ढ़वाली हास्य व्यंग्य
हे गोरिल, गोल्यु , ग्विल ज्यू! अब तुमारो इ सारो (सहारा ) च
चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
(s =आधी अ )
हे ग्विल जी ! उन त हमर देसौ संविधान अर न्याय-निसाब दीणों नियमुंम क्वी इन खामी नी च बल तुम तै तंग करे जावो अर तुम तै धरम संकटमा डाळे जावो पण माराज ! कुछ लोगुं दुःख नि दिख्याणु च त मेरि गुजारिश च बल तुम जरा थ्वडा देरो खुणि उत्तराखंड छोडि जरा भारत दर्शन बी करि ल्याओ।
अब द्याखो ना अपणि जया ललिता बैणि बिचारि कथगा परेशान च। बिचारि सणि वीं पर लग्युं भ्रष्टाचार अभियोग छुड़ाणो बान बार बार बंगलौर कोर्टम आण पड़दो। अब तुमि निसाब कारदि बल एक विपक्षी दलै नेत्याणि बिरोध कारलि कि बंगलौर आलि? या जब वा मुख्यमंत्री रौन्दि त विचारि तमिल नाडूम लॉ एंड ऑर्डरs बान विश्वरूपम जनि फिल्मों तै बैन लगालि या अफु पर लग्याँ भ्रष्टाचारो दाग मिटाणो बान इना उना दौड़लि? चलो आम लोग त न्यायम देरी झेल इ ल्याला पण जया ललिता सरीखी नेत्याणि कथगा परेशानीम रौन्दि। मेरि प्रार्थना च बल हे न्यायो दिवता यीं बिचारिक पेंडिंग लीगल केसुं आदरणीय न्यायाधीसों से बोलिक झटपट निर्णय दिलै द्यायो। बिचारि तैं अनावश्यक तून सुणण पड़दन कि वा एक भ्रष्ट नेत्याणि च अर इन माँ बिचारि तैं लज्जाहीन राजनीतिग्य बणण पोड़द अब हे ! निसाबौ दिबता! हम लोगुं तै कथगा बुरु लगद, जिकुडि जळदि जब जया ललिता सरिखा नेतौं तै न्यायम देरिs वजै बेशरम बणन पोड़द।
अब उत्तराखंड बणणो बाद तुम त गढ़वाल अर कुमाऊंम भौति व्यस्त ह्वे गेवां। अब बात बि सै च राज्य बणनो बाद ग्राम सभा से लेकि देहरादून तलक भ्रष्टाचार,अनाचार, चोरी चपाटी, लुचाखोरि, लूट खसोट बढ़ण से तुमम काम बढ़ी गे अर तुम अति व्यस्त ह्वे गेवां। पण फिर बि तुम जरा एकाध दिनो खुण बिहार ह्वेक ऐइ जावो। जो बिचारो भारत कु प्रधान मंत्री लैक छौ वै मनिख पर फोकटम पिछला सोळा बरसों से चारा घोटाला केस चलणो ह्वावो त इन मा लालू प्रसाद यादव की छवि खराब नि होन्दि? बिचारा लालू जीक इ हाल छन कि जब नेताओं पर भ्रष्टाचार विरोधी बिल लोकसभा या राज्य सभा मा लये जांदो त ऊं तै अनावश्यक रूपम वै बिलों विरोध करण पोड़द अर फोकटमा लालू जीक पार्टीs सांसद तै बिल की नकल संसदम खुलेआम फाड़ण पोड़द। अब इखमा लालू प्रसाद जीक क्या गल्थी च? जब सोळा सालम लालू जी तै न्याय नि मीलल त लालू जीन चिरड्याण च अर इनमा वो कै बि बिलों विरोध कारल कि ना/? जै बिचारो तै सोळा बरसों बिटेन न्याय नि मीलल त वै पर क्या बीतलि यो त लालू जी से जादा को जाणल? इन मा लालू जीको न्यायपालिका पर भरवस खतम होलु कि ना?अब त हम तै बि लालू जी से सहानुभूति हूण बिसे गे कि इथगा बड़ो नेता क दगड़ बि समौ से न्याय नि होणु च। त जरा एकाद दिनों बिहार जैक आदरणीय न्यायाधीसोंम बोलिक लालू प्रसाद यादव जीक केस को फैसला करै द्यावो।
अब इनि भावी प्रधानमंत्री लैक मुलायम सिंह यादव की यातना, उठा-पौड़ी बि नि सयाणी च। जब बि बिचारा मुलायम सिंह यादव जी जनता का हित मा तिसरो फ्रंट की बात करदन कि कोर्ट को समन ऐ जांद अर बिचारा अपण सि मुक लेकि तिसरो फ्रंट की बात बिसरि जांदन। में से मुलायम सिंह जीको तरास, टौरचर नि दिखे जांदो। जरा आयकर विभाग का अधिकार्युं, सी . बी . आई . का लोगुं अर आदरणीय न्यायाधीसों से बोलिक मुलायम जीक केसों निपटारा करी द्यायो। जन कि रॉबर्ट बाड्रा जी पर अभियोग लग त कन हरियाणा का अधिकार्युंन एक घंटाम बाड्रा जीक केसों निपटारा कार अर ऊं तै क्लीन चिट दे द्यायि। भगवन! इनि फटाफट न्याय निपटारा मुलायम सिंह जी क बि करि द्यायो ना!
न्याय निसाब की बात च। अब तुमि बथावदी बिचारा बीर भद्र सिंह हिमाचल का मुख्यमंत्री बौणि त गेन पण यूं पर लग्याँ भ्रष्टाचार का दाग त ऊनि छन कि ना? विचारि सोनिया जी अर राहुल गांधी तै कथगा बुरु लगदो होलु जब क्वी बि बोल्दो कि कौंग्रेस बात त भ्रष्टाचार मिटाणो करदी पण भर्स्ट नेता तै मुख्यमंत्री बणै दीन्दी। त हे ग्विल जी ! जरा बीर भद्र सिंह पर लग्याँ अरोपुं निपटारा चौड़ करै द्यायो जां से बिचारि सोनिया जी अर बिचारा राहुल जी तै शर्मशार नि होण पोडु!
हे न्याय-निसाब को दिब्ता ! भारतम हजारो नेता देरि से न्याय मिलणों कारण परेशान छन, रूणा छन, दुखि छन, जरा आदरणीय न्यायाधीसों से बोलिक यूं नेताओं पर लग्यां केसों निपटारा त करावो। अब यि नेता लोग न्यायम देरी से परेशान राला, रूणा राला, दुखि राला त यूंन जन हित का काम कब करण?
उन त हरेक राजनीतिग्य चाणो च बल भारतम जुडिसियल रिफ़ॉर्म (न्यायिक सुधार ) आवो पण हरेक राजनीतिग्य जन हितs कामोमा इथगा व्यस्त छन कि न्यायपालिकाम सुधारों बाराम वूं तै कुछ करणों क्या सुचणों बगत इ नि मिलणु च।त जरा तुम कुछ दिन उत्तराखंड न्याय विभाग से छूटि लेकि भारतम जुडिसियल रिफौर्म (न्यायिक सुधार) कराइ द्यायो भगवन !
Copyright@ Bhishma Kukreti 10/2/2013
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