उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Sunday, May 13, 2018

हूण आक्रमण और हरिद्वार, बिजनौर सहारनपुर का इतिहास

 स्कंदगुप्त -हूण आक्रमण व युद्ध भूमि 

Huna Invasion of  India and Ancient  Gupta Era History of Haridwar,  Bijnor,   Saharanpur 
 
                     
                               हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास  -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग -                  

                                               इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती  
  समुद्रगुप्त मृत्यु पश्चात गुप्त साम्राज्य की पकड़ कुछ भागों में कमजोर हो गयी थी।  आक्रमण वास्तव में रक्षा वृद्धि भी लाता है।  चूँकि आक्रमण कम हुए तो रक्षा व्यवस्था भी क्षीण पड़ती गयी।  कुमारगुप्त की मृत्यु के एकदम बाद पश्चिम से हूण आक्रमण शुरू हुआ जिसे स्कंदगुप्त ने बिफल किया। इस रक्षा युद्ध के समय स्कंदगुप्त की माता अत्यंत दुखी हुयी थी ( भीतरी अभिलेख का पाठ )
स्कंदगुप्त को हूणों के साथ दूसरा युद्ध भी लड़ना पड़ा था।   दूसरे युद्ध की तिथि के बारे में इतिहासकारों मध्य मतैक्य नहीं है। स्कंदगुप्त का राज्यारोहण समय 455 ई  माना जाता है। जूनागढ़ शिलालेख से विदित होता है म्लेच्छों (हूण ) को परास्त करने के बाद इस क्षेत्र का प्रशासनिक भार पर्णदत्त को सौंपा था।    
     अभिलेखों से ज्ञात होता है कि हूणो के साथ भयंकर युद्ध हुआ था और हूण दस्यु समान आक्रमक व निर्दयी थे।  हूण अति बर्बर थे वे खड्ग लेकर जहां जहां जाते थे अग्निमशालों से बस्तियां जलाकर , मारकाट कर हाहाकार मचा देते थे।  गाँव उजाड़ कर देते थे।  उनके अत्याचारों की कथा सारे उत्तर भारत में भय पैदा कर रही थी। हूणों के आते ही लोग अपनी धन सम्पति गाड़ देते थे और सुरक्षित  शरण लेते थे।

और स्कंदगुप्त ने हूणो को  परास्त कर  भारत हेतु कई सदियों तक शान्ति स्थापित कर ली थी।  स्कंदगुप्त के वीरतापूर्ण कार्यों की जन जन में प्रस्तुति गाये जाने लगी थी (भीतरी अभिलेख )
        
      स्कंदगुप्त -हूण युद्ध भूमि 
 स्कंदगुप्त -हूण युद्ध भूमि पर विद्वानों में मतैक्य नहीं है कुमार गुप्त के राज्य में पश्चिम में चिनाव झेलम नदी घाटी गुप्त साम्राज्य के अंतर्गत थी।  स्कंदगुप्त काल में भी यही सीमा थी। बयाना में गुप्त सम्राटों की मुद्रा निधि मिलने   से इतिहासकार जैसे उपेंद्र ठाकुर अनुमान लगाते हैं कि स्कंदगुप्त -हूण युद्ध पश्चिम के किसी मैदान व नदी तट पर हुआ होगा जैसे सतलज तट पर।  बयाना मुद्रा विशेषज्ञ अल्तेकर अनुसार स्कंदगुप्त -हूण युद्ध यमुना तट पर हुआ होगा। 
         भीतरी स्तम्भलेख अनुसार अक्न्द्गुप्त हूण युद्ध भूमि में गंगा जी की आवाज आ रही थी।  श्रोत्रेषु गंगा ध्वनि से पता चलता है कि युद्ध भूमि के पास गंगा घोर घोस करती है।  ऐसा घोष मैदानी भाग में नहीं हो सकता है।  ऐसा घोस ऋषिकेश हरिद्वार के पास ही होता है मैदानों में गंगा को आँखे देखे बगैर पता नहीं लगता कि आस पास गंगा बह रही है। ऐसा अनुमान लगता है कि हूण पंचनद जीतकर उत्तर पश्चिम भाग रौंदकर , कांगड़ा व अन्य पहाड़ियां जीतते  हुए हरिद्वार -ऋषिकेश पंहुचे थे और यहां कहीं स्कंदगुप्त -हूण युद्ध हुआ था। 
    रघुवंश अनुसार रघु कम्बोजों को जीतकर गंगा घाटी में पंहुचा था (रघुवंश 4 /73 )
 
Copyright@ Bhishma Kukreti  Mumbai, India  2018 
   History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur  to be continued Part  --

 हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास  to be continued -भाग -



      Ancient  History of Kankhal, Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Har ki Paidi Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Jwalapur Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient  History of Telpura Haridwar, Uttarakhand  ;   Ancient  History of Sakrauda Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient  History of Bhagwanpur Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient   History of Roorkee, Haridwar, Uttarakhand  ;  Ancient History of Jhabarera Haridwar, Uttarakhand  ;   Ancient History of Manglaur Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient  History of Laksar; Haridwar, Uttarakhand ;     Ancient History of Sultanpur,  Haridwar, Uttarakhand ;     Ancient  History of Pathri Haridwar, Uttarakhand ;    Ancient History of Landhaur Haridwar, Uttarakhand ;   Ancient History of Bahdarabad, Uttarakhand ; Haridwar;      History of Narsan Haridwar, Uttarakhand ;    Ancient History of Bijnor;   seohara , Bijnor History Ancient  History of Nazibabad Bijnor ;    Ancient History of Saharanpur;   Ancient  History of Nakur , Saharanpur;    Ancient   History of Deoband, Saharanpur;     Ancient  History of Badhsharbaugh , Saharanpur;   Ancient Saharanpur History,     Ancient Bijnor History;
कनखल , हरिद्वार  इतिहास ; तेलपुरा , हरिद्वार  इतिहास ; सकरौदा ,  हरिद्वार  इतिहास ; भगवानपुर , हरिद्वार  इतिहास ;रुड़की ,हरिद्वार इतिहास ; झाब्रेरा हरिद्वार  इतिहास ; मंगलौर हरिद्वार  इतिहास ;लक्सर हरिद्वार  इतिहास ;सुल्तानपुर ,हरिद्वार  इतिहास ;पाथरी , हरिद्वार  इतिहास ; बहदराबाद , हरिद्वार  इतिहास ; लंढौर , हरिद्वार  इतिहास ;ससेवहारा  बिजनौर , बिजनौर इतिहास; नगीना ,  बिजनौर इतिहास; नजीबाबाद , नूरपुर , बिजनौर इतिहास;सहारनपुर इतिहास; देवबंद सहारनपुर इतिहास , बेहत सहारनपुर इतिहास , नकुर सहरानपुर इतिहास Haridwar Itihas, Bijnor Itihas, Saharanpur Itihas
Huna or Hephthalities Attack Haridwar, bijnor, Saharanpur

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments