उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Thursday, February 26, 2015

हटो हटो म्यार स्वागत कारो !

Garhwali Humor on  Incomplete Railway Projects , Garhwali Comedy Skits , Satire, Wit, Sarcasm , Garhwali Skits , Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya on  Incomplete Railway Projects 

                       हटो हटो म्यार स्वागत कारो !

                    चबोड़्या योजनाकार ::: भीष्म कुकरेती


  भ्युंचळ सि माहौल ह्वे गे।  सुख्यां पत्तौं मा खड़खड़ाट  , हौर पत्तौं मा   सुरसुराट  , सुखो माटो मा पड़पड़ाट शुरू ह्वे।  क्वी इना भागणु छौ , क्वी ऊना भागणु छौ तो क्वी खड्डा पुटुक लुकुणु छौ।  क्वी अफु भरमाणु  छौ , क्वी हैंक तैं भरमाणु छौ क्वी समझदार छौ। 
जोर जोर से घ्याळौ  आवाज आणि छे।  ऐ गे , ऐ गे , तैक स्वागत कारो। 
एक  जगा बिटेन आवाज आइ  - ले ए साल बि ऐ गे। 
सब   - हाँ ए साल बि ऐ गे 
एक शिलालेख - मि ऐ ग्यों , मि ऐ ग्यों , म्यार स्वागत कारो, मि तै खड्यारणो जगा द्यावो । 
भौत  पुरण शिलालेख - चुप बै कखि और जैक मोर।  इख जगा नी च। 
नयो शिलालेख - ये त्यार सरा शरीर बदरंग च , खुरदरा च अर क्या लिख्युं च बंचण मा नी आणु च। 
एक धिवड़ /दीमक  - अरे यू शिलालेख इथगा पुरण ह्वे गे कि हम दीमकुं मजा ऐ गेन।  बस अचकाल हम एक लंच -डिन्नर करदां। 
नयो शिलालेख - छ को च यु ?
धिवड़ - सन 1953 मा रेलमंत्रीन ये शिलालेखक आवरण कर छौ अर नाम छौ मोतीलाल नेहरू रेल कोच फैक्ट्री !
नयो शिलालेख - हैं त वा फैक्ट्री नि लग ?
धिवड़ - ना कोच फैक्ट्री नि लग सौक किलैकि फैक्ट्री लगाणो पैसा इ नि छौ। 
नयो शिलालेख - अर यि टुट्यां -फुट्यां शिलालेख हौर क्या छन ?
धिवड़ - एकक नाम च गंगाधर नेहरू फैक्ट्री योजना , हैंक च बंशीधर नेहरू फैक्ट्री , अर बगल मा शिलालेख  च नंदलाल नेहरू कोच फैक्ट्री शिलालेख 
नया शिलालेख -औ त इ सब मोतीलाल नेहरू का परिवार वाळु नाम पर छन।  पर यूंक  बगल मा बि भौत सा शिलालेख छन ?
धिवड़ -हाँ वु इंदिरा गांधी का बगत रेल मंत्र्युंन रेल फैक्ट्री बणाणो घोषणा करी छे वूं योजनाओं का शिलालेख छन जन कि स्वरूपरानी नेहरू कोच फैक्ट्री, कमला नेहरू , जवाहर लाल नेहरू कोच फैक्ट्री योजना आदि आदि। 
नया शिलालेख - अर शिललेखुं एक तिसरि ढेर बि च। 
धिवड़ - हाँ वो शिलालेख राजीव गांधी का बगत रेल योजनाओं का शिलालेख छन जन कि प्रियदर्शनी कोच फैक्ट्री , इंदिरा गांधी कोच फैक्ट्री , संजय गांधी कोच फैक्ट्री , राजीव गांधी बड़ा कोच फैक्ट्री योजना आदि आदि। 
नया शिलालेख - अर दूर शिलालेखुं जमघट च पर इन लगणु च कि हरेक शिलालेख मा नाम खुरड़े गे हो अर एक शिलालेख से हैंक शिलालेख तोड़े गे हो। 
धिवड़ - हाँ यि जनता या जनता दल जन सरकारों बगताक रेल योजनाओं का शिलालेख छन।  हूंद क्या छौ जब रेलमंत्री लोहिया का नाम से कोच फैक्ट्री का शिलालेख बणवांद छौ तो लालू प्रसाद या नीतीश कुमार धड़ा नराज ह्वे जांद छौ तो वो अफिक एक शिलालेख खड़ो कर दींद छौ अर इन मा हर साल दस बीस शिलालेख खड़ा ह्वे जांद छौ।  एक धड़ा दुसर धड़ा का लगया शिलालेख का लिख्युं मिठै दींद छौ , शिलालेख फोड़ दींद छौ। त इन मा यि सब शिलालेख बिलकुल टूट्यां -फुट्यां छन। 
नयो शिलालेख - अर यि गेरुआ पत्थर का शिलालेख ?
धिवड़ - असल मा यि बाजपेई सरकारक रेलमंत्री का शिलालेख छन अर यूं पर नाम च हेडगेवार कोच  फैक्ट्री , श्यामाप्रसाद मुखर्जी कोच फैक्ट्री आदि आदि 
नया शिलालेख  - पर यूंपर माटु किलै पड्युं च ?
धिवड़ - मनमोहन सरकारक मंत्र्युंन बाजपेई सरकारक योजनाओं पर माटु डळवाइ कि यूँ योजनाऊँ मा हिन्दू आइडिओलॉजी की गंध आंद.
नया शिलालेख - पर शिलालेख त बणि गेन पर फिर योजनाओं पर काम किलै नि ह्वे ?
धिवड़ - कुछ तो पैसा नि हूण से शुरू नि ह्वेन , कुछ राजनैतिक इच्छा शक्ति नि हूण से शुरू नि ह्वेन अर बकै तो बजट तैं लोकलुभावना , जनता की भलाई , क्रियेटिव , इन्नोवेटिव , इमेजरी बणानो बान याने बजट भाषण पढ़णो बान बणये गेन। मतबल जनता तैं बणानो बान योजना बणये गेन।  
नया शिलालेख - तो म्यार बि यू इ हस्र हूण ?
धिवड़ -हाँ फैक्ट्री -वैक्ट्री तो बणन नी च तीन बि इतिहास की बात ह्वे जाण। जा से जा इतिहास का पन्ना मा समाणो वास्ता ! 






27/2/15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India 
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
 Best of Garhwali Humor in Garhwali Language on Incomplete Railway Projects Best of Himalayan Satire in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects ; Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects; Best of  Ridicule in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects  ; Best of  Mockery in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects ; Best of  Send-up in Garhwali Language  on  Incomplete Railway Projects ; Best of  Disdain in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects ; Best of  Hilarity in Garhwali Language  on  Incomplete Railway Projects ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language on  Incomplete Railway Projects  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of Himalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of Uttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal on  Incomplete Railway Projects Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar  on  Incomplete Railway Projects ;
Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,  Garhwali skits; Garhwali short skits, Garhwali Comedy Skits, Humorous Skits in Garhwali, Wit Garhwali Skits 

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments