चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = क , का , की , आदि )
परम पूजनीय कला बजारिया जी !
सादर प्रणाम। आशा ही ना परम विश्वास च तुमर धंधा दिन दुगण -रात चौगुण बढ़णु होलु।
हे चुनावुं टैम पर का हमारा ब्वे बाब ! उन त तुम तैं काला बजारी रुकणो मै बेशरम नेता तै क्वी अधिकार नी च किलै कि तुमर चंदा, सहायता बगैर मि चुनाव जीति इ नि सकुद पण हे परमेश्वर जी ! जरा ध्यान तो द्यावो कि चुनाव समणि च अर या बेवकूफ जनता विरोधी दल अर मीडिया का भकलौण मा ऐक रोज पुछणि च बल "सरकार ! तुम प्याज के दाम कब कम करोगे? प्याज के दाम कब कम करोगे?"
प्रात: स्मरणीय , समांतर भारतीय अर्थ व्यवस्थाs क्षेत्रपति जी ! आपको बकुळ - गाढ़ा मुनाफ़ा गवाह च बल पिछ्ला पांच सालों मा तुमन जब बि कै बि अनाज की कमी ह्वे त तुमन जमाखोरी अर काळाबजारी से हर समय करोड़ो रुप्या कमाई अर मीन मंत्री हूंद बि जनता तै त्राहि त्राहि माम करद द्याख पण हे परम पिता ! मि जाणि बूजिक कर्तव्य विमुख ह्वेक तुमर गोडानुं की रक्षा मा तत्पर रौं। बजार मा जब बि खाद्य पदार्थों की कमे ह्वे अर खाद्य पदार्थों भाव सातवाँ असमान पर पौंचिन त मीन जमाखोरी या कालाबाजारी पर एक शब्द नि ब्वाल बलकणम मीन मंत्री ह्वेक झूट ब्वाल कि फलण अनाज को उत्पादन मा कमी अर ब्राजील -चिली देस की राजनैतिक स्थिति का कारण फलण अनाज की कीमत बढ़णि च। यद्यपि ब्राजील -चिली से वै खाद्य पदार्थ को क्वी लीण -दीण नि थौ फिर बि तुम तै बचाणो बान मीन असत्य की परिकाष्ठा भी पार कार ! अब चूंकि मि चुनावी युद्ध मा प्याज की अथा कीमत वृद्धि का तीरों से घायल हूणु छौं त मि तुम तैं भरवस दिलांदु कि चुनाव जितणो परांत हम भौत सा इन योजना लौला जां से तुम तै जमाखोरी से मुनाफा कमाणों सैकड़ों अवसर मीलल। . तुम से हथजुड़ै च बल बस तुम थ्वड़ा दिनुं कुण प्याजौ कीमत कम कौरि द्यावो !
हे होर्डरूं नेता जी ! आप तैं पता च कि हम तुम पर कुछ भी कड़ी कार्यवाही नि कौर सकदां त यांक मतबल यु त नी च कि तुम ऐन चुनाव बगत पर ही प्याज की इथगा कीमत बढ़ावो ! हम देस नाशकों का बि कुछ सिद्धांत हूंद छन कि ना ?
हे होर्डरूं नेता जी ! आप तैं पता च कि हम तुम पर कुछ भी कड़ी कार्यवाही नि कौर सकदां त यांक मतबल यु त नी च कि तुम ऐन चुनाव बगत पर ही प्याज की इथगा कीमत बढ़ावो ! हम देस नाशकों का बि कुछ सिद्धांत हूंद छन कि ना ?
हे हमर अन्नदाता कालाबजारी जी ! यी ठीक च पिछ्ला चुनाव मा जब विरोधी दलुं सरकार छे अर तुमन इनि बेअन्था प्याजौ कीमत बढै छौ त हमर दल की सरकार आयि पण यो खटकरम एबरी त नि कारो ! क्या हमन तुम तै हर समय सीमाहीन मुनाफ़ा नि कमाण दे ? कि तुम ऐन चुनाव टैम पर बि प्याजौ दाम कम नि करणा छंवां। क्या विरोधी दल तुम तै जादा मुनाफ़ा कमाण देलु ?
हे देस की अर्थ व्यवस्था की असली नकेल धारी ! हम सत्ता धारी नेताओं पर कुछ रहम कारो ! हम सत्ता धारी , सत्ता लोलुप नेताओं पर दया कारो ! अर प्याज का दाम घटावो प्लीज !
हे समानांतर अर्थ व्यवस्था का व्यवस्थापक ! ठीक च हम नेता तुम सरीखा मानव हंता कालाबजारियों का ही टुकडों पर पऴदां अर मि जाणदो छौं कि तुम व्यापारी जै दल तै चैल्या वो सरकार इ बणालु। तो मि यीं आशा मा तुमर खुटम मुंड धौरिक प्रार्थना करणु छौं कि अब की दैं बि हम तै सरकार बणाण द्यावा अर तुमसे गुजारिस करदु कि प्याजौ दाम कम कारो ! तुम हम तैं बचावो हम तुम तैं बचौला सिद्धांत की कसम! चुनाव जितण द्यावो फिर हम तुम तैं खाद्य पदार्थ ही ना न्यूक्लियर प्लांट कम्पोनेंट का वितरक भि बणै द्योला ! बस अर्ज च कि तुम प्याज का दाम कम करि द्यावो !
हे काला बजारिया जी ! तुम मि तैं बीच बजार मा जुते द्यावो पण प्याज की कीमत कम करी द्यावो !
मेरि बेशर्मी से तुम तैं फैदा दियां की कसम ! जरा प्याज का दाम कम करि द्यावो।
हे जमाखोर जी ! मी आपसे रहम की भीख मांगणु छौं कि हम पर दया दृष्टि डाळो अर प्याज का दाम कम कारो !
हे ब्लैकमार्किट किंग ! हे करुणा सागर ! हम पर करुणा की बरखा कारो अर प्याज का दाम कम कारो !
आपक परमानेंट सर्वेंट ! प्याज का दाम हूणों आशा मा !
आपका गुलाम -एक नेता
Copyright@ Bhishma Kukreti 25/10/2013
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