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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, October 8, 2013

इंस्पेक्टर ! मेरी इज्जत -आबरू हर्चिगे …. FIR

 चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती 

नेता -इंस्पेक्टर ! कैन बताइ बल पुलिस चौकी इखमी च  ?
पटवारी - जी ! या पटवारी चौकी च। क्या काम च ? 
नेता -मेरी इज्जत -आबरू हर्चि गे वांक FIR दर्ज कराण छे। 
पटवारी - अच्छा ! नाम ?
नेता -मि  क्षेत्र कु विधायक छौं !
पटवारी - एक मिनट …. एक मिनट ! अरे !  म्यार त काम ह्वै गे। 
नेता -कनु क्या काम ह्वे गे ?
पटवारी -वु क्या च।   कुछ दिन पैल क्षेत्र की जनतान शिकायत  याने FIR दर्ज करै छे कि वूंक विधायक पिछ्ला साढ़े चार  साल से हर्च्युं च। 
नेता -पण मीन कै बि समाचार टीवी चैनेल मा अपण हरचणो खबर नि देखि। 
पटवारी -ये क्षेत्र का बारा मा अखबार  तलक समाचार नि छ्पांदन त टीवी चैनेल क्या खबर दिखाला ? 
नेता -आश्चर्य च कि संवाददाता ये क्षेत्र मा नि आंदन ?
पटवारी - जै क्षेत्र मा सडक नि ह्वावन उख … 
नेता -हाँ  बात सै च।  मि तैं बि दस इम्पोर्टेड कारु हूणै बाद बि  पिनस मा आण पोड़ 
पटवारी - ब्वालो।  तुमर परमानेंट एड्रेस क्या च ?
नेता -विधायक निवास , प्रदेश राजधानी। 
पटवारी -विधयाक निवास अर परमानेंट एड्रेस ? इख तुमर गांवक पता बथावो। 
नेता  -एक मिनट हाँ ! मि अपण गांवक एड्रेस भूलि -बिसरि ग्यों।  मि अपण सेक्रेटरी तैं पूछिक बतांदु हां ! 
पटवारी -हां क्या चीज हर्चीं च ?
नेता -अरे मेरी इज्जत -आबरू हर्चि ग्यायि। 
पटवारी -तुम तैं पक्को विश्वास च कि तुमम इज्जत -आबरू छैंछे ?
नेता -हाँ पांच साल पैल लोग इज्जत करदा छा। 
पटवारी -नै नै ! लोग त डौरौ मारन राजू भैया  जन नेताओंक  बि इज्जत करदन। 
नेता -नै न्है ! सची मा लोग भला आदिम बोलिक मेरी इज्जत करदा छा अर सब लोग आदर सत्कार से गंड गंड म्यार खुटम पड़दा छा।
पटवारी -यांक मतबल च पांच साल पैलि तुमम इज्जत -आबरू -सम्मान छैंछे। 
नेता -हाँ बिलकुल मि एक इज्जतदार , सम्मानीय नेता छौ। 
पटवारी -तुम तैं कनकै पता चौल कि तुमर इज्जत -आबरू -सम्मान हर्चि गे। 
नेता -इक आण से पैल मीन एक मार्केटिंग एजेंसी से सर्वेक्षण करवै छौ त सर्वेक्षण से ही  मि तै पता चौल बल इख अब म्यार  क्वी इज्जत -आबरू -सम्मान नि रै गे । 
पटवारी -फिर ?
नेता -फिर मीन अपण स्याळ , नौनु ,  भणजा  भेजिन त ऊंन बि पता लगाइ बल अब मेरी क्वी इज्जत नी बचीं च। 
पटवारी -अच्छा फिर ?
नेता -फिर अब जब विधयाक बणणो बान मि पर्चा भरणों औं त लोग सिवा लगाणो जगा , प्रणाम करणों जगा म्यार मुखुंद थुकणा छन।  फूलूं माळा जगा जुतुं माळा पैराणा छन अर … 
पटवारी -अर क्या ?
नेता -अर  गुलाब जल की जगा गू -मूतौ छिड़काव  करणा छन। 
पटवारी -हाँ फिर तो सचमुच तुमारी इज्जत -आबरू -सम्मान हर्चि गे। 
नेता -हाँ ! 
पटवारी -अच्छा तुम इन बताओ तुम तैं कै पर शक च ?
नेता -अब कै पर शक हूण ?
पटवारी -जन कि कै विरोधी नेतान तुमर इज्जत -आबरू -सम्मान चुरै दे ह्वावु ?
नेता -अब मि साढ़े चार साल से इख आयि नि छौ त मि तै पता इ नी कि म्यार विरोधी को च ?
पटवारी -समर्थकुं पर शक ?
नेता -विधयाक बणणो बाद पैल पैल समर्थक म्यार विधायक निवास मा आंद छा पण मीन एक खूखार डाकु अर एक हत्यारा गुंडा तैं बौडी गार्ड अर सेक्युरिटी गार्ड बणाइ त समर्थकुंन बि मि तैं मिलण बंद करि दे। 
पटवारी -तुम तैं अपण रिश्तेदारुं पर शक ?  
नेता -नौट ऐट आल !
पटवारी -अच्छा तुमर परिवार अर रिश्तेदारुं पर क्वी भगार , लांछन , अभियोग ?
नेता -बताण जरुरी च 
पटवारी -हाँ तबि त मि पता लगौल कि तुमर सम्मान कैन चुराइ ?
नेता -मेरी घरवळि पर शौचालय , अनाथालय , देवालय घोटाला अभियोग कोर्ट मा चलणु च , बेटा पर बलात्कार का चार केस, भाणजा पर ट्रांसफर -प्रोमोसन घूस केस , जीजा अर जंवै  पर आदिवास्युं जमीन हड़पणो केस , ससुर पर डकैती , स्याळ पर क्षेत्रीय खेल घोटाला केस , कक्या ससुर पर चीटिंग केस , कक्या सासु पर बहू बीटिंग केस , भतीजो पर दंगा फैलाणो …आरोप सब कोर्ट मा चलणा छन। 
पटवारी -बस बस ! मि तुमर FIR त नि दर्ज कौर सकुद पण तुम तैं द्वी जघन्य हत्याओं केस मा बंद करणु छौं। 
नेता -क्या ?
पटवारी -हाँ मि तुम तैं जन विश्वास -हत्या अर अपण स्वयम की इज्जत -आबरू -सम्मान की  ह्त्या कु  जुर्म मा कैद  करणु छौं। 



Copyright@ Bhishma Kukreti  5 /10/2013 



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