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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
मि -हैलो! हैलो ! भुंदरा बौ ?
भुंदरा बौ -हाँ बोल।
मि -ये बौ क्या हाल छन ? गाँव मा ठीक ठाक छन ?
भुंदरा बौ - तुम बम्बै वाळु कुण त सब ठीकि छन इख।
मि - गांवम ठीक ठाक ? ..
भुंदरा बौ - हाँ सि कुछ दिन पैल प्रधान कक्या ससुर जीन ड्याराडूणम जमीन खरीद याल।
मि -पर वै काकाम त हींग खरीदणो पैसा नि छौ त ....
भुंदरा बौ - अरे एक दै आदिम प्रधान बौण ना कि चर्री तरफ बिटेन रुप्या झड़ण मिसे जांदन।
मि - बकै ठीक छन ?
भुंदरा बौ -हाँ सि सात दिन पैल जगदीश कौंक कूड़ बि भीम पोड़ी गे। दिल्ली बिटेन जगदीशक फोन ऐ छौ बल चार छै मैनाम टैम लगल त आलु।
मि -कुछ ज्यादा नुक्सान त नि ह्वे ?
भुंदरा बौ -नै नै जादा कुछ ना। आठेक मूस , जण तीनेक गुरा मर्यां मिलेन अर ....
मि -अर ?
भुंदरा बौ - कुछ बिंडी ना जगदीशौ कूड़ गोबिंदौ कूड़ौ एक धौड़ बि दगड़म लीगे । बस।
मि-हे मेरी ब्वे ! बकै ठीक ?
भुंदरा बौ -हाँ बकै ठीकी छन। बस उ सतुरी कौंकि गौड़ी जंगळ बिटेन चार मैना बाद बाद वापस ऐ गे। बिचारि सतुरी !
मि -क्या ?
भुंदरा बौ -अरे उ क्या च पैल क्वी गोर बुड्या ह्वे जांद छौ त गाँव वळ नजीमावादौ गलादारौं तै बेचि दींद छा। हमर ज्यान छुटि जांद छे तो उंकी जीमण ह्वे जांद छे।
मि -अब क्या ह्वे ?
भुंदरा बौ -अरे , ऊँ गुरकटा गौरक्षकों म्वाड़ नि मोरि गे ? सि अब नजीमाबादौ कसाइयों तैं गढ़वाळ जिना आणि नि दीणा छन।
मि -त ?
भुंदरा बौ - त क्या अब हम बांज -बुड्या गौड्यूँ तैं जंगळ ठेल दींदा कि उख बाग़ ले खाइ ल्यावो ऊँ बेकार का जानवरों तै पर सतुरी क गौड़ी से बाग़ बि डर गे सैत। चार मैना बाद वा बुड्या गौड़ी पिलपिली बौणि बौड़ी ऐ गे। अब बिचारि सतुरी तै बांज गौड़ी पळण इ पोड़ल।
मि - औ ! बकै ठीक ना ?
भुंदरा बौ - हाँ बकै सब ठीकी छन। उ किशनान यम ये , बीयड कौर छौ कि मास्टर बौणल। मास्टरी मील नी , तीन साल से खाली छौ तो वैन बि गदनम खाली घटम दारु बणाणो काम शुरू कौर याल। सबि बुलणा छन बल किसना मास्टरी से त जादा इ कमाल।
मि -ये ! बकै सब ठीक ?
भुंदरा बौ - हाँ वु चार दिन पैलि गब्दु बेटी बिहारी डिलेबरौ दगड़ तिबर भागी गे पर बकै सब ठीक ठाक छन गाँव मा
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Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India , 13 /7/ 2017
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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