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Sunday, May 13, 2018

चंद्र गुप्त प्रथम (गुप्त काल) का हरिद्वार, सहारनपुर व बिजनौर इतिहास

 History of Haridwar, Bijnor, saharanpur in Chandra  Gupt I  of Gupta Era 
Ancient  History of Haridwar, History Bijnor,   Saharanpur History  Part  -  205                     
                               हरिद्वार इतिहास ,  बिजनौर  इतिहास , सहारनपुर   इतिहास  -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग -  205                

                                               इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती  


         समुद्रगुप्त के प्रयाग प्रशस्ति व सहारणपुर में गुप्त कालीन मुद्राएं मिलने से अनुमान लगाया जा सकता है कि सहरानपुर , हरिद्वार व बिजनौर गुप्त सम्राटों के अधीन आ गए थे।  हरिद्वार , सहारनपुर व बिजनौर गुप्त साम्राज्य के जीते प्रदेश थे या उपादेय क्षेत्र थे पर कोई स्पष्ट सामग्री उपलब्ध नहीं हैं। किन्तु यह टी है कि ये क्षेत्र राज्याधिकारियों या गवर्नरों द्वारा शासित होते थे।
    चन्द्रगुप्त प्रथम 
कर्तृपुर जनपद (जोशीमठ निकट ) नरेश ने समुद्रगुप्त की आधीनता स्वीकार कर ली थी जिससे अनुमान लगता है हरिद्वार , सहारनपुर , बिजनौर समुद्र गुप्त के आधीन आ गए होंगे।  फिर भी कर्तृपुर नरेश का प्रत्यंत के रूप में अस्तित्व बना रहा जो समुद्रगुप्त पुत्र चंद्र गुप्त द्वितीय काल में स्वतंत्र सत्ता नस्ट हो गयी।  चन्द्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य विरुद प्राप्त किया। 
         चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य से पहले श्री गुप्त , घटोतकच, चन्द्रगुप्त पर्थ व समुद्रगुप्त चार नरेश हो चुके थे। 
            श्रीगुप्त व घटोतकच 
 गुप्त वंश का मूल पुरुष गुप्त व घटोतकच का शासन क्षेत्र मगध प्रदेश के अंतर्गत सीमित था। घटोतकच पुत्र चन्द्रगुप्त का विवाह लिच्छविवंशी राजमुमारी कुमारदेवी के साथ हुआ।  इतिहासकारों के अनुसार लिच्छवि वश संबंध जुड़ने से चन्द्रगुप्त का शासित क्षेत्र , प्रसिद्धि , वैभव में वृद्धि हुयी। 
         चन्द्रगुप्त प्रथम 
 घटोत्क्च पुत्र चन्द्रगुप्त ने महाराजधिराज विरुद धारण किया।  319 -320  से शुरू होने वाले गुप्त संवत का प्रवर्त्तक भी चन्द्रगुप्त प्रथम को ही माना जाता है। 
राजधानी -पाटलिपुत्र मानी जाती है। 
शासित क्षेत्र - चन्द्रगुप्त प्रथम के अंतर्गत तिरूहित , दक्षिण बिहार , अवध व प्रयाग क्षेत्र माने जाते हैं। वायु पुराण   99 /391  व् ब्रह्माण्ड पुराण 3 /74 /195 अनुसार गुप्त शासन साकेत , मगध व गंगा घाटी में था ।  समुद्रगुप्त के प्रशस्ति अभिलेख व पुराणों के विवेचन से लगता है कि पुराणों में चन्द्रगुप्त प्रथम का शासित क्षेत्र का उल्लेख हुआ है। 



Copyright@
 Bhishma Kukreti  Mumbai, India  2018 
   History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur  to be continued Part  --

 हरिद्वार,  बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास  to be continued -भाग -



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