गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
आजौ रेफ्रिजिरेटर लीण अर वै बगतौ फ्रिज लीण भाग- 1
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
दिन बदलद टैम नि लगद। एक समौ छौ रेडिओ बिचण वळ कै कै दुकानुम गौणि गाणि तीन ब्रैंडु फ्रिज होंदा था- गोदरेज , केल्विनेटर अर जेनिथ। बकै फ्रिज जन की जेम, स्पेंसर केल्विनेटर की फैक्ट्री मा इ बणदा छा। आज त फ्रिज बिचण वाळ जादा अर खरीदण वळ कम। गोदरेज को नाम मुंबई मा याने पश्चिम अर दक्खण भारतम बड़ो छौ अर उत्तरी भारतम केल्विनेटर को सम्मान जादा होंद छौ . पूर्वी भारत को गणत मार्केटिंग मा जयीं बितिं छे।
फ्रिज बुक करण बड़ो अर कठण काम मने जांद छौ तबि त जैक इक फ्रिज ह्वावों वो रौब से सड़क इ ना ट्रेन मा बि रौब दाब से चलदा छा। अन्वार पर रौब से जणे जांद छौ कि ये मनिखौ घौर फ्रिज च।
मि वै समाज को सदस्य छौ जख पंखा अर घड़ा ह्वे ह्वे गे त हमर बिल्डिंग या खोळि बिटेन गरमी अफिक भाजि जान्दि छे।
चूंकि में पर मैनेजर को तगमा लग्युं छौ त जब मि कखि बि सोसल गेदरिंग मा जांदो छौ त सबि कै ना कै तरां से बात निकाळि इ दींदा छा - माइ गाड़ी (मोटर साइकल), माइ फ्रिज।।या वी हैड पार्टी एंड आइ कूल्ड बियर दियर ...
सोसल प्रेसर को वजै से मीन फ्रिज बुक कार।
गोदरेज फ्रिज बुक करणों मतबल छौ बिल्डिंग वाळु बि भलो। कैक पौण/मेमान आवन तो मेमानौ बान ठंडो पाणि उखन इ लये जांद छौ जैक इख फ्रिज ह्वावो। कबि कै तै दारु मा बरफ मिलाणो बिगरौ ह्वे गे त बेहिचक फ्रिज वाळ से बरफ मांगे जांद छौ अर फ्रिज वाळक जुमेवारी होंद छे कि वो बरफ को पुरो इंतजाम कार। वै बगत हैव्स (जै मा छ) वाळु जुमेवारी होंद छे कि हैव्स नौट (जौंम नी च ) वाळु जारोरत पूरी कारो। आवश्यकता खोज की ब्वे च त गरीबी सहयोग अर सहकारिता की जननी च।
जनि बिल्डिंगम पता चौल कि म्यार फ्रिज आण वाळ च त बिल्डिंग वाळ खुस छया कि अब बिल्डिंग मा द्वी फ्रिज ह्वे जाला। गीता राम भट जी को इख फ्रिज छौ अर गीता राम जी आज बि बुल्दन कि वै बगत ऊंन कबि ठंडो पाणि नि पे किलैकि बिल्डिंग का क्वी ना क्वी ठंडो पाणि या बर्फौ बान ऊंकी देळि मा खड़ो मिल्दो छौ। म्यार फ्रिज बुक कराण से भट्ट जी खुश छा अर वूं तैं आशा छे कि शायद अब ऊं तैं अपण फ्रिजौ ठंडो पाणि नसीब होलु। वै बगत, गां मा ब्यौ को पैलु कल्यौ पर गाँ वाळु हक होंदु छौ अर मुंबईम हमर बिल्डिंग मा फ्रिज को ठंडो पाणि अर बरफ पर सरा बिल्डिंग वाळु हक होंदु छौ।
खैर जब बिल्डिंग वाळु तै पता चौल कि मीन फ्रिज बुक करी आल तो बरफ अर ठंडो पाणि पीण वाळ का इच्छाधार्युंमा उकरांत शुरू ह्वे गे कि फ्रिज कब आलो।
