Characteristics of Garhwali Folk Dramas, Folk Theater/Rituals and Traditional Plays part -191
Classical Rag Ragini, Tal, Bol, Music Beats, Music Notations or Music Scripts in Garhwali Folk Songs and Folk Music part -21
गढ़वाली लोक नृत्यगीत- संगीत (गढ़वाली लोक नाटकों ) में संगीत स्वरलिपि, ताल, राग रागिनी-21
Presented by Bhishma Kukreti (Folk Literature Research Scholar)
27 मात्राओं वाले थड्या नृत्य गीत की संगीत लिपि
स्थायी चरण - झामा बल थेब सिंग का नौना
गंगा रे तीले धारु बोले झम
सहायक चरण -झामा बल औली मारी गौली
गंगा रे औली मारी गौली झम
झामा बल तिन डाक्वान मारे
गंगा रे सतपुली रौली झम
घ# सा रेम@ । प प म । प ध धम । म रे साध# । ध#सा रेम । प -
झा मा बल@ । थे ब सिं । ग का ss ।नौ ना ss । गं गा रेs । ती s
रेम । प ध प । म रे - रे रे । रेरे - - ।
लेs । धा रु s ।बो ले s । झम s s ।
शेष पद इसी स्वर लिपि से निबद्ध करके गाये जाएंगे
s =आधी अ
@ - नीचे अर्धचन्द्राकार चिन्ह
# चिन्ह नीचे बिंदी का है जैसे फ़ारसी शब्दोँ में लगता हैं
मूल संगीत लिपि -केशव अनुरागी , नाद नंदनी (अप्रकाशित )
संदर्भ - डा शिवा नंद नौटियाल , गढ़वाल के लोकनृत्य गीत
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
Copyright@ Bhishma Kukreti 6/8/2014 for interpretation notes
Contact ID -bckukreti@gmail.com
Characteristics of Garhwali Folk Drama, Community Dramas; Folk Theater/Rituals and Traditional to be continued in next chapter
1-Dr Shiva Nand Nautiyal, Garhwal ke Loknritya geet
2- Keshav Anuragi, Nad Nandani (Unpublished)
3- Dayashankar Bhatt , Divya Sangit (Unpublished)
4- Glossary of Indian Classic Music
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