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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, October 29, 2017

यूं ओवैसियों , मौलवियों, कौमनष्टी मंगलेश डबरालों की ना सुनियो गंगासलाण पुत्र योगी आदित्यनाथ !

( तड़तड़ा, खड़खड़ा अर  मर्चण्या सवाल , मगज खव्वा उत्तर , कुल्ली खावो जबाब )
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 करकराट : भीष्म कुकरेती 
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 हां  भै पंचुर पुत्र ,  हां  हां उत्तर प्रदेशौ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ! तू कबि बि यूं कौमनष्टी लिख्वारों भकलौण मा नि ऐ।  हां भै गंगासलाण पुत्र तू यूं खोखली , थुळदार, लालरंगी  कलमदारों बहकाण मा नि ऐ। हां भै उदयपुर पुत्र ! योगी आदित्यनाथ ! तू यूं रीता बर्वळ बजैक घी की आस लगाण वळ बामपंथी मंगलेश डबराळुं  भड़काण मा नि ऐ।  हे नाथ गुरु ! तू ये  बिषदंती संगीत सोम तै बकबास नि करण दे।  तू सेक्युलरों से नि डौरी हाँ।   तू यूँ थुळ हुयां का डौरन हिन्दू धार्मिक स्थल जाण अर  बड़ा जीजान्टिक रूप मा पूजा करण बंद नि कौरी। ओवेसी, मौलवियों या कौमनष्टियों की कत्तई नि सुणिन किलैकि जब तुम अयोध्या जांदवां त यूंकुन तुम धार्मिक  मुख्यमंत्री ह्वे जांदवां पर जब तेलंगाना का मुख्यमंत्री विशेष सरकारी इस्लामिक इंडस्ट्रियल इस्टेट निर्माण करणै बात करद त वो पवित्र धर्मनिरपेक्ष ह्वे जांद। 
    जी हां  जी ! आदित्यनाथ जी !  मि उत्तर प्रदेश छवि निर्धारण की छ्वीं बथ करणु छौं।  जी मि विपणन गुरु , सेल्स गुरु, पर्यटन विपणन मास्टर  भीष्म कुकरेती  खुलेआम उत्तर प्रदेश छवि परिवर्तन हेतु त्यार उठयां कदमों की भूरी भूरी प्रशंसा करणु छौं।  हे  गढपुत्र ! जु तू उत्तर प्रदेश छवि उद्धार का यूं कार्यों तै अग्वाड़ी बढ़ाणम हौर बि आक्रामक  ह्वेक कार्य करली त मि जंगड़  ठोकिक बोली दींदु मार्केटिंग वळ तेफर लेख क्या किताब अवश्य ल्याखल। 
       जी सब तै पता च बल जब बि उत्तर प्रदेशो नाम ल्यावो त आम भारतीयों दिमाग मा गलत , गंदी, अपराध बहुल छवि ही आदि।  मायावती , भ्रस्टाचार का अचार , अखिलेश , ठगी , बलात्कार  , आजम खान , लड़ै झगड़ा  , पाषाण युग ही आम भारतीयों मन मा उत्तर प्रदेशै छवि च।  यदि भारत की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मा परिवर्तन लाण त उत्तर प्रदेशौ छवि मा परिवर्तन आवश्यक च।  अर या बात ना तो मंगलेश डबराल सरीखा बामपंथी विचारक , ना इ विनोद शर्मा सरीखा डुबदी नाव याने कॉंग्रेस समर्थक पत्रकार अर ना ही बिषदंती संगीत सोम की समज मा आण कि उत्तर प्रदेश की सबसे पैली समस्या  छवि परिवर्तन च।  ज्वा बदहाली  , बिषमता , बदकारी उत्तर प्रदेश मा च कमोवेश रूप से वा इ बदकारी सबि प्रदेशूं मा च।  हां बदकारी की मात्रा  कम ज्यादा ह्वे सकद पर हर प्रदेश मा वै गुवाण च ज्वा हळकाण उत्तर प्रदेश मा च किन्तु गुवाणो मामला मा छवि उत्तर प्रदेश की अधिक खराब च।  
