History of Post Catastrophe with reference to History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में प्रलय और वैवस्वत मनु
इक्ष्वाकु वंश
ऐलवंश या चन्द्र वंश
पुरुरवा
** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 18 /2/2015
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History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur Part --62
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -62
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
मायापुर नरेश (हरिद्वार नरेश ) दक्ष की पुत्री अदिति से कश्यप का पुत्र विवस्वान पुत्र हुआ। विवस्वान का पुत्र वैवस्वत मनु हुआ।
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -62
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
वैवस्वत मनु ने प्रलय में मनुष्यों की रक्षा की। वैवस्वत ने बद्रिकाश्रम में एक पैर पर खड़े होकर दोनों हाथ उप्र कर तपस्या की थी। (वनपर्व )।
पौराणिक अध्ययन से निर्णय लिया जाता है कि वैवस्वत मनु महाभारत से 95 पीढ़ी याने 1400 पूर्व पैदा हुए होंगे और इस तरह वैवस्वत मनु का राज्यकाल 3102 BC मना जाता है। इसी समय उत्तर भारत में उत्तर प्रस्तर उपकरण संस्कृति थी। और ताम्र संस्कृति की शुरुवात थी।
मनु के दस पुत्रों में से एक इक्ष्वाकु से इक्ष्वाकु वंश का प्रारम्भ हुआ। भगवान राम इसी वंश में पैदा हुए थे , जैन तीर्थंकरों में से कई तीर्थंकर व गौतम बुद्ध इसी वंश के मने जाते हैं। इक्ष्वाकु वंश का राज्य पूर्वी मध्य देस व अवध माना जाता है।
इला मनु की पुत्री थी और दोषों के कारण उसे नर के जगह नारी गति प्राप्ति हुई। वशिष्ठ की कृपा से उसे पुरुषत्व प्राप्त हुआ और उसका नाम सद्युमन पड़ा। चन्द्र वंश की स्थापना इस तरह हुई।
कुछ इतिहासकारों का अनुमान है कि चन्द्र वंश का राज्य प्रयाग के पास था कुछ हिमालय को चन्द्र वंश का मूल हिमालय मानते हैं। चन्द्र वंश का बिजनौर , हरिद्वार व सहारनपुर से अवश्य ही संंबध रहा है।
पुरुरवा का वर्णन ऋग्वेद में है और उसने पहाड़ी राज्यों का बिखंडन किया था किन्तु उसके राज्य में प्रजा संतुष्ट नही थी।
** संदर्भ - ---
वैदिक इंडेक्स
डा शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड इतिहास - भाग -२
राहुल -ऋग्वेदिक आर्य
मजूमदार , पुसलकर , वैदिक एज
घोषाल , स्टडीज इन इंडियन हिस्ट्री ऐंड कल्चर
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 18 /2/2015
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