गढ़वाली हास्य व्यंग्य
सौज सौजम मजाक-मसखरी
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
बुड्या मरणु बि नी!: याने एक अभिनव आन्दोलनs जड़नाश
(s =आधी अ )
म्यार ख़ास दगड़्यान ब्वाल," बल रे भीषम त्यार दगुड़ कौरिक मै कुछ नि मिलि।"
मीन बोलि," अबे दगुड़म लिए नि जांद दिये जांद।"
वैन जबाबम बोलि,' मि द्वापरो दगड़्या नि छौं। कळजुगि दगड़्या छौं जैक बोल हून्दन बल मि त्यार इख औंलु त तु क्या देलि अर तु म्यार इख ऐलि त मेखुण क्या लेकि ऐलि?"
मीन ब्वाल," अछा बोल आज क्या ह्वे जु तु म्यार दगड़न परेशान छे."
ख़ास दगड़्यान बोलि," यार तु अरविन्द केजरीवाल जन होंदु त म्यार कथगा मजा हूंदा!"
मीन पूछ,"कनो क्या ह्वे जांदो?"
वो बुलण लगि राय," तू पैल सरकारी अधिकारी बणदु अर उख त्वे तैं कम करण पोड़द त त्वै तैं मजा नि आंदो। तेरि जिंदगी फलसफा होंदो बल दुसरो पीठम सत्तू छोळण।"
मीन बीचम बोलि," पण हरेक सरकारी अधिकारि त यी चांदो काम क्वी कारो अर प्रमोसन म्यार इ ह्वावो।"
वो बुलदो गे," हां जब तु दिखदि बल सबि अधिकारि दूसरो मौणिम बंदूक चलांदन त तेरि उख कतै नि चलदि अर तु सरकारी नौकरि छोडी दींदु।"
मीन बीचम बोलि," अबे म्यार परिवार बि त होंदु बगैर नौकरि मि परिवार कनै पाळदो?"
वो बुलणु छौ," तू एक एन. जी. ओ खोलि दींदो अर इन मा दान दक्षिणा से तेरि सामाजिक कार्यकर्ताs चमकीली दुकान बि चलणि रौन्दि अर परिवार बि पळणु रौंद।"
मीन पूछ," अबे इन माँ क्या च? उत्तराखंडम उथगा गां नि छन जथगा एन. जी. ओ छ्न. त एन. जी. ओ चलाण वळा अपणि सामजिक कार्यकर्ताs दुकान बि चलाणा छन अर परिवार पळणा छन।"
वो बुल्दो गे,' तू हौर एन. जी. ओ चलाण वळो से जादा महत्वाकांक्षी होंदु अर तेरी नजर कै बड़ो पद पर होंदो पर क्वी नेता तेरो कब्जा मा नि आंदो जु त्वै तै क्वी संवैधानिक पद दे द्याओ।"
मीन बोल," हूँ !"
ख़ास दगड़्यान बुलण चालु रख," फिर त्वै तै एक सरीफ गांधीवादी अन्ना हजारे जन बूढों मनिख मील जांदो, वै गांधीवादीs समाजम बड़ी इज्जत होंदी। वै गांधीवादी तै म अखबारों से ना वैको काम से पछ्याणे जांदो।"
मीन पूछ," फिर?"
दोस्तन अग्वाड़ी ब्वाल " फिर क्या ? त्वै तै लग जांदो कि यो गांधीवादी बुड्या का कंधा तेरि महत्वाकांक्षा पूरि कौर सकदन अर तु गांधीवादी बुड्या तैं पटांदि बल भारतीय भ्रष्टाचार से त्रस्त छ्न. अर आज एक भ्रष्टाचार उन्मूलन आन्दोलन की बड़ी जरूरात च। बिचारो अछेकि गांधीवादी, सीधो साधो मनिख तेरि भकलौणि मा ऐ जांदो।"
मीन ब्वाल," इखम बुरु क्या च ?भ्रष्टाचार उन्मूलन आन्दोलन त भारतम खाणो खाण जन एक बड़ी जरोरात च। "
वैन बोलि," फिर एक बहुत जोरs भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन चलदो अर ये आन्दोलन तै जनता अर मीडिया को पूरो समर्थन होंदु। जनता भ्रष्टाचार से त्रस्त छे त वा एक गांधीवादी नेता की जग्वाळम छे अर आन्दोलन की तैंची-गरमी राजनैतिक नेताओं तै बि लगदी फिर संसद मा भ्रष्टाचार खतम करणों फोकटो स्वांग रचे जांदा।"
मीन बोलि," सत्ता को सासत्व नियम च बल सत्तासीन अपण विरोध्युं तै खतम करणों बान बनि बनि टुटब्याग करदन।"
वो बुल्दो गे," फिर गांधीवादी भ्रष्टाचार विरोधम उपवास करदो। अर तु भगवान से प्रार्थना करदो कि यी बुड्या उपवास करदो मोरि जावो।"
मीन पूछ," बुड्याs मोरण से क्या फैदा हुंदो?"
वैन ब्वाल," तू चान्दि कि बुड्या उपवास करदो मोरि जांदो त भारतम एक आग लगि जांदी अर तू चुनाव लड़िक प्रधानमंत्री बौणि जान्दो।"
मीन पूछ,"अगनै बोल "
वैन ब्वाल," तू खुलेआम एक राजनैतिक पार्टी जन कि स्वराज्य पार्टी बणाणो तैयारी करी लींदो पण गांधीवादी बुड्या ये आन्दोलन तै निखालिस सामजिक आन्दोलन बणानो बात करदो।"
मीन ब्वाल,"हां आज भारत की एक बड़ी जरूरात सरकार पर सामजिक दबाब की च किलैकि राजनैतिक दबाब उठ्गा प्रभावशाली नि होंदु जथगा सामजिक दबाब।"
वें बोलि," फिर तू अर त्वै जन राजनैतिक महत्वाकांक्षी दगड़्या वै असली गांधीवादी बुड्या तै छोड़िक एक कॉमन मैन पोलिटिकल पार्टी खड़ी करी दींदा।"
मीन ब्वाल," अर मी स्वार्थ, अवसरवाद, महत्वाकांक्षी एक अभिनव आन्दोलन को जड़नाश करदो।"
वें ब्वाल," हां तू त राजनैतिक क्षेत्रमा अवश्य चमकी जांदो पण एक आवश्यक अर सही आन्दोलन एक स्वार्थि मनिखो महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ी जांदो।'
Copyright@ Bhishma Kukreti 22 /2/2013
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