  मनुष्य  फैक्ट ना अपितु छवि कु गुलाम च।  मनुष्य फीगरों पर उथगा विश्वास नि करदो जथगा धारणा , छवि पर विश्वास करदो।  फीगर , गणित की संख्या इ जि इथगा कारगर हूंदी तो उत्तर प्रदेश की तुलना मा मध्य प्रदेशौ नाम जादा बदनाम हूण चयेणु छौ।  ब्रैंडिंग मा छवि सर्वोपरि अर तागतवर हथियार हूंद जी। 
     हे बिष्ट पुत्र ! पर छवि की एक विशेषता या हूंद कि यदि एक दैं कै वस्तु , मनिख या प्रदेश की छवि बण गे त वा छवि मनुष्य का मगज मा सदा का वास्ता रिकॉर्ड , अंकित ह्वे जांद अर मिठाण से बि नि मिठद।  मष्तिस्क का गूदा  मा ही छवि रिकॉर्ड हूंद अर मष्तिस्क गूदा  जल्दी खतम क्या जळदु बि नी च तबि त हिन्दू धर्म मा कपाळ क्रिया करे जांद कि मष्तिस्क गूदा खतम ह्वे जावो अर वे गूदा (जखम छवि टेप ह्वेकि सेव हुईं रौंद ) मा छवि ख़तम ह्वे जावो। 
          उत्तर प्रदेश की ज्वा नकारात्मक छवि बणी च वीं छवि तै त मिठाण से बि नि मिठये  जै सक्यांद।  तो मार्केटिंग सिद्धांतनुसार इन मा मनिख , वस्तु या प्रदेश की एक नई छवि बगल मा खड़ी करण पड़द।  अर हे उत्तराखंड प्रवासी ! तू अयोध्या , चित्रकूट , वाराणसी मा हिन्दू धार्मिक स्थलों छवि नै तरां से प्रस्तुत करणी छे वा मार्केटिंग कला का हिसाब से ये बगत सर्वोत्तम विकल्प च। जी  हाँ उत्तर प्रदेशौ बुरी, नकारात्मक  छवि का बगल मा उत्तर प्रदेश की धार्मिक छवि बणान भौत इ सार्थक पहल च जी।  धार्मिक छवि भौत सी बुरी छवियों तै दबै दींद।  रोम याने वेटिकन सिटी , मक्का मदीना आदि जगाऊं  मा असंख्य बुराई ह्वेलि किन्तु धार्मिक स्थल की छवि का कारण सब बुरी , नकारात्मक छवि दब जांदन अर प्लेस ब्रांडिंग या स्थान छविकरण मा नकारात्मक छवि सकारात्मक छवि का तौळ दबण तै मार्केटिंग की जीत बुल्दन।  
     याने उत्तर प्रदेश की नकारात्मक छवि तै धार्मिक छवि से दबाण एक बहुत ही सार्थक , सकारात्मक कार्य च।  हे आनंद बिष्ट पुत्र ! तू  धार्मिक स्थलों तै आधार बणैक  उत्तर प्रदेश की रि ब्रैंडिंग याने छवि पुनरोत्थान का कार्य मा तेजी ला।  हे यमकेश्वर पुत्र ! तू  राम कृष्ण जन्मभूमि , काशी , प्रयाग , चित्रकूट का अलावा  अन्य आठ दस भुल्यां - बिसर्यां हिन्दू धार्मिक स्थलों तै विकसित ही नि कौर अपितु यूं स्थलों की आक्रामक रूप से छविकरण (धारणा रचण ) कौर।  उत्तर प्रदेश की छवि यदि धार्मिक प्रदेश की बण जावो तो पुरानी नकारात्मक छवि अफिक नेपथ्य मा चल जाली।  
  हे सावित्री देवी  पुत्र ! तू द्वी तीन साल तक उत्तर प्रदेश मा धार्मिक स्थलों की आक्रामक ब्रैंडिंग कौर अर पर्यटन उद्यम तै एक नई दिशा दे।   धार्मिक स्थल ब्रैंडिंग से द्वी कार्य सिद्ध ह्वाला।  एक त उत्तर प्रदेश की नई छवि बणली ज्वा नै छवि नकारात्मक छवि तै दबाली।  दुसर पर्यटक बढ़ल और हमेशा ही पर्यटक नकारात्मक छवियों का विरोधी हूंदन।  तो लगे रहो  मेरे सपनों  के मुख्यमंत्री , लगे रहो  धार्मिक स्थलों की ब्रैंडिंग में ! 
      


 26/10 /2017 Copyright@ Bhishma Kukreti
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल  दिमाग हिलाने हेतु , दिमाग झकझोरने , दिमाग की नस दबाने,  हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

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