पण वै बगत फ्रिज इनि नि आंदो छौ बलकणम पैल कम्पनी को एक बिजली मैकेनिक आंदो छौ अर वो बिजली चेक करदो छौ फिर फ्रिज को प्लग आदि फिट करदो छौ तब ही फ्रिज आणै बारि आन्दि छे।
अब जब पता चौल कि भोळ बिजली मैकेनिक बिजली कनेक्सन चेक करणों आणो च त लोगुन सब्युं पाँति लगै दे कि गेट पर अर बिल्डिंग से रस्ता भैर कु खड़ो रालो। सब तै डौर छौ कि कखि मेकेनिक तै हमर बिल्डिंग नि मील अर मैकेनिक बगैर विजित का वापस चली जावो तो फिर फ्रिज आणम अंदाळ ह्वे जाल।
मि तै बि ऑफिस से छुटी मीलि गे किलैकि कम्पनी को मैनेजर को इख फ्रिज , कार या टीवी आवो तो कम्पनी की ही साख बढ़ण छे।
अब सुबेर बिटेन स्याम छै बजे तलक मैकेनिक नि आयि। तो सूबेर से स्याम तलक हरेक घंटा मा लोग रस्ता अर गेट पर खड़ा होणो काम अफिक निपटाणा छा।
खैर प्रतीक्षा की घड़ी खतम ह्वाइ अर मैकेनिक साब ऐन। हमन मैकेनिक साब तैं काम करण से पैलि कोका कोला पिलायि अर मैकेनिक साब तैं आश्वाशन दे जब भि जरूरत ह्वावो तो कोका कोला मांगी लेन।
मैकेनिक साबन डाक्टर जन हमर इलेक्ट्रिक कनेक्सन चेक कार अर हिराकत भर्याँ शब्दों से बथाई बल हमर बिजली तार ठीक नि छन अर अर्थिंग बि नी च हमन दुसर कोका कोला बोतल मंगाइ अर चापलूसी कार तो मैकेनिक साबन हम पर मेहरबानी कार अर इलेक्ट्रिक प्लग लगाइ अर अर्थिंग बि ठीक कार।
हमन मैकेनिक साब तैं इलेक्ट्रिक वाइरिङ्ग चार्जेज का अलावा इक्कीस रुपया की व्यक्तिगत पिठाई लगाई
अब फ्रिज आणो पूरी आश ह्वे गे तो ख़ुशी मा डा. बलबीर सिंग रावत (जु अब देहरादून छन ) अर मि पार्टी करणों एक बार मा गेवां।
जब तलक फ्रिज नि आयि तब तलक सरा बिल्डिंग माँ सब्युं तैं बड़ी उकरांत (रेस्टलेसनेस ) हुंई राइ।
खैर एक दिन फ्रिज ऐ ग्यायि। पण तैबरी फ्रिज आण अर वैबरी प्रयोग करण म फरक छौ। फ्रिज औन करणों बान फिर से मैकेनिक साब आंदा छा।
फिर द्वी तीन दिन बाद मैकेनिक साब ऐन अर फ्रिज औन करी गेन. इथगा देरम बिल्डिंग का लोग अपण अपण ड्यारन कांच की बोतल लेकि ऐन बथै गेन कि जब ठंडो पाणी जमा ह्वे जावो तो पाणी उंक ड़्यार भेजी देंन । हम तै बुरु नि लग किलैकि, हम तबि मुंबई माँ ग्रामीण परिवेश की मानसिकता माँ रहंदा छा। हम जब गाँ मा छा तो एक मवासो दंदळ छौ त हम सरा गाँ वळ अपण समजिक वै दंदळ को प्रयोग बेहिचक करदा छा तो हमर फ्रिज पर बिल्डिंग को अधिकार हुण तब एक आम बात छे।
फ्रिज आणो बाद मि तैं चार पांच ड्रिंक पार्टी बि दीण पोड़ीन
अर आजौ रेफ्रीजेरेटर को आणम वो ऐडवेंचर नि होंदु जो वै बगत होंदु छौ।
आज रेफ्रीजेरेटर कनै खरीदे जांद पर लेख भोळ तक प्रतीक्षा कारो ....
