Characteristics of Garhwali Folk Dramas, Folk Theater/Rituals and Traditional Plays part -207
Classical Rag Ragini, Tal, Bol, Music Beats, Music Notations or Music Scripts in Garhwali Folk Songs and Folk Music part -36
गढ़वाली लोक नृत्यगीत- संगीत (गढ़वाली लोक नाटकों ) में शास्त्रीयसंगीत स्वर लिपि, ताल, राग रागिनी-37
Presented by Bhishma Kukreti (Folk Literature Research Scholar)
डळयों का लोकनृत्य -गीत की संगीत स्वर लिपि
स्थाई -
ऋद्धि को सुमिरों सिद्धि को सुमिरों सुमिरों सारदा माई।
अर सुमिरों गुरु अविनाशी को , सुमिरों कृष्न कनाई।
सहायक
सदा अमर नि रैंदी धरती माता , बजर पड़े टूट जाई।
अमर नि रैंदा चंद , सुरजि छुचा , मेघ घिरे छिप जाई।।१।।
माता रोये जनम कूं , बहिन रोये, बहिन रोये छै मासा।
तिरिया रोये डेढ़ घड़ी कूँ , आन करे घर बासा।।२।।
कागज़ पतरी सब कुई बांचे करम नि बांचे कुई।
राज घरों को राजकुंवर , बुबा करणी जोग लिखाई।। ३ ।।
सुन रै बेटा गोपीचंद जी बात सुनो चित लाई।
कंचन कया , कंचन कामिनी मति कैसे भरमाई।। ४।।
डळयों के गीत खड़ी बोली अथवा ब्रज भाषा में होते हैं। डळया गुरु एकतारा के साथ बजाते हुए गीत गातें हैं।
एकतारे के बोल इस प्रकार हैं -
द र र द । र र द र । द र र द । र र द र
स्थाई -
प
ध#रे रे रे मप । रे म ध प । म - प प । प प ध प
मरे म म ध । प म म म । मम पम मम मरे । रे - - -
प
ध#रे रे रे मप । रे म ध प । म - प प । प - ध पम
मरे म म ध । प म म म । मम पम मम मरे । रे - - -
अंतरा
ध रें रें रें । रें - रें - । ध सां सां - । सां - धप मम
म रें म ध । प - म प । मम पममम मरे । र- - - -
प रे
ध#रे रे रे मप । रे म ध प । म - प प । प - ध पम
म रे म ध । प म म म । मम पम मम मरे । रे - - -
शेष अंतराएँ ऐसी ही गायी जाएँगी
s =आधी अ
@ - नीचे अर्धचन्द्राकार चिन्ह
# चिन्ह नीचे बिंदी का है जैसे फ़ारसी शब्दोँ में लगता हैं
मूल संगीत लिपि -केशव अनुरागी , नाद नंदनी (अप्रकाशित )
संदर्भ - डा शिवा नंद नौटियाल , गढ़वाल के लोकनृत्य गीत
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती
Copyright@ Bhishma Kukreti 23/8/2014 for interpretation notes
Contact ID -bckukreti@gmail.com
Characteristics of Garhwali Folk Drama, Community Dramas; Folk Theater/Rituals and Traditional to be continued in next chapter
References -
1-Dr Shiva Nand Nautiyal, Garhwal ke Loknritya Geet
2- Keshav Anuragi, Nad Nandani (Unpublished)
3- Dayashankar Bhatt, Divya Sangit (Unpublished)
4- Glossary of Indian Classic Music
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