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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, October 23, 2013

कब पता लगद कि तुम सुंगर जन म्वाट ह्वे गेवां ?

  चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती 
     
(s =आधी अ  = क , का , की ,  आदि )

जु बि म्वाट हूंदन उं तैं पैल पैल पता इ नि लगद बल वु म्वाट हूणा छन। कुछ टिप्स छन जो बतांदन बल तुम सुंगर जन म्वाट ह्वे गेवां। 
जब परिवार मा लोग जन कि तुमर मां या घरवाळि वाशिंग मशीन तैं तुमर पैंट छ्वटि हूणै  गाळि दीण मिसे जावन त समजी ल्यावो तुम गौल  जन म्वाट ह्वे गेवां।
जब बि तुम कै कोल्ड ड्रिंक हाउस मा जावो अर दूकानदार पूछों ,"साब डाइट कोला दूं ?" तो मतबल च तुम गैबण भैंसौ तरां म्वाट ह्वे गेवां। 
जब बि तुम  सिनेमा टिकेट खरीदो अर हर समय तुम तै सबसे अग्वाड़ी सीट ही मील। 
जब ट्रेन  यात्रा मा  अस्सी सालौ बुड्या तुम तैं अपण लोवर बर्थ ऑफ़र करणा रावन। 
जब तुम तैं एक्सरसाइज वीडिओ दिखदि नींद ऐ जावो। 
जब तुम तै लोग 'हाउ टु रिड्यूस वेट इन अ वीक ' 'एक हफ्ते में वजन कम करें ' जन किताब भेंट मा दीण बिसे जावन तो इकमा सुचणै बात नि च कि तुमर वजन बढ़ी गे। 
जब तुम तै बड़ो लम्बो ऐना से डौर लगण मिसे जावो। 
जब तुमर अलमारी मा वजन कम करणों किताबुं कटघळ  लग  जावो। 
जब मेडिकल स्टोर वाळ तुम तैं बगैर पुछ्याँ अफिक डाइट पिल दीण बिसे जावो। 
जब तुम तै डाइट पिल पर ही भरवस उठि जावो।  
जब तुम इनशर्ट कि जगा शर्ट आउट मा भैर जाण पसंद करदवां। 
चमड़ा बेल्ट की जगा तुम तैं इलास्टिक की बेल्ट पसंद आंदी। 

जब तुम तै 'लो कैलोरी ' लो फैट ' या 'लो 'शब्दों से चिढ़ ह्वे जावो। 
जब तुम तैं एक्सरसाइज साइकल देखिक ही उचिमुचि हूण बिसे जावो। 
जब तुम वेइंग मसीन मा वेट करद दै आँख बंद कौरि दींदा। 
जब तुम चार दिन केवल पाणि पींदा अर तब बि वजन बढ़ी जांद 
जब तुम तै रोजा रमजान या व्रत सब बकबास लगदन।
जब तुम तै हरेक मैना मा नया नया जुराब खरीदण पड़दन। 
जब तुम तै हर मैना नै नै पैंट -शर्ट सिलाण  पोड़द।   



 Copyright@ Bhishma Kukreti  24/10/2013



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