रे - - । रे सा ध
सु को s । कं s स । को s s । ट s s
सु को s । कं s स । को s s । ट s s
सा ध ध । सा - सा । रे म प । म रे म
ज मु ना । पा s र । हो s लू । s कं s
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म प - । रे - सा । घरे@ - - । रे - -
सु को s । कं s स । को s s । ट s s
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अंतरा -
ध ध ध । सां - सां । रें - सां । - सां ध
ज मु ना । पा s र । हो s लू । s गो s सां सां - । सां धप@ मरे@ । म - प । मरे@ साध @ रेसा @
कु ल s ।बै s s । रा s ट । s ss s
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इसी तरह सभी चरणो की प्रथम पंक्ति स्थाई और द्वितीय पंक्ति अंतरा में गायी जायेंगी।
ध - इस सारे गीत ध# है
s =आधी अ
@ - नीचे अर्धचन्द्राकार चिन्ह
# चिन्ह नीचे बिंदी का है जैसे फ़ारसी शब्दोँ में लगता हैं
मूल संगीत लिपि -केशव अनुरागी , नाद नंदनी (अप्रकाशित )
संदर्भ - डा शिवा नंद नौटियाल , गढ़वाल के लोकनृत्य गीत
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
Copyright@ Bhishma Kukreti 21/8/2014 for interpretation notes
Contact ID -bckukreti@gmail.com
Characteristics of Garhwali Folk Drama, Community Dramas; Folk Theater/Rituals and Traditional to be continued in next chapter
References -
1-Dr Shiva Nand Nautiyal, Garhwal ke Loknritya Geet
2- Keshav Anuragi, Nad Nandani (Unpublished)
3- Dayashankar Bhatt, Divya Sangit (Unpublished)
4- Glossary of Indian Classic Music
XX
Music Script, Music Notation of a Religious Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia; Music Script, Music Notation of a Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Pauri Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia; Music Script, Music Notation of a Religious Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Chamoli Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia; Music Script, Music Notation of a Religious Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia; Music Script, Music Notation of a Religious Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Tehri Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia; Music Script, Music Notation of a Religious Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Uttarkashi Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia; Music Script, Music Notation of a Religious Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Dehradun Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia; Music Script, Music Notation of a Religious Garhwali Folk Dance Song –Shrikrishna Birth Jagar from Haridwar Garhwal, Uttarakhand, North India, South Asia;
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