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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, October 3, 2017

इंटरनेट , टीवी अर अखबार बिटेन दूर याने हनीप्रीतै गंदगी बटें छुटकारु

(Best of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
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 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती    
 सि पांच छै दिन बटें मि अपण भतीजो नयो फ़्लैट शिफ्टिंग मा व्यस्त रौं त कसम से मस्त रौं।  असली रामै सौं इथगा मस्त त आशाराम , बंशीराम अर रहीम राम बि अपण आश्रम मा क्या रै होला धौं !
ना इंटरनेट , ना व्हाट्सप्प , ना टीवी , ना ही अखबार अर तबि बि मि आनंदमय संसार मा रौं। 
भौत बरसुं बाद जाण बल रात  नौ बजि सुबेर बि खुल्दि अर मि नौ बजि सुबेर तक सियुं रौंद छौ। 
     निथर मि तैं व्हट्सएप्प पर बिजळण वाळ बिजां फ्रेंड अर फ्रेंड्याणी छन जु चारि बजि बिटेन मोबाइलक  टुंग टुंग , कर्र की आवाज से गुड मॉर्निंग बोलिक बिजाळण शुरू कौर दींद छा।  व्हाट्सप्प का दगड्या दगड़्याणी गुड मॉर्निंग बोलिक बिजाळदा छा त मि फेसबुक पर चिपक जान्दो छौ त उख बि फ्रेंड्स अर फ्रेंड्याण्याणुं काम एकि रौंद हौर फ्रेंडुं सणि बिजाळण अर कट पेस्ट का प्रवचन दीण अर अब त यूट्यूब वीडिओ बि ह्वे गे यूँ प्रवचनकार्युं पास। 
   इंटरनेट नि हूण से ना तो व्हाट्सएप्प ना फेसबुक्या फ्रेंडुं धै -रैबार।  मि नौ बजि तक फकोरिक सियुं रौंद छौं।  अर पैल मि चर्री बजि बिज जांद छौ त ब्वेन अर घरवळिन मि तै रागासक ज्योणी  जोग मानी याल छौ।  जब मि   सुबेर नौ बजि बिजण लगुं त सब घौर वळु तै विश्वास ह्वे गे कि मनिख ही छौं।  थैंक्स नो इंटरनेट , नो व्हाट्सप्प अर मीन सीणो आनंद ले।  
     सुबेर सात बजि तक झाड़ा पिसाब छोड़ि मि फेसबुक अर व्हट्सप्पौ गुड मॉर्निंग , प्रवचनों रेडी मेड जबाब भिजणम व्यस्त रौंद छौ।  
 आठ बजि दिशा फिराक से फारिग हूंद छौ त मि अखबार पढ़ण लग जांद छौ।  
   अजकाल सबसे कठण काम हूंद अखबारुं मा समाचार खुज्याण।   सरा अखबार त विज्ञापनुं से भर्यां रौंदन त म्यार मुख्य काम हूंद कि विज्ञापनुं मध्य समाचार खुज्याण। बाबा रामदेव का शुद्ध आयुर्वेदिक चौंळुं मा बीं खुज्याण सरल सौंग च किन्तु अचकाल अखबारों मध्य न्यूज खुज्याण इथगा इ कठण च जथगा मोदी जीक भाषणुं मादे नेहरू जीक नाम खुज्याण। 
  अब जनि तनि कौरिक मि समाचार खुज्यों बि त सब समाचार नकारात्मक बस नकारात्मक खबर पढ़णो बान मि अखबारों पर पैसा खर्च करदु।  खैर जन छुट बच्चा तै रोज ब्वे नवांदि,  धुवांदि अर तपांदि तनि अच्काल अखबार  नकारात्मक विचारूं ,नकारात्मक शब्दुं , नकारात्मक फलादेस से तुम तैं तरबतर करणा रौंदन। अखबार पौढ़िक लगद कि कुछ बि ठीक नी चलणु च अर कुछ बि ठीक नि हूण त कुछ बि किलै करे जावो। 
     पिछ्ला पांच दिन हमर घौरक कै बि सदस्यन अखबार नि द्याख अर सच्ची बतौं  हम सब सकारात्मक सुचण लग गे छा।  अर यीं सकारात्मक सोच का परिणाम यो ह्वाइ कि म्यार नौनान अर भतीजान इकै फ़्लैट हौर बुक कौर दे अर गांवम कूड़ पर एक कमरा जुड़णो पैसा बि हम भायुं तै दे दे। अखबार माने नकारात्मक सोच अर नो न्यूजपेपर मीन्स ऑलवेज पॉजिटिव ! थैंक गॉड ! पांच दिन मीन अखबार नि पौढ़। 
      अच्छा जु तुम फेसबुक , व्हाट्सप्प अर अखबार से दूर रैल्या बि त टीवी बि त गुणछ लग जांद कि मि तै द्याखौ , मि तैं द्याखो।  बच्चा अर टीवी हठ इकजनि हूंद।  टीवी सीरियल द्याखो तो क्या दिखण ? या त कक्या सासु ब्वारीक कतल करणो सुपारी अपण मम्या ससुर तैं दींदी या ब्वारी कक्या सासु कु मर्डर करणो ऑडर अपण पुराणो हरामी प्रेमी तै दे दींदी।  
   टीवी न्यूज ? उफ़ , उफ़ ! रात सींद दैं हरेक दर्शक प्रार्थना करदो हे भगवान ! टीवी न्यूज मा हनीप्रीत जन प्रेमिका की कथा से बचाओ। या फिर दर्शक  सींद दैं खुदा की इबादत करदो कि हे परवरदिगार ! या तो कयामत ला या हम बंदों तैं बकवास , बदकारी , सत्वहीन डिबेट से बचा !
 यूं पांच दिन मि सीरियलों किलरों अर न्यूज चैनलों बकवास न्यूज -डिबेट से बि दूर रौं।  इथगा आनंद मि तै फोकटै दारु पेक कबि नि आयी जथगा आनंद बगैर इंटरनेट , बगैर अखबार अर बगैर टीवी से आई।  आप बि ट्राई कारो अर नै किस्मौ आनंद का  आनंद ल्याओ।  
     
        
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4 /10  / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
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