Copyright @ Bhishma Kukreti 3/05/2013
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
आजौ रेफ्रिजिरेटर लीण अर वै बगतौ फ्रिज लीण भाग- 1
दिन बदलद टैम नि लगद। एक समौ छौ रेडिओ बिचण वळ कै कै दुकानुम गौणि गाणि तीन ब्रैंडु फ्रिज होंदा था- गोदरेज , केल्विनेटर अर जेनिथ। बकै फ्रिज जन की जेम, स्पेंसर केल्विनेटर की फैक्ट्री मा इ बणदा छा। आज त फ्रिज बिचण वाळ जादा अर खरीदण वळ कम। गोदरेज को नाम मुंबई मा याने पश्चिम अर दक्खण भारतम बड़ो छौ अर उत्तरी भारतम केल्विनेटर को सम्मान जादा होंद छौ . पूर्वी भारत को गणत मार्केटिंग मा जयीं बितिं छे।
फ्रिज बुक करण बड़ो अर कठण काम मने जांद छौ तबि त जैक इक फ्रिज ह्वावों वो रौब से सड़क इ ना ट्रेन मा बि रौब दाब से चलदा छा। अन्वार पर रौब से जणे जांद छौ कि ये मनिखौ घौर फ्रिज च।
मि वै समाज को सदस्य छौ जख पंखा अर घड़ा ह्वे ह्वे गे त हमर बिल्डिंग या खोळि बिटेन गरमी अफिक भाजि जान्दि छे।
चूंकि में पर मैनेजर को तगमा लग्युं छौ त जब मि कखि बि सोसल गेदरिंग मा जांदो छौ त सबि कै ना कै तरां से बात निकाळि इ दींदा छा - माइ गाड़ी (मोटर साइकल), माइ फ्रिज।।या वी हैड पार्टी एंड आइ कूल्ड बियर दियर ...
सोसल प्रेसर को वजै से मीन फ्रिज बुक कार।
गोदरेज फ्रिज बुक करणों मतबल छौ बिल्डिंग वाळु बि भलो। कैक पौण/मेमान आवन तो मेमानौ बान ठंडो पाणि उखन इ लये जांद छौ जैक इख फ्रिज ह्वावो। कबि कै तै दारु मा बरफ मिलाणो बिगरौ ह्वे गे त बेहिचक फ्रिज वाळ से बरफ मांगे जांद छौ अर फ्रिज वाळक जुमेवारी होंद छे कि वो बरफ को पुरो इंतजाम कार। वै बगत हैव्स (जै मा छ) वाळु जुमेवारी होंद छे कि हैव्स नौट (जौंम नी च ) वाळु जारोरत पूरी कारो। आवश्यकता खोज की ब्वे च त गरीबी सहयोग अर सहकारिता की जननी च।
जनि बिल्डिंगम पता चौल कि म्यार फ्रिज आण वाळ च त बिल्डिंग वाळ खुस छया कि अब बिल्डिंग मा द्वी फ्रिज ह्वे जाला। गीता राम भट जी को इख फ्रिज छौ अर गीता राम जी आज बि बुल्दन कि वै बगत ऊंन कबि ठंडो पाणि नि पे किलैकि बिल्डिंग का क्वी ना क्वी ठंडो पाणि या बर्फौ बान ऊंकी देळि मा खड़ो मिल्दो छौ। म्यार फ्रिज बुक कराण से भट्ट जी खुश छा अर वूं तैं आशा छे कि शायद अब ऊं तैं अपण फ्रिजौ ठंडो पाणि नसीब होलु। वै बगत, गां मा ब्यौ को पैलु कल्यौ पर गाँ वाळु हक होंदु छौ अर मुंबईम हमर बिल्डिंग मा फ्रिज को ठंडो पाणि अर बरफ पर सरा बिल्डिंग वाळु हक होंदु छौ।
खैर जब बिल्डिंग वाळु तै पता चौल कि मीन फ्रिज बुक करी आल तो बरफ अर ठंडो पाणि पीण वाळ का इच्छाधार्युंमा उकरांत शुरू ह्वे गे कि फ्रिज कब आलो।
पण वै बगत फ्रिज इनि नि आंदो छौ बलकणम पैल कम्पनी को एक बिजली मैकेनिक आंदो छौ अर वो बिजली चेक करदो छौ फिर फ्रिज को प्लग आदि फिट करदो छौ तब ही फ्रिज आणै बारि आन्दि छे।
अब जब पता चौल कि भोळ बिजली मैकेनिक बिजली कनेक्सन चेक करणों आणो च त लोगुन सब्युं पाँति लगै दे कि गेट पर अर बिल्डिंग से रस्ता भैर कु खड़ो रालो। सब तै डौर छौ कि कखि मेकेनिक तै हमर बिल्डिंग नि मील अर मैकेनिक बगैर विजित का वापस चली जावो तो फिर फ्रिज आणम अंदाळ ह्वे जाल।
मि तै बि ऑफिस से छुटी मीलि गे किलैकि कम्पनी को मैनेजर को इख फ्रिज , कार या टीवी आवो तो कम्पनी की ही साख बढ़ण छे।
अब सुबेर बिटेन स्याम छै बजे तलक मैकेनिक नि आयि। तो सूबेर से स्याम तलक हरेक घंटा मा लोग रस्ता अर गेट पर खड़ा होणो काम अफिक निपटाणा छा।
खैर प्रतीक्षा की घड़ी खतम ह्वाइ अर मैकेनिक साब ऐन। हमन मैकेनिक साब तैं काम करण से पैलि कोका कोला पिलायि अर मैकेनिक साब तैं आश्वाशन दे जब भि जरूरत ह्वावो तो कोका कोला मांगी लेन।
मैकेनिक साबन डाक्टर जन हमर इलेक्ट्रिक कनेक्सन चेक कार अर हिराकत भर्याँ शब्दों से बथाई बल हमर बिजली तार ठीक नि छन अर अर्थिंग बि नी च हमन दुसर कोका कोला बोतल मंगाइ अर चापलूसी कार तो मैकेनिक साबन हम पर मेहरबानी कार अर इलेक्ट्रिक प्लग लगाइ अर अर्थिंग बि ठीक कार।
हमन मैकेनिक साब तैं इलेक्ट्रिक वाइरिङ्ग चार्जेज का अलावा इक्कीस रुपया की व्यक्तिगत पिठाई लगाई
अब फ्रिज आणो पूरी आश ह्वे गे तो ख़ुशी मा डा. बलबीर सिंग रावत (जु अब देहरादून छन ) अर मि पार्टी करणों एक बार मा गेवां।
जब तलक फ्रिज नि आयि तब तलक सरा बिल्डिंग माँ सब्युं तैं बड़ी उकरांत (रेस्टलेसनेस ) हुंई राइ।
खैर एक दिन फ्रिज ऐ ग्यायि। पण तैबरी फ्रिज आण अर वैबरी प्रयोग करण म फरक छौ। फ्रिज औन करणों बान फिर से मैकेनिक साब आंदा छा।
फिर द्वी तीन दिन बाद मैकेनिक साब ऐन अर फ्रिज औन करी गेन. इथगा देरम बिल्डिंग का लोग अपण अपण ड्यारन कांच की बोतल लेकि ऐन बथै गेन कि जब ठंडो पाणी जमा ह्वे जावो तो पाणी उंक ड़्यार भेजी देंन । हम तै बुरु नि लग किलैकि, हम तबि मुंबई माँ ग्रामीण परिवेश की मानसिकता माँ रहंदा छा। हम जब गाँ मा छा तो एक मवासो दंदळ छौ त हम सरा गाँ वळ अपण समजिक वै दंदळ को प्रयोग बेहिचक करदा छा तो हमर फ्रिज पर बिल्डिंग को अधिकार हुण तब एक आम बात छे।
फ्रिज आणो बाद मि तैं चार पांच ड्रिंक पार्टी बि दीण पोड़ीन
अर आजौ रेफ्रीजेरेटर को आणम वो ऐडवेंचर नि होंदु जो वै बगत होंदु छौ।
आज रेफ्रीजेरेटर कनै खरीदे जांद पर लेख भोळ तक प्रतीक्षा कारो ....
Copyright @ Bhishma Kukreti 3/05/2013
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments