गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
मैरिज गेस्ट ऐटिकेट (बरात्युं आचरण )
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
मि तैं एक पेज थ्री को पसंदीदा अर भौत बड़ो नव उद्योगपति s नौनौ ब्यावs न्यूत मील। अर हमर बिल्डिंगम भ्युंचळ ऐ गे। अब इथगा बड़ो आदिमौ नौनौ ब्यावो निमत्रण मीलल त समाज तै चिंता हूण जरूरी च। सब्युं तैं चिंता छे कि मि अपुण आचरण से कखि उंको याने अपण समाजौ नाक नि कटै द्यूं। सब्युंन मि तैं मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कम्पनी मा जाणो सलाह दे।
मि एक मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कम्पनीs दफ्तरम ग्यों।
रिसेप्सनिस्ट- जी इन बथावो बल तुम तैं बड़ो आदिम्युं मैरिज न्यूत सालों मा एक दै मिलदो कि साल भर मा एक दै मिलदो।
मि- सैत च जिन्दगी मा एकि बार मील
-रिसेप्सनिस्ट- तो ठीक च तुम तैं एक दिनो मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखणो कोर्स करण पोड़ल। तुम द्वी हजार रुपया फीस भरो, ए तीन पेजों फॉर्म भरो अर हमर त्वरित मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कन्सल्टेंट से मिलो।
मीन फ़ीस भौर, तीन पेजों फॉर्म भार अर फॉर्म लेकि ऐटिकेट कन्सल्टेंट का पास ग्यों।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- यु निमंत्रण तुमन घोच पेच से पाई या तुमर ये बड़ो उद्योगपति से पछ्याणक छे।
मि - जी निमंत्रणौ बान घोच पेच ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- जी हां अचकाल तुम सरीखा आम मनिख बड़ो आदिमौ ब्यावो निमंत्रण पाणों बान मुख्यमंत्री की सिफारिश लेकि बि जांदन।
मि - नै नै ! यु उद्योगपति कबि म्यार तौळ सेल्समैन छौ अर टूर बिल मा हेराफेरी करणों अपराध मा नौकरी से निकाळे गे छौ।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-कथगा शरम कि बात च कि तुम अबि बि कॉमन मैं याने आम आदिम ...
मि -जी?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट (फॉर्म पढ़दा पढ़दा ) - नै नै कुछ ना, मि पुछणु छौ तुम तैं चार पांच सौ नया, बिलकुल नया डिजाइन का विजिटिंग कार्ड छपाण पोड़ल
मि - जी विजिटिंग कार्ड?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- जी हां ! बड़ा लोगु ब्यौ मा मेमान एक हैक से इन नि पुछदन कि तु कै मुहल्ला मा रौन्दि अर कैं राशनै दुकान बिटेन चिन्नी लान्दि। सौब अपण विजिटिंग कार्ड दीन्दन अर विजिटिंग कार्ड मा ही पूरो परिचय लिख्युं रौंद।
मि - पण मि त कुछ काम नि करदो
ऐटिकेट कन्सल्टेंट (फॉर्म बंचद )- तुमर फॉर्म मा लिख्युं च कि तुम गढ़वाली भाषाक लोक साहित्य पर लिखदां ?
मि - जी
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-बस तो तुमर डेजिगनेसन मा छपाए जालो -भीष्म कुकरेती -द एमिनेंट रिसर्च स्कॉलर ऑफ ऐनसिएंट एंड डेड लैंग्वेज
मि -जी गढ़वाली मोरिं भाषा नी च।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ओहो ! बड़ा आदिम्युं ब्यौ मा विजिटिंग कार्ड दीणो असली मतबल होंद हैंक पर रौब डाळण। वर्तमान भाषा पर खोज से रौब नि पड़दो बलकणम डेड भाषा पर रिसर्च से ही रौब पड़द।
मि - जी ठीक च। गढ़वाली भाषा तैं मारि द्यावो।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- एक्सक्लूजिव विजिटिंग कार्ड का वास्ता आप तीन हजार रूप्या भारो। क्रडिट कार्ड बि चौलल।
मीन तीन हजार रुपया भौरिन
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- अब इन बथावो कि तुम तैं बरातम बुलायों च कि खाली रिसेप्सनम बुलयुँ च।
मि - जी१ बरातम बि अर रिसेप्सनम बि
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ओहो तो बड़ो खरचा ह्वे जालो
मि - जी ! वो तो बडो उद्योगपति च
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-जी मि घराती क बात नि करणु छौं मि त तुमर बात करणु छौं
मि - इखमा खरचा बात क्या च ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- द्याखो द्वी ड्रेस त तुम तैं बरातौ खुणि चयेंद
मि - द्वी ड्रेस ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हां एक पारम्परिक ड्रेस त तुम तैं बरात पैटद दै लगल अर एक ड्रेस तब लगलि जब बरात होटल पौंछि जालि।
मि - द्वी ड्रेस?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- टोटल चार ड्रेस की जरूरत होलि। द्वी ड्रेस बरातम अर द्वी ड्रेस रिसेप्सनम
मि - रिसेप्सनम द्वी ड्रेस ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हां एक ड्रेस जब तुम रिसेप्सनम जैल्या अर हैंकि ड्रेस जब तुम मनोरंजन कक्ष मा जैल्या अर इनि अलग अलग समय का वास्ता अलग अलग जुत, मोजा , रुमाल , घड़ी , परफ्यूम आदि आदि
मि - पण ड्रेस सिलाणम त टैम लग जालो अर ड्रेस खरीद बि ल्योलु त ड्रेसन फिर काम नि आण।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हाँ पूरा ड्रेस को खर्चा होलू एकाद लाख
मि - एकाद लाख?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- चिंता नि कारो तुम इख दस हजार भरी द्यायो। हम तुम तैं किराए पर सबि ड्रेस मुहया करै द्योला
मीन दस हजार रुपया भौरिन
मि - पण मि त बडो आदिमौ ब्यौ मा ऐटिकेट याने आचरण सिखणो ऐ छौ।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ड्रेसिंग बि त आचरण याने ऐटिकेट को असली हिस्सा च।
मि - पण मी तैं त उख ब्यौ मा हौर मेमानो दगड़ छवीं बात करण , कन खाणक खाण , कनो पाणि पीण, कनों शराब पीण सिखण छौ।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- हाँ मैरिज पार्टी मानेरिज्म सिखणो बान हमम क्रैस कोर्स च। वांकुण तुम दस हजार भारो अर भोळ आओ। अर हाँ जो कार बी किराए पर चयाणि च त दस हजार अलग से भारो
मीन बीस हजार रुपया भरीन अर अब मि भोळ , मैरिज पार्टी मानेरिज्म सिखणो बान फिर से इख औलु।
पण एक बात मीन सीखी आल कि मेमान बि बणन तो अपण हैसियत से ही मेमान बणो
Copyright @ Bhishma Kukreti 1/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
मैरिज गेस्ट ऐटिकेट (बरात्युं आचरण )
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
मि तैं एक पेज थ्री को पसंदीदा अर भौत बड़ो नव उद्योगपति s नौनौ ब्यावs न्यूत मील। अर हमर बिल्डिंगम भ्युंचळ ऐ गे। अब इथगा बड़ो आदिमौ नौनौ ब्यावो निमत्रण मीलल त समाज तै चिंता हूण जरूरी च। सब्युं तैं चिंता छे कि मि अपुण आचरण से कखि उंको याने अपण समाजौ नाक नि कटै द्यूं। सब्युंन मि तैं मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कम्पनी मा जाणो सलाह दे।
मि एक मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कम्पनीs दफ्तरम ग्यों।
रिसेप्सनिस्ट- जी इन बथावो बल तुम तैं बड़ो आदिम्युं मैरिज न्यूत सालों मा एक दै मिलदो कि साल भर मा एक दै मिलदो।
मि- सैत च जिन्दगी मा एकि बार मील
-रिसेप्सनिस्ट- तो ठीक च तुम तैं एक दिनो मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखणो कोर्स करण पोड़ल। तुम द्वी हजार रुपया फीस भरो, ए तीन पेजों फॉर्म भरो अर हमर त्वरित मैरिज गेस्ट ऐटिकेट सिखाण वाळ कन्सल्टेंट से मिलो।
मीन फ़ीस भौर, तीन पेजों फॉर्म भार अर फॉर्म लेकि ऐटिकेट कन्सल्टेंट का पास ग्यों।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- यु निमंत्रण तुमन घोच पेच से पाई या तुमर ये बड़ो उद्योगपति से पछ्याणक छे।
मि - जी निमंत्रणौ बान घोच पेच ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- जी हां अचकाल तुम सरीखा आम मनिख बड़ो आदिमौ ब्यावो निमंत्रण पाणों बान मुख्यमंत्री की सिफारिश लेकि बि जांदन।
मि - नै नै ! यु उद्योगपति कबि म्यार तौळ सेल्समैन छौ अर टूर बिल मा हेराफेरी करणों अपराध मा नौकरी से निकाळे गे छौ।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-कथगा शरम कि बात च कि तुम अबि बि कॉमन मैं याने आम आदिम ...
मि -जी?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट (फॉर्म पढ़दा पढ़दा ) - नै नै कुछ ना, मि पुछणु छौ तुम तैं चार पांच सौ नया, बिलकुल नया डिजाइन का विजिटिंग कार्ड छपाण पोड़ल
मि - जी विजिटिंग कार्ड?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- जी हां ! बड़ा लोगु ब्यौ मा मेमान एक हैक से इन नि पुछदन कि तु कै मुहल्ला मा रौन्दि अर कैं राशनै दुकान बिटेन चिन्नी लान्दि। सौब अपण विजिटिंग कार्ड दीन्दन अर विजिटिंग कार्ड मा ही पूरो परिचय लिख्युं रौंद।
मि - पण मि त कुछ काम नि करदो
ऐटिकेट कन्सल्टेंट (फॉर्म बंचद )- तुमर फॉर्म मा लिख्युं च कि तुम गढ़वाली भाषाक लोक साहित्य पर लिखदां ?
मि - जी
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-बस तो तुमर डेजिगनेसन मा छपाए जालो -भीष्म कुकरेती -द एमिनेंट रिसर्च स्कॉलर ऑफ ऐनसिएंट एंड डेड लैंग्वेज
मि -जी गढ़वाली मोरिं भाषा नी च।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ओहो ! बड़ा आदिम्युं ब्यौ मा विजिटिंग कार्ड दीणो असली मतबल होंद हैंक पर रौब डाळण। वर्तमान भाषा पर खोज से रौब नि पड़दो बलकणम डेड भाषा पर रिसर्च से ही रौब पड़द।
मि - जी ठीक च। गढ़वाली भाषा तैं मारि द्यावो।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- एक्सक्लूजिव विजिटिंग कार्ड का वास्ता आप तीन हजार रूप्या भारो। क्रडिट कार्ड बि चौलल।
मीन तीन हजार रुपया भौरिन
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- अब इन बथावो कि तुम तैं बरातम बुलायों च कि खाली रिसेप्सनम बुलयुँ च।
मि - जी१ बरातम बि अर रिसेप्सनम बि
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ओहो तो बड़ो खरचा ह्वे जालो
मि - जी ! वो तो बडो उद्योगपति च
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-जी मि घराती क बात नि करणु छौं मि त तुमर बात करणु छौं
मि - इखमा खरचा बात क्या च ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- द्याखो द्वी ड्रेस त तुम तैं बरातौ खुणि चयेंद
मि - द्वी ड्रेस ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हां एक पारम्परिक ड्रेस त तुम तैं बरात पैटद दै लगल अर एक ड्रेस तब लगलि जब बरात होटल पौंछि जालि।
मि - द्वी ड्रेस?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- टोटल चार ड्रेस की जरूरत होलि। द्वी ड्रेस बरातम अर द्वी ड्रेस रिसेप्सनम
मि - रिसेप्सनम द्वी ड्रेस ?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हां एक ड्रेस जब तुम रिसेप्सनम जैल्या अर हैंकि ड्रेस जब तुम मनोरंजन कक्ष मा जैल्या अर इनि अलग अलग समय का वास्ता अलग अलग जुत, मोजा , रुमाल , घड़ी , परफ्यूम आदि आदि
मि - पण ड्रेस सिलाणम त टैम लग जालो अर ड्रेस खरीद बि ल्योलु त ड्रेसन फिर काम नि आण।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट-हाँ पूरा ड्रेस को खर्चा होलू एकाद लाख
मि - एकाद लाख?
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- चिंता नि कारो तुम इख दस हजार भरी द्यायो। हम तुम तैं किराए पर सबि ड्रेस मुहया करै द्योला
मीन दस हजार रुपया भौरिन
मि - पण मि त बडो आदिमौ ब्यौ मा ऐटिकेट याने आचरण सिखणो ऐ छौ।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- ड्रेसिंग बि त आचरण याने ऐटिकेट को असली हिस्सा च।
मि - पण मी तैं त उख ब्यौ मा हौर मेमानो दगड़ छवीं बात करण , कन खाणक खाण , कनो पाणि पीण, कनों शराब पीण सिखण छौ।
ऐटिकेट कन्सल्टेंट- हाँ मैरिज पार्टी मानेरिज्म सिखणो बान हमम क्रैस कोर्स च। वांकुण तुम दस हजार भारो अर भोळ आओ। अर हाँ जो कार बी किराए पर चयाणि च त दस हजार अलग से भारो
मीन बीस हजार रुपया भरीन अर अब मि भोळ , मैरिज पार्टी मानेरिज्म सिखणो बान फिर से इख औलु।
पण एक बात मीन सीखी आल कि मेमान बि बणन तो अपण हैसियत से ही मेमान बणो
Copyright @ Bhishma Kukreti 1/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments