चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ= का , की , आदि )
कुछ इन बात ह्वेन कि जब हूण छौ तब म्यार दिल मा 'कुछ कुछ होता है ' जन कुछ नि ह्वे याने जब हूण छौ तब सरा सरैल मा किरम्वळु सरसराट नि ह्वे। सैत च इलै इ मि कवि नि ह्वै सौक अर आप मेरी कवितौं से बंचित रै गेन।
म्यार दिल मा 'कुछ कुछ होता है " हूण कनकै छौ ? जब मि दर्जा पांचम छौ कि एक दिन मास्टर जीन सरा क्लास तैं पूछि दे ," बथावा ! तुम तैं क्यां क्यां से प्रेम च ?"
मीन अपण एक फीटो हाथ चार फिटो कौरिक हाथ उठै दे। मास्टर जीन कबि म्यार उठ्युं हथ नि देखि छौ त वो खुश ह्वेन कि चलो देर से ही सही वूंक शिष्य जबाब दीण लैक ह्वे गे।
मास्टर जीन उत्साहित ह्वेक पूछ , " कै से प्रेम च ?"
मीन बि अति उत्साहित ह्वेक इन ब्वाल जन बुल्यां मि हुमायूं का बुबाs नाम बथाणु हों धौं ," भद्रावती से !"
जबाब बिलकुल सै छौ पण मास्टर जीन मि तैं पिटण शुरू कौर दे अर दगड़म इन इन गाळि बि देन कि कन कन गळदिवा बि शरमै जावो।
ड्यार औं त ब्वेन बि मार। ब्वेन इथगा चूट कि मारखवा -उज्याड़ो गोरूं तैं बि इन नि चुटे जांद।
असल मा भद्रावती मास्टर जीक बेटी छे।
फिर मि तैं कबि प्रेम नि ह्वे। जनि प्रेम का कीड़ा दिल मा अंडा द्यायो कि मार की याद विषैली कीटनाशक दवा मा बदल जांद। अर प्रेम कीड़ा उखमी दम तोडि दींद।
खैर मि बि कॉंग्रेसी प्रवक्ता ह्वे ग्यों। बात पूछे जांद कि कोयला घोटालामा प्रधान मंत्री अर सोनिया गांधी को क्या रोल च ? त कोंग्रेसी प्रवक्ताs जबाब हूंद बल नरेन्द्र मोदी धार्मिक तनाव फैलाणु च।
बात छे 'फ़ाइव स्टार लव' की अर मि छ्वीं लगाण बिसे ग्यों बल मीन भरीं जवानी मा प्रेम किलै नि कार ?
असल मा हर युग मा प्रेम प्रदर्शन का अलग अलग चिन्ह होंदन , हरेक युग का मोहबत्त दर्शाणो अलग प्रतीक हूंदन।
मि जब प्रेम मा फंसणो उमर मा छौ त प्रेम प्रदर्शनौ चिन्ह, मोहब्बत का सूचक , लव -सिम्बल छौ ," फ़ाइव स्टार चौकलेट "। बस आप छोरी तैं " फ़ाइव स्टार चौकलेट " पकड़ावो अर जु छोरिन " फ़ाइव स्टार चौकलेट " पकड़ी दे तो आप छोरिक 'औथोराईज्ड लवर ' माने जैल्या। अर जु नौनिंन " फ़ाइव स्टार चौकलेट " नि पकड़ त आप तैं हैंक नौनि खुज्याण पोड़ल।
मोहनक " फ़ाइव स्टार चौकलेट " खरीदण से मुहल्ला मा भ्यूंचळ/भूचाल ऐ गे। चार पांच किसमुं लोगुं निसिणि ह्वे गे याने निंद हराम ह्वे गे। पन्दरा साल से बड़ी नौन्युं ब्वे बाबुं त निंद , हगण -मुतण , खाण -पीण -सीण सब बंद ह्वे गे। मुहल्ला का औथराईज्ड प्रेमी अपण प्रेमिका द्वारा मोहनs हाथ से " फ़ाइव स्टार चौकलेट " स्वीकारोक्ति की शंका से ससंकित ह्वे गेन अर यूंक निंद हर्ची गे छे अर यी एक हफ्ता तलक कॉलेज नि गेन। प्रेम मा फंसणो बान जु युवा वर्ग लाइन मा छा वो बि ससंकित ह्वे गेन कि कखि मोहन वींइ नौनि तै " फ़ाइव स्टार चौकलेट " नि दे द्यावो जैं नौनि पर 'वुड बि लवर ' की टक छे। सबि जवान नौनि अलग अलग कारणों से ससंकित छे अर यूंकि बि भूख -तीस हर्चिं छे कि कखि मोहनन " फ़ाइव स्टार चौकलेट " वीं तैं इ पकड़ै दे या" फ़ाइव स्टार चौकलेट " नि पकड़ाई तो क्या ह्वाल ? मुहल्ला का सामजिक कार्यकर्ता जो देहरादून मा अपसंस्कृति आण से दुखी छा ऊं तैं संस्कृति बचाणों बान मुहल्ला मा पदयात्रा निकाळणो अवसर मिल गे छौ।
मोहन द्वारा " फ़ाइव स्टार चौकलेट " ख़रीदण से मुहल्ला मा नौन्युं ब्वे-बाब-भाई सबसे जादा क्रियाशील ह्वे गे छया अर सबि अपण नौन्युं जासूसी करण बिसे गेन। अपण नौन्युं जासूसी करण से ब्वे बाबुं तैं अपण नौन्युं की ही ना दूसरों नौन्युं बि भेद पता चौलिन अर अधिकतर ब्वे बाब आत्म हत्या करणों जगा खुज्याण बिसे गे छा कि पैरेंटिंग/बच्चों पालन पोषण को अर्थ केवल पढ़ाण -लिखाण इ आवश्यक नी च बलकणम बच्चों मानसिक विकास का भी ध्यान रखण उथगा ही आवश्यक च। भौत सि नौन्युंन अपण ब्वे बाबुं खूब मार बि खाइ , कुछ नौन्युं भायुंन बाह्य शक्त्युं बल पर ऊं नौनुं पिटै बि कराइ जौनं वूँकि बैण्युं तैं " फ़ाइव स्टार चौकलेट " दे छौ। कुछ इन बि ह्वाइ कि इना बैणि प्रेमी मार खाणु अर उना भाइ बि कै नौनी तैं " फ़ाइव स्टार चौकलेट "दीणो जुरम मा मार खाणु छौ। पुरुष प्रभुत्व समाज मा भाइ त अफु कैं बि नौनि तैं " फ़ाइव स्टार चौकलेट " भेंट करण तैं गुनाह नि मानदा छा पण कदापि नि चांदा छा कि वूँकि बैणि कैमांगन " फ़ाइव स्टार चौकलेट " ल्यावो।
वुड बि लवर (भविष्य का प्रेमी ) बि रात दिन जासूसी मा लग्याँ रैन।
कृयाशील सामजिक कार्यकर्ता बि एक हफ्ता तलक अपसंस्कृति का बचाव मा अति -कृयाशील रैन पण एक हफ्ता तलक पता नि चौल कि मोहनन " फ़ाइव स्टार चौकलेट " कैं नौनि तैं दे कैतैं पता नि चौल कि मोहन की प्रेमिका क्वा च ?
ये प्रकरण से मेरी बि पोल खुलि गे। चूँकि सरा मुहल्ला का लोग जासूस बणि गे छा त सब्युं तैं पता लगि गे कि मि प्रेम का मामला मा सचेकि 'ब्रह्मचारी ' छौं। अर जब सब थकि गेन त मुहल्ला का ब्वे बाबुन में से प्रार्थना कार " भलो जवान आदिम ! मोहन से पूछ
कि वैकि " फ़ाइव स्टार चौकलेटी प्रेमिका " क्वा च ?"
मि मुहल्ला का प्रतिनिधि बौणिक मोहनम ग्यों। एक घंटा तक इना -उना छ्वीं लगणा रैन अर अंत मा मीन पूछ ," मोहन यार ! तू एक हफ्ता पैल " फ़ाइव स्टार चौकलेट " खरीदीक लै छौ। तीन वा " फ़ाइव स्टार चौकलेट " कै तै दे ?"
मोहन न ब्वाल , "" फ़ाइव स्टार चौकलेट " मीन अफिक खाइ "
मीन खौंळेक पूछ ," तीन अफिक " फ़ाइव स्टार चौकलेट " खाइ ? फ़ाइव स्टार चौकलेट " नौनुं खाणै चीज च क्या ?"
मोहन न भेद ख्वाल , " मि पता लगाण चाणो छौ कि " फ़ाइव स्टार चौकलेट " मा छ क्या च कि " फ़ाइव स्टार चौकलेट " प्रेम चिन्ह , लव सिम्बल बौण ?"
Copyright@ Bhishma Kukreti 17 /10/2013 [गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
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