गढ़वाली हास्य-व्यंग्य
सौज सौजम मजाक-मसखरी
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
सफल जनानि पैथर हैंकि जनानि
(s =आधी अ )
'हर सफल आदमी के पीछे एक औरत खड़ी मिलती है ' कहावत त आपन सूणि होलु अर अब हरेक सफल जनानिs सफलता मा बि मरद ना जनानिs हाथ हूंद। यो जो महिला स्वतंत्रता की बड़ी बड़ी छ्वीं लगदन त तुम दिखिल्या बल ज्वा बि नामि-गिरामि जनानि वीमेन'स लिब या महिला स्वतन्त्रता की करता धर्ता ह्वेलि वींक पैथर बि जनान्युं हाथ होलु।
अब सि मिसेज कलावती गुदखोर तैं इ देखि ल्यावदि। गुदखोर एक बड़ी लेखिका अर महिला स्वतन्त्रता आन्दोलन याने वीमेन'स लिबरेसन की बड़ी धड्वै च अर परिवारम संबंधो बाबत कविता -कहानी लिखदि। मीन जब वीं तैं पूछ बल तुम इथगा जादा कनै लेखी सकदा? त मिसेज गुदखोरौ जबाब छौ बल म्यार लिखणम जनान्युं बड़ो हाथ च।
मीन पूछि," क्या मतबल? आपक सफलता मा मिस्टर मौनि गुदखोरौ बि त हाथ होलु?"
मिसेज गुदखोर- हां जब मि अपण सासु मिसेज बिनबातो बबड़ाट से लिबरेट हों याने बिगऴयों तो म्यार हजबैंडक बि अलग होणम हाथ छौ। वूंन तब अपण ब्वे पर हाथ छोड़ी छौ पण फिर त म्यार लिखणम सिरफ जन्यान्युं हाथ च।जन कि अचकाल म्यार लिखणम मिसेज घरबाइ को बडो हाथ च।
मि- मिसेज घरबाइ?
मिसेज गुदखोर- हां म्यरो ड्याराम काम करण वळि। मिसेज घरबाई म्यार ड्यारो सौब काम संभाल्दि, बच्चों देख रेख करदि अर सबसे बड़ी बात च वा हमर खाणों बि बणान्दि।
मि- मिसेज घरबाई तनखा लॆन्दि ह्वेली?
मिसेज गुदखोर- हाँ मि अपण कमाई से इ मिसेज घरबाइ तै तनखा दींदु।
मि- तो तुमर कजै मिस्टर मौनि गुदखोर मिसेज घरबाइ तनखा नि दीन्दन।
मिसेज गुदखोर-नै वूंन साफ़ बोलि बल मि तैं लिखण ह्वावो या महिला स्वतन्त्रता आन्दोलनम जाण ह्वावो त मी तै घौरो काम करणों बाद इ लिखण अर जनान्युं तै लिबरेट करण पोड़ल
मि- पर मिस्टर मौनि गुदखोर तै त तुम पर गर्व हूण चयेंद कि तुम एक सफल लेखिका अर वीमेन'स लिबरेसन की बड़ी धड्वै छंवां।
मिसेज गुदखोर- नै नै मिस्टर गुद्खोर तै मै पर घमंड च अर मै इ ना मिसेज घरबाइ पर बि गर्व च कि वा जाणदि च बल मिस्टर गुदखोरक टी शर्ट कखम च.
मि-वो यांक मतबल च कै बि सफल महिला तै सफलता बान हैंकि महिला अवश्य चयान्दि।
मिसेज गुदखोर- हां। अब स्या मिसेज धड़ाका महिला स्वतंत्रता आन्दोलन की इथगा बड़ी लड़ाका धड्वै बौंण तो वांको कारण च मिसेज धड़ाका की सासु मिसेज कामगती घौरक सौब काम संभाल्दि। मिसेज क्याबुन्या की नन्या सासु मिसेज क्याकरेजा नि ह्वावो तो मिसेज क्याबुन्या एक दिन बि नौकरी नि करी सकदी।
मि- हां अरे ! तुमन त मीरा आँख खोलि दें बल जनानी तै स्वतंत्र हूण च त हैंकि जनानि तै बंधक बणान पोड़द।.
मिसेज गुदखोर- हां पण हमम क्वी हौर विकल्प बि नी च। सि मिसेज बरखबान की बात ले ल्याओ। विचारि मिसेज बरखबानम स्वतंत्र महिला हूणों सौब गुण छन पण ना हि वींक सासु सहायता दॆन्दि अर ना हि वीं तैं क्वी परमानेंट नौकरानणि मील त विचारि कुछ नाम नि कमै साक। किलैकि हमर कजै या या पति जात सुधर इ नि सकदन।
मि- पति जात सुधर इ नि सकदन को मतबल?
मिसेज गुदखोर- अब मेरि बात देखि ल्यावो। म्यार पति अर मि पेज थ्री की पार्ट्यु मा जांदवां त म्यार पति बड़े गर्व से म्यार परिचय करांद नि थकदन कि," मीट माय वाइफ़ गुदखोर। शी इज ग्रेट राइटर एंड वेरी लिबरेटेड वुमन। पण जनि देर रात ड्यार आंदा त मि तैं दनकाण नि बिसरदन कि बेडशीट गंदी च, बाथरूमम ठीक से हवा नि औणि च आदि आदि।
मि- आप नयो जमानो नवाड़ी नौन्युं तै सफलता बान क्या संदेश दीण चैलि?
मिसेज गुदखोर- म्यार संदेश च कि जन्यांयुं तै सफलता बान वीं कौम पर ध्यान दीण जरूरी च जैं कौम से घौरो नौकरानी मिल्दन।
मि- जन कि?
मिसेज गुदखोर- जन कि अचकाल जन्यांयुं तै अपणि सफलता बान बंगलादेशी जनान्यु पर ध्यान दीण जरूरी च जो अचकाल घर का काम करदन।
Copyright@ Bhishma Kukreti 26 /2/2013
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