(गढ़वाल, उत्तराखंड,हिमालय से गढ़वाली कविता क्रमगत इतिहास भाग - 221)
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(Critical and Chronological History of Garhwali Poetry, part -221)
By: Bhishma Kukreti
Less is known about Shailendra Jhildiyal
नौकरी पर बैन (गढ़वाली कविता )
-रचना -- शैलेन्द्र झिल्डियाल ( गढ़वाल )
Poetry by - Shailendra Jhildiyal
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मि नौकरी करि सक्दू
अर कन बि चांदी
किलकि अजक्याल अखबारुं मजि
भंडि नौकरी छन आणि
पर , उमर बांधी छ
उन त मैंन कब्बि कु
नौकरी लग जाणु छौ पर
नौकरी पर बैन छौ लगायूं
तबारी उमर पर बि बैन लगै दींदा
त मैं आज बि
नौकरि लगि सक्दू छौ।
(Ref-Angwal,2013)
Copyright@ Bhishma Kukreti, 2017
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