(गढ़वाल, उत्तराखंड,हिमालय से गढ़वाली कविता क्रमगत इतिहास भाग -242 )
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(Critical and Chronological History of Garhwali Poetry, part -242)
By: Bhishma Kukreti
Dr. Manorama Dhoundiyal is wife of Dr. N.K Dhoundiyal. Dr. Manorama Dhoundiyal is in teaching profession. Dr. Manorama Dhoundiyal is multitalented Garhwali literature creative
Mostly, poems by Manorama are idealistic and inspirational
प्यारु उत्तरांचल (गढ़वाली लम्बी कविता भाग )
-रचना --डा मनोरमा ढौण्डिढियाल
म्यारू प्यारू उत्तरांचल भारत कु भाल
आँखि जन चमकदन , कुमाऊँ -गढ़वाल।
ऊंची -ऊंची डाँडी -काँठी ऊंचा छन पहाड़
छोया अर छछ्याड़ छन गदनी उड़्यार
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गंगा जमुना बगदी यख जन की गाल माल
आँखि जन चमकदन , कुमाऊँ -गढ़वाल।
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येकि रक्षा करदन वीर भड़ लाल
आँखि जन चमकदन , कुमाऊँ -गढ़वाल।
xx
फुलदु बुरांस डांड्यूँ फुलदु च कांस
घुघती घुरांद यख बासदी हिलांस।
xx
औजी दादा दींद यख ढोल दमौ ताल
आँखि जन चमकदन , कुमाऊँ -गढ़वाल।
xx
येका चरणु झुकदिना भूपति मैपाल
आँखि जन चमकदन , कुमाऊँ -गढ़वाल।
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(Ud Ghughti Ud page 96-97)
Copyright@ Bhishma Kukreti, 2017
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