नेता (महान लोक गीतकार की सामयिक कविता )
रचना - नरेंद्र सिंह नेगी
सीधू सच्चू समझी जौंथैं
जीती बाँगा ह्वेगिनी
सरकार राऊ चाहे जाऊ
पर नेता नाँगा ह्वेगिनी
चुनौ बग्त कोयल जना
सुरीला गीत गैनि जौंन
सत्ता क्या मिली कि सब्या
सबि चिलाँगा ह्वेगिनी
बिकास को हौळ सरासर
लगाला सोचि छौ
अफु त खैकि साँण्ड बण्या
लोग ढाँगा ह्वेगिनी ।
जीती बाँगा ह्वेगिनी
सरकार राऊ चाहे जाऊ
पर नेता नाँगा ह्वेगिनी
चुनौ बग्त कोयल जना
सुरीला गीत गैनि जौंन
सत्ता क्या मिली कि सब्या
सबि चिलाँगा ह्वेगिनी
बिकास को हौळ सरासर
लगाला सोचि छौ
अफु त खैकि साँण्ड बण्या
लोग ढाँगा ह्वेगिनी ।
ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ
नरेन्दसिंहनेगी
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