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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, February 3, 2015

राहुल बाबा ! अपण बूडनना नेहरू तैं त गाळी नि दे

घचकौण्या लिख्वार : भीष्म कुकरेती 
 जब बि विचारो कॉंग्रेस नरेश राहुल गांधी छुट्टि पर रौंद तो पत्रकार अर खासकर भाजपा वाळ कॉंग्रेस्यूं तैं भड़कांदन कि राहुल बाबा कै कूण सियुं च अर कॉंग्रेसी राहुल गांधी तैं घसोड़िक लयेंदन।  इख तलक त ठीक च।  पर जब बि शहजादा अपण मुख खोलद त राहुल -सोनिया की ही ना नेहरू  की  भी जगहंसै ह्वै जांद। 
अब दैं कॉंग्रेसी फिर से राजकुमार राहुल बाबा तैं दिल्ली चुनावी दंगल मा बुलणो लैन अर आंदि राहुल बाबान सिद्ध कर दे कि राहुल तैं मार बांधिक राजनीति मा लाणै कोशिस हूणि च। 
ब्याळि 27/1/15,   कैन पुछि दे बल अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा पर आपक विचार क्या छन अर राहुल गांधी का उत्तर एक नासमझ , मूर्ख , घटिया राजनीतिज्ञ का उत्तर छया। राहुल गांधी को यु एक घटियापन को प्रदर्शन छौ अर मि तो बुलद बल ये से अधिक नासमझी का उ बयान बि नि छौ जखमा शंकराचार्यन सात -आठ बच्चा पैदा करणो बात कार। 
        राहुल गांधींन बोली कि नरेंद्र मोदी अपण पीआर (PR ) बढ़ाणो बान यु सब करणु च। मार्केटिंग करण हरेक जीव जंतु कु आधार भूत गुण च . पेड़ बि मार्केटिंग करदन , माख बि मार्केटिंग करदन अर राजनैतिक विधि कुछ नि हूंदी अपितु मार्केटिंग ही हूंद। 
ब्रैंडिंग मार्केटिंग का एक हिस्सा हूंद।  ब्रैंडिंग मार्केटिंग नी च अपितु समग्र मार्केटिंग कु एक छुटु सि हिस्सा च।  
प्राचीन काल से ही हरेक देस तैं अपण माल बिचणो बान , अपण रक्षा का वास्ता मार्केटिंग व ब्रैंडिंग करण पड़द छौ।  यदि मौर्य काल मा उत्तराखंड का घ्वाड़ा , जड़ी बूटी अर आँखूं सुरमा  यूनान -रोम मा बिकदो छौ तो जनसम्पर्क को ही कमाल छौ अर उ जनसम्पर्क मौर्य राजाऊँ  की प्रसिद्धि छे। 
                     आज तो भारत तैं केवल फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट का वास्ता ही ना अपितु अपण माल बिचणो बान, रक्षा आदि का वास्ता ब्रैंड इंडिया की ब्रैंडिंग आवश्यक च। कै बि देसक या स्थान की ब्रैंडिंग विज्ञापनों से नि करे जांद अपितु जनसम्पर्क प्रबंधन से करे जांद।  कै देस या राज्य या स्थान का जनसम्पर्कीय कार्य  मा राष्ट्र प्रमुख , राज्य प्रमुख या स्थान प्रमुख की ब्रैंडिंग से भौत फायदा ह्वे सकद (यदि प्रमुख मा मादा हो )। आज या बात निर्वाद सत्य च कि दुनिया का महत्वपूर्ण देसुं मा नरेंद्र मोदीक नाम च।  तो इन सुवसर पर यदि भारत नरेंद्र मोदीक नामो फायदा उठावो तो मार्केटिंग का हिसाब से यु एक लाभदायी कार्य च। मार्केटिंग कु एक नियम च जै से फायदा हो ब्रैंडिंग का वास्ता वै तैं /चीज तैं अग्वाड़ी लावो। आज भारत छवि वर्धन मा नरेंद्र मोदी से फैदा हूणु च तो नरेंद्र मोदी तैं मॉडल (Model ) बणाण मा क्वी नुक्सान नी च।  मार्केटिंग माने अवसर से फायदा। 
               यदि नरेंद्र मोदी अपण नाम बढ़ाणो वास्ता PR करणु च  अर यांसे भारत की छवि बढ़नी च तो मार्केटिंग की दृष्टि से यु एक सर्वश्रेष्ठ कार्य च।  ब्रैंडिंग का वास्ता एक घ्वाड़ा (आधार ) चयेंद अर यदि नरेंद्र मोदी नामौ घ्वाड़ा से भारत की ब्रैंडिंग तैं फायदा हूणु च हूण द्यावो। 
              राहुल गांधी तैं मि याद दिलाण चांदु कि निर्गुट देसुं का नेताओं मा जब नासर की ब्रैंडिंग ह्वाइ तो ही भारतीयों तैं पता चौल कि मिश्र बि क्वी देस च।  मार्शल टीटो की ब्रैंडिंग से आम भारतीयों तैं पता चौल कि युगोस्लेविया बि क्वी देस च।  
नेहरू कु नाम बि दुनिया मा निर्गुट आंदोलन चलाण से ज्यादा ह्वे अर नेहरू का नाम से भारत ब्रैंड तैं फायदा ह्वे।  तो कभी भी इन नि बुले जांद कि देस प्रमुख तैं अपण छवि नि बढाण चयेंद।  यदि राष्ट्र प्रमुख की छवि बढ़दी तो राष्ट्र छवि वृद्धि मा लाभ इ हूंद। 
           इंदिरा गांधी द्वारा सिक्किम तैं भारत मा मिलाण से इंदिरा गांधीकी  निर्णायक शक्ति व साहसिक गुण से भारत ब्रैंड तैं भौत फायदा ह्वे छौ । बंगलादेश बणन से इंदिरा गांधी की छवि बढ़ अर दगड़ मा भारत की भी छवि बढ़। 
नरेंद्र मोदीक कूटनीतिक जोर लगाण से (PR ) यदि संसार मा योग दिवस मनाये जाणु च तो भारत ब्रैंड तैं ही फायदा होलु। 
              भौत सा लोग वाइब्रेंट गुजरात , वाइब्रेंट मध्य प्रदेश या वाइब्रेंट उत्तर प्रदेश जन सम्मेलनों मजाक उड़ान्दन कि यूँ सम्मेलनों से क्वी ख़ास इन्वेस्टमेंट नि आंद।  किन्तु यूँ  सम्मेलनों से जागतिक व्यापारियों तैं भारत व राज्य की जानकारी मिल्द जो नेसन या प्लेस याने स्थान ब्रैंडिंग का वास्ता एक आवश्यक अवयव (फैक्टर ) च। 
तो भय्या  राहुल ! PR बढ़ाणो मामला मा नरेंद्र मोदी तैं गाळी देकि तुम अपण दादी  इंदिरा गांधी अर बूड नना जवाहर लाल नेहरू तैं हि गाळी दीणा छंवां।  

7/1/15
27/1/15
27/1/15
28 /1 /15 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India 
   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,  

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