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Thursday, February 12, 2015

पेड़ हरकणा -फ़रकणा किलै नि छन ?

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                            पेड़ हरकणा -फ़रकणा किलै नि छन ?
                                   चबोड़्या ::: भीष्म कुकरेती 

हवा परेशान छे कि यूँ पेडूं तैं क्या ह्वे।  स्याम दैं हवा आई पर एक बि पेड़क पत्ता नि हिलणा छन।  हौर दिन त जनि स्याम दै हवा आदि छे त   पत्ता मांगळ लगाण मिसे जांद छा अर घास डांस करण लग जांद छया. भौत सि पत्ती संगीत बजाण शुरू कर दींद छया।  आज सब मौन छया।  माहौल मा तनाव छौ जब कि अबि मौसम बदल्याणम समय छौ। पाख -पख्यड़ सब अपड़ी जगा मा छया।   हवा क समझ मा नि आई कि क्या ह्वे ?
हवान एक पेड़ तैं पूछ - ये पेड़ ! आज क्या बात तुम चुप किलै छंवां ? क्या बात ? ना तो नृत्य , ना संगीत अर ना ही गीत।  
पेड़न गुस्सा मा ब्वाल - मि दरख्त छौं अर तुम पेड़ बोलिक मेरी आइडेंटिटी ही खात्मा करण चाणा छंवां। मि धर्मनिरपेक्ष दरख्त छौं। 
हवा अपण सि मुख लेकि हैंक पेड़ मा गे अर पूछ - ये दरख्त  आज तुम सब म्यार आण पर चुप किलै छंवां ? ना डांस ना म्यूजिक अर ना ही सिंगिंग ?
 पेड़ क्रोधित ह्वेक बुलण लग -  पेड़ बुलण मा त्यार तीक टुटणु च क्या?  सहस्त्र वर्षों  की संस्कृति का तुम दुसमन छंवां।  मि दरख्त ना , पेड़ बि ना,  मि त वृक्ष छौं।  तुम स्यूडो सेक्युलर लोगुन मेरी पहचान समाप्त कर दे। छद्म धर्मनिरपेक्ष वाळुन सांस्कृतिक विरासत ही समाप्त कर दे।  मि तैं  वृक्ष करिक भट्या। 
हवा वै वृक्ष तैं छोड़िक हैंक पेड़म गे अर पूछ - हे वृक्ष ! आज तुम लोग ना हलणा छंवां ना हि फरकणा छंवां क्या बात ?
वृक्ष - खबरदार ! जु मेकुण पेड़ , दरख्त या वृक्ष ब्वाल धौं।  या सरासर क्षेत्रीयता पर हमला च , क्षेत्रीय स्वाभिमान पर कुठाराघात च , क्षेत्रीय ऑटोनॉमी पर अटैक  च।  आंचलिक भाषा अर आंचलिक संस्कृति पर अतिक्रमण च।  मि पेड़ बि ना , दरख्त बि ना , वृक्ष बि ना , मि त डाळ छौं।  
हवा इथगा परेशान तब बि नि हूंद  छे जब वा तूफ़ान रूप माँ आदि  छे।  वींन एक नंगमुंड्या ठूंठ डाळ तै पूछ - हे ओल्डेस्ट ट्री ! तू इ बता कि आज यूँ ट्रीयुं तैं क्या ह्वै ?
ओल्डेस्ट ट्रीन जबाब दे - अरे अबि दिल्ली विधानसभा का चुनाव खतम ह्वेन ना  ।  तो आज कॉंग्रेस , भाजपा अर उत्तराखंड क्रांति दल  का नेता जु अपण पार्ट्यूं चुनाव प्रचार करणो दिल्ली जयां छया। ऊँ  नेताओं का  काफिला आज  दिल्ली बटें ये रस्ता वापस ऐन . तो यूँ डाळु पर बि दिल्ली की हवा लग गे। 
 



7/2/15, Copyright@  Bhishma Kukreti , Mumbai India 
   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।Copyrigh

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