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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, February 19, 2013

कुत्ता भुकणो त वै तै हड्डी दे द्या


गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
               कुत्ता भुकणु त वै तै हड्डी दे द्यावा
                        चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ )
" ए मेरि ब्वे मोरी ग्यों।पुटकुंद भारी पीड़ा होणि च।"
ह्यां ! त डाक्टरम जादि'
" गे त छौ।"
" त क्या ब्वाल डाक्टरन?"
"क्या बुलण छौ। डाक्टरन बोल बल पिस्युं धणिया मा घ्वाड़ो लीद, जीरो मा जंगली बीज, काळी मर्चम पपीता बीज, लाल मरचम कुज्याण को कैमिकल मिलायुं मसालों से म्यार पेट दुखणु च। डाक्टर बुलणु च बल मसालोंम मिलावटन ऐपेडिमिक ड्रोप्से हूणों पूरा अवसर छन।"

" हे नागराजा! नि खैन भोळो बग्वाळ यी ब्यापारी जु साफ़ मसालोंम अंट संट चीज मिलाणा छन।"
" हे बुबा मोरी ग्यों। नि बचदो मी। सांस रुकणी सि च।"
" ह्यां किलै छे कराणि?"

" अरे जु दूध पीन्दो छौ वैमा बल यूरिया मिलायुं छौ अर मि मिलावटी दूध पेकि बीमार पोड़ी ग्यों। वैद जी तै अंदेसा च बल ह्वे सकुद च मी तै इनक्रीज्ड साल्वेसन,उन्द-उब (उलटी-दस्त ),अबडोबिनल क्रैम्प,बार बार तीस लगणों अंदेसा बि च।"
" बांजि पोड़ि जैन यूंकि कूड़ि जु दूध मा यूरिया अर भौं भौं सिंथेटिक दूध मिलांदन। बजर पोड़ि जैन यूंकि कूड़िउंद जु यी घीमा, चीजमा, पनीरमा, खोयामा कोलतार डाइज जन केमिकल मिलान्दन, दहीमा अर लोगुं जिन्दगी से खिलवाड़ करदन।"
" अरे यी कथगा लोग अस्पताल किलै जाणा छन?"

" यी सबी एकि दुकान बटी रासन खरीददा छा अर अब पता चौल बल ग्यूं-चौंळम सुफेद पथर, बजरीम बळु मिऴयुं रौंद छौ या फंगस इन्फेक्टेड ग्यूं -चौंळ,खाणों तेलम रेनसीड तेल, दाळुम लथाइरस सैटिवास जन विषैली दाळ मिलीं रौंद छे"
"तो?"

" तो क्या, क्वी डाहिरिया को रोगी ह्वे गे, कै पर लथाइरिज्म की बीमारी ह्वे ग्यायि अर कै पर लकवा बि ह्वे गे।"
" जा तड़म लगी जैन यूं कुनेथ्युं पुटकी। ये मेरि ब्वे थ्वड़ा सि नफाs बान मनिखों जिन्दगी लीणा छन यी राक्षस ?"
" अरे या लोगुं बड़ी लंग्त्यार कख जाणि च?"
" यी सुब मिलावटी फल या भुजि खैक बीमार हवे गेन।ब्यापारी फल अर साक भुजी उमर बढाणो बान फलों या सबज्युं पर इंजेक्सन दीन्दान अर वांसे इन भुजि खाण वळ लोग भौं भौं बीमारीन ग्रसित ह्वे गेन।"
" घाम लगि जैन यूं ब्यापार्युंकी मौ ! जो इन दुष्कर्म करणा छन।"
" ये मेरि ब्वे ! ये मड़घटम चारोंतरफ न सौ द्वी सौ मुर्दा किलै आना छन/"
" कुछ लोग मिलावटी दारु पेक मोरी गेन अर कुछ लोग विषैलो शिकार-मटन-मच्छी खैक मोरी गेन।"
' ये मेरि ब्वे ! त सरकारी अधिकारी क्या करणा छन?"
" कुत्तों तें हड्डी दे द्यायो त कुत्ता बि भुकण बंद कौरि दीन्दो।"
"मतबल?"

"मतबल या च बल अधिकारी रिश्वत खैक मिलावट करण वाळु तै खुलि छूट दीणा छन त इन मा मिलावट रुकी नि सकदी।"
" हे भगवान मेरो भारत को यी हाल?"
" हां! सोमनाथ मन्दिर जब लुट्याणु छौ त हथियार उठाणों जगा भारतीय भगवान तै यि त याद करणा छया।"
"तो हथियार इ एक विकल्प बच्युं च ?"
" मि क्या बोलुं ? यो त भारतीयों तै इ सुचण कि क्या सै च अर क्या गलत च "

Copyright@ Bhishma Kukreti 20/2/2013

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