गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
काश ! मि पुलिसौ इन्कौन्टर ऐक्सपर्ट हूंद !
(s =आधी अ )
बुबा जीन अखबार बिटेन नजर हटैक हड़कांद बोलि,"बुजर्गों बुल्युं नि मानो त पैथर पछताण पोड़द।"
मीन पूछ," कनों?"
बुबा जीन बोलि ," अरे तू अपण ददा जी बुल्युं मानिक पुलिसम भर्ति ह्वे जांद त क्या से क्या ह्वे जांदो।"
मीन बोलि," पण वैबरी तुमनि ब्वाल बल पुलिसै नौकरी बेकार च।"
बुबा जीन दुखि ह्वेक बोलि," वैबरी मी फर भक्त दर्शन जीs इमानदारी वळु भूत लग्युं छौ त मीन अपण बुबा जीक विरोध कार अर त्वै तै पुलिसम भर्ति हूण से रोकि। औंळौ स्वाद अर बुजर्गूं बुल्युं पैथर इ याद आंद।"
"कनो आज कैको भूत लगी गे जु तुम तै पछतावा हूणु च बल मि पुलिसम भर्ति किलै नि हों ?" मीन पूछ
" आज मै फर रमेश निशंक, सुखदेव सिंह नामधारी, ए . राजा, सुरेश कलमांडी, अशोक चौहान, लालू यादव, जय ललिता , यदुरप्पा जन व्यवहारिक राज नेताओं नेताओं जिंदी हंत्या चढीं च।"बुबा जीन खुलासा कार।
मीन पूछ," जु मि पुलिसम भर्ति ह्वे जांदो त क्या ह्वे जांद?"
बुबा जीs उत्तर छौ," अरे इन बथादि क्या नि ह्वे जांद? घ्वाडोंम भौरिक ड्यार घूसौ रूप्या आंद अर तु पुलिसै नौकरिम डुलण भौरिक हीरा -जेवरात ड्यार लांदो। हम सौब रुपयोंमा सींदा अर हीरा जवारात खांदा।"
मीन बोलि," रूपयों क्या करदा?"
बुबा जीs जबाब छौ," कथगा ही शहरोंम जमीन जायजाद होंदि । कथगा इ गाड़ी-घ्वाड़ा होंदा। पांच छै जगा तेरि रखैल होंदि अर रुप्यों छळाबळि मा मेरि बि एकाध रखैल होंदि। अर हफ्ता द्वी हफ्तों मा हम एक हेंकाकी रखैलुं संट्वरा -बंट्वरा बि करदा "
मीन घंघड़े बोलि," क्या ?"
बुबा जी बुल्दा गेन," ब्यटा जब इन रूप्या आला त थ्वड़ा क्या ! बाब बेटा बीच शरम-ल्याज थुका रै जान्दि।"
मीन अचकचैक ब्वाल," ए मेरि ब्वे !"
बुबा जी बुल्दा गेन," तू इनकौन्टर एक्सपर्ट ह्वे जांदो। पैल तू अपराध्युं पर हाथ साफ़ करदि अर धीरे धीरे त्यार संबंध माफिया गैंग से ह्वे जांदो, तु पुलिसम रैक बि एक गैंगमा भर्ति ह्वे जांदो अर तब तू अपण गैंग को बुल्युं मानिक दुसमन गैंगक अपराध्युं इनकौंटर मा हत्या करदी अर हत्या करांदि ।"
मीन ब्वाल," इ क्या क्या घड़्याणा (सुचणा) छंवां तुम?"
बुबा जी बुल्दा गेन," फिर तू माफिया बुलण पर पुलिसै नौकरी छोड़ी दॆन्दि अर माफिया का एक एरिया को सरदार ब्वालो सूबेदार ब्वालो हवे जान्दि।"
"ए मेरि ब्वे" म्यार मुखन आइ
बुबा जी बुल्दा गेन," तेरि बवे बि मजा करदि,रोज किटी पार्टी करणी रौन्दि।, फिर तू लोगुं तै मारणों सुपारी लींदी अर लोगुं हत्या करदी। खूब धन दौलत कमाणि रौन्दि "
मीन ब्वाल," अब त बंद कारो यो बकबास।"
बुबा जीन बोलि," मि बकबास नि छौं करणु। तीन समाचार नि बांचि बल नवी मुंबई मा एक घाघ रिटायर्ड इनकौन्टर एक्सपर्ट सैमुअल अमोलिक कनो अंडरवर्ल्ड याने माफियों कुण काम करदो छौ।"
मीन ब्वाल," क्वी बुबा अपण नौनो बान इन सुचदो क्या?"
बुबा जीक जबाब छौ," जै देसम रक्षक भक्षक बौणि जाला त वै देसम ब्वे बाब अपण नै साखि (जनरेसन) तै अपराधी बणानम नि शरमांदि।"
Copyright@ Bhishma Kukreti 18/2/2013
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