चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = क , का , की , आदि )
ब्याळि कोटद्वार से ड्यार आंद दै मेरि सासुन द्वी थैला प्याजौ हथ पर दींद ब्वाल ,"जवैं ! एक थैला पर छुट छुट प्याज छन , रस्ता मा कुछ चीज खरीदणो या गाँव मा दान -दुख्यरूं मा बंटणो काम आला। "
जेठु जीन ब्वाल ," दुसर थैला पर बड़ा बड़ा प्याज छन वो जु तुमर जमीनौ दाखिलख़ारिज का कागजात ठीक करणों काम आला। "
स्याळ बस मा बैठाणो आयि। टिकेट लेकि जनि बसs ड्वार पर अवां तनि कन्डक्टरन ब्वाल ,"सीट त क्वी खालि नी च !"
म्यार स्याळन अपण थैलाउन्दन एक बड़ो प्याजौ दाण कन्डक्टरs हाथ मा दे त कन्डक्टरन ब्वाल ,"अग्वाडि से द्वी लाइन पैथर बैठ जावो। "
स्याळ मि तै बस मा बिठै चलि ग्यायि। तबी एक अखबार बिचण वाळै आवाज आयि ,"आज की ताजा खबर आज की ताजा खबर -चीन से प्याज नकेल संधि ! आज की ताजा खबर -चीन से प्याज नकेल संधि !"
मीन औंळा बरोबर प्याज देकि अखबार खरीद। अखबार मा खबर बाँचि जखमा लिख्युं छौ बल चीन मा प्रधान मंत्रीs स्वागत प्याजौ माळाउं से ह्वे। प्रधान मंत्रीन चीनी प्रधान मंत्री द्वारा दियुं राजकीय भोज मा प्याज खाण से मना करि दे। प्रधान मंत्री बुलण छौ बल जब म्यार देसम गरीबुं तै प्याज नसीब नि होणु च त वो प्याज कनकै खै सकदन ! भारतीय प्रधान मंत्रीन चीनी प्रधान मंत्रीs समिण कसम खैन बल जब तलक गरीबुं तै भारत मा प्याज नसीब नि होलु तब तक वो बिन-प्याजौ खाणौ खाला। आज देर रात चीन अर भारत का मध्य एक संधि पर हस्ताक्षर ह्वेन। प्याज -नकेल संधि का अनुसार चीन भारत तैं प्याजौ बिचौलियों तै साधणौ बान एक लाख नकेल द्यालो अर नकेलूं बदल भारत एक लाख टन लौह अयस्क (आयरन ओर ) द्यालो। भारत का प्रधान मंत्रीन प्रसन्नता व्यक्त कार बल चीनी नकेल भारत में बिचौलियों के नाक में डाले जायेंगे जिससे प्याज के दाम घट जायेंगे। उन यीं बिचौलिया नकेल की तकनीक भारत मा चाण्यकन इजाद करि छे अर अशोक का वकत, बौद्ध भिक्षु यीं बिचौलिया -नकेल तकनीक तै चीन लीगि छा। अशोक का बाद अब फिर से भारतम बिचौलिया -नकेल तकनीक को प्रयोग दिखणौ मीलल। अखबारम एक समाचार छौ कि गढवाल का गाऊंमा ये साल प्रवासी घुघत्युं आण कम ह्वे गेन पण दिल्ली , ड्याराडूण अर कोटद्वार जन जगा का प्रवासी हफ्ता हफ्ता गाँव आणा छन अर अपण स्यारों मा प्याज लगाणो इंतजाम करणा छन। आखिर प्याज प्रवास्युं तै गढ़वाळ बौडाणम कामयाब ह्वे गे।
बसौ कन्डक्टर वूं तैं इ बैठणो जगा दीणु छौ जु कन्डक्टर तैं घूसमा प्याजै दाणि दीणु छौ।
बस चलण बिस्यायि त कन्डक्टरन जोर से वैधानिक चेतावनी दे ," व्यक्तिगत प्याजौ सुरक्षा की जुमेवारी पसेंजरों की अपणी च। सरकार कनि बि प्याजै चोरी जुम्मेवारी नि लींदी"
गूमखाळ से तौळ बस रुक अर कन्डक्टरन धै लगाइ," शोभन सरकार का मन्दिर ऐ ग्यायि जैन प्याज चढ़ाणाइ वो प्याज चढे ल्यावो। "
मन्दिर क्या छौ एक झुपड़ा छौ। उखम ज़िंदा शोभन सरकार की मजार छे अऱ भक्त लोग बड़ा बड़ा प्याज पुजारी तैं दीणा छा दगड़म एक पता लिख्युं पोस्ट कार्ड बि पुजारी तैं दीणा छा।
मीन बि चार बड़ा बड़ा प्याज पुजारी तैं देन अर अपण पता लिख्युं पोस्ट कार्ड पुजारी जी तैं दे। पुजारिन आशीर्वाद दींद ब्वाल ," द्याखो भक्त ! उन्नाव का बाबा शोभन सरकार तुमर बाबत सुपिन द्याखल कि तुमर कै पुंगड़म सोना होलु अर फिर हम पोस्ट कार्ड से सूचित करि द्योल्या कि तुम तैं कै पुंगड़म सोना मीलल। "
बस गूम खाळ आयि। उख एक हौकर चिल्लाणु छौ ," बगैर प्याजौ छोला दस रुपया प्लेट ! प्याज समेत छोला चालीस रुप्या प्लेट !"
गूमखाळम एक होटल वाळ अर एक ग्राहकम हाथापाइ हूणि छे। ग्राहकs बुलण छौ बल सुंगरौ शिकारमा प्याज छैं इ नि छौ अर होटल वाळ बुलणु छौ कि मीन सुंगरौ शिकार भुटद दै पाकिस्तानी प्याज डाळि छौ अब पाकिस्तानी प्याज से प्याजै गंध नि आन्दि त म्यार क्या दोष ?
मी घौर पौंछु त थ्वड़ा देरम स्कूल्या बच्चा मि तै दिखणो ऐगेन। मीन मुंबई से लयां चौकलेट बच्चों तैं दीणों बान भैर निकाळेन अर सबि बच्चोंन एक साथ ब्वाल ," दादा जी !बाडा जी ! हमे चौकलेट नही एक एक दाना प्याज दीकिये प्लीज !"
Copyright@ Bhishma Kukreti 23/10/2013
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक मसखरी दृष्टि से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी के जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले के पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले के भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले के धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले के वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी के पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक के विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक के पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक के सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक का सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक के राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य;सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ...]
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