चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
जु बि म्वाट हूंदन उं तैं पैल पैल पता इ नि लगद बल वु म्वाट हूणा छन। कुछ टिप्स छन जो बतांदन बल तुम सुंगर जन म्वाट ह्वे गेवां।
(s =आधी अ = क , का , की , आदि )
जब परिवार मा लोग जन कि तुमर मां या घरवाळि वाशिंग मशीन तैं तुमर पैंट छ्वटि हूणै गाळि दीण मिसे जावन त समजी ल्यावो तुम गौल जन म्वाट ह्वे गेवां।
जब बि तुम कै कोल्ड ड्रिंक हाउस मा जावो अर दूकानदार पूछों ,"साब डाइट कोला दूं ?" तो मतबल च तुम गैबण भैंसौ तरां म्वाट ह्वे गेवां।
जब बि तुम सिनेमा टिकेट खरीदो अर हर समय तुम तै सबसे अग्वाड़ी सीट ही मील।
जब ट्रेन यात्रा मा अस्सी सालौ बुड्या तुम तैं अपण लोवर बर्थ ऑफ़र करणा रावन।
जब तुम तैं एक्सरसाइज वीडिओ दिखदि नींद ऐ जावो।
जब तुम तै लोग 'हाउ टु रिड्यूस वेट इन अ वीक ' 'एक हफ्ते में वजन कम करें ' जन किताब भेंट मा दीण बिसे जावन तो इकमा सुचणै बात नि च कि तुमर वजन बढ़ी गे।
जब तुम तै बड़ो लम्बो ऐना से डौर लगण मिसे जावो।
जब तुमर अलमारी मा वजन कम करणों किताबुं कटघळ लग जावो।
जब मेडिकल स्टोर वाळ तुम तैं बगैर पुछ्याँ अफिक डाइट पिल दीण बिसे जावो।
जब तुम तै डाइट पिल पर ही भरवस उठि जावो।
जब तुम इनशर्ट कि जगा शर्ट आउट मा भैर जाण पसंद करदवां।
चमड़ा बेल्ट की जगा तुम तैं इलास्टिक की बेल्ट पसंद आंदी।
जब तुम तै 'लो कैलोरी ' लो फैट ' या 'लो 'शब्दों से चिढ़ ह्वे जावो।
जब तुम तैं एक्सरसाइज साइकल देखिक ही उचिमुचि हूण बिसे जावो।
जब तुम वेइंग मसीन मा वेट करद दै आँख बंद कौरि दींदा।
जब तुम चार दिन केवल पाणि पींदा अर तब बि वजन बढ़ी जांद
जब तुम तै रोजा रमजान या व्रत सब बकबास लगदन।
जब तुम तै हरेक मैना मा नया नया जुराब खरीदण पड़दन।
जब तुम तै हरेक मैना मा नया नया जुराब खरीदण पड़दन।
जब तुम तै हर मैना नै नै पैंट -शर्ट सिलाण पोड़द।
Copyright@ Bhishma Kukreti 24/10/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
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