बणांग
भीष्म कुकरेती
आग
अग्यो हि अग्यो
चरमसीमा परिकाष्ठा
बिणाश , नाश , सर्वनाश
तबाही , उजाड़ , बर्बाद , विध्वंस , स्वार्थबस
डाळ एक का बाद हर डाळ जळणु च ,प्रज्वलित हूणु च
बिकराल ज्वाला भड़कणी छन , आगौ लपक आसमान पौंछणी छन
धुंवारोळी जंगळ , धुंवारोळी गाँव , धुँवारोळी कख नी च ?
लोग भागणा छन
चखुलुं घर जळना छन
जानवरों चांठ -कांठ राख -रंगुड़
स्वार्थ
केवल स्वार्थ
मनिखाकि लगाई स्वार्थी बणांक !
With Kind Regards
Dhangu, Gangasalan Ka Kukreti
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