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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, February 5, 2013

मुनस्यारी को स्कीइंग स्थल बनाने हेतु सामजिक दबाब आवश्यक


डा. बलबीर सिंह रावत


                         पिथौरागढ़ में स्तिथ मुनस्यारी पर्वत श्रृंखलाएं और इधर उधर फैलीं हलके ढालों वाली , बर्फ से ढकी पहाड़ियां। लगता है जैसे उन्हें खुली बाहों से बुला रही हों, जिन्हें अपनी शारीरिक और मानसिक शक्तियों को चरम तक ले जा कर, उन शक्तियों से परिचित होने का जूनून है। जी हाँ, स्कीइंग ऐसे कुछेक गिने चुने साहसिक खेलों में से एक है जो खिलाड़ी से उस सब का सामना करवाता है, जिस से उसे अपने पूरे शरीर के सभी अंगों का पूरा जोर लगाने के लिए इतनी अनगिनत संभावनाए देता है कि बिस्वास करने के लिए देखना ही पडेगा।

मुन्सियारी , यानी हिम का घर, उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में,गौरी गंगा के तट पर , 2,200 मित्र की ऊचाई पर बसा कस्बा है। एह रमणीक स्थान भारत, चीन और नेपाल की सीमाओं के बीच, पांच हिमाच्छादित पर्वत श्रेणियों, पंचुली , की सुनहरी गोद में बैठा हुआ, एक तेजी से उभरता हुआ प्र्यट्टन स्थल है। यहाँ से बिभिन्न ग्लेसियरों तक ट्रेकिंग के छ: रास्ते हैं जिनकी सम्मिलित लम्बाई 59 किलोमीटर है। हर साल गर्मियों में सितम्बर तक यहा पर ट्रेकिंग में जाने वालों की भीड़ लगी होती है।

यह स्थान दिल्ली से सड़क मार्ग से 612 किलोमीटर दूर है। काठगोदाम रेल स्टेशन से 261 किमी , नैनीताल से 288 किमी और नैनी सैनी हवाई अड्डे से केवल 128 किलोमीटर दूर है। यहाँ पर ठहरने , खाने पीने का अच्छा प्रबंध है , अभी पांच सितारा होटल तो नहीं हैं, लेकिन कुमाऊँ विकास मंडल इस दिशा में सक्रिय है। सभी मेहमान यहाँ से खुश हो कर जाते हैं, क्योंकि, स्थानीय लोगों की हार्दिक मेजवानी उन्हें गदगद करने के लिए भरसक प्रयत्न करती है।
यह स्थान उन बिरल स्थानों में से है जहां आप, रेल, सड़क और हवाई मार्गों का एह ही यात्रा में आनंद ले सकते हैं और प्रकृति की शीतल गोद में अपनी क्षन्ताओं की स्वयं ही वोह परीक्षा ले सकते हैं जो आप को न तो कोई जिम , और न कोई अन्य खेलकूद दे सकता है।

                                    मुन्सियारी के हिमाच्छादित क्षेत्र हर श्रेणी के स्कियेर को हर प्रकार के ढलान देता है। नवसिखियों को हलके, सीख चुके लोगों को थोड़ा तेज, घुमावदार और सुरक्षित ढाल , और साहसिक खेल का आनंद लेने वालों को , तेजी, आकस्मिक आश्चर्य , तुरंत split second में निर्णय लेने , तथा बीच में रास्ता अचानक बदलने की और इन कारणों से उत्पन्न मुश्किलों में ठन्डे दिमाग से, अकेले ही ,सही निर्णय लेने का अभ्यास करने की अपार संभावनायें देता है . यह वे सभी गुण हैं जो एक बड़े व्यावसायिक संस्थान को उत्कृष्ट तरीके से चलाने के लिए आवश्यक हैं। इस लिए यह केवल शरीर ही नहीं, दिमागी शक्ति का भी वर्धक खेल है।
मुनस्यारी को अंतराष्ट्रीय स्तर का स्कीइंग स्थान हेतु आन्दोलन आवश्यक

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में औद्योगीकरण में पर्यटन उद्योग का महत्व सर्वाधिक है और स्कीइंग सरीखे खेल को बढाना एक आवश्यकता है। पहाड़ों के विकास हेतु डेवलपमेंट स्तागेस मुनस्यारी जैसी जगह का स्कीइंग खेल हेतु विकास एक महत्वपूर्ण कदम है
:
मुनस्यारी को स्कीइंग स्थान हेतु निम्न आवश्यकताएं हैं 1-

1- मुनस्यारी स्कीइंग हेतु बिजिनेस मॉडेल बनाना व फण्ड/फाइनेंस/संसाधनों का का समुचित प्रबंध व विपणन रणनीति
2-तकनीकी अनुकूलन- मुनस्यारी क्षेत्र को स्कीइंग हेतु विकसित करना (कंटूरिंग,स्मूथिंग, लैंड स्केपिंग, बुल्डोजिंग आदि ),
3- नौन स्कीइंग पर्यटन का विकास जैसे- जो स्कीइंग नही करते उनके लिए कई तरह के लुभावने तरीके अपनाना
5- स्थानीय लोंगों व पिथौरागढ़ के प्रवासियों क ओ इस पर्यटन उद्यम में लाना
6- टूरिज्म को नया आयाम देना
इसके लिए पहाड़ी समाज को सरकार पर अत्यधिक दबाब बनाना आवश्यक है।
मेरी राय है कि शुरुवात इन्टरनेट के सोसल मीडिया से की जाय और प्रत्येक सोसल ग्रुप को मुनस्यारी स्कीइंग विकास की आवाज उठानी चाहिए .
लेखकों को चाहिए कि वे उत्तराखंड के समाचार पत्रों में मुनस्यारी स्कीइंग विकास की बातें स्थाने पत्र पत्रिकाओं में उठायें
स्थाने जनता को जगाया जाय जो जिला परिषद, विधायकों व सांसदों पर भारी दबाब बनाएं
dr.bsrawat28@gmail.com डा. बलबीर सिंह रावत 

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