गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
काश ! म्यार ममा जी बि रेल मंत्री हूंदा!
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
घरवळि- तुम त छ्वाड़ो तुमर रिश्तेदारोंन बि म्यार मैत्युं तैं धोका दे!
मि - अरे म्यार रिस्तेदारुन तुम तैं कनै धोका दे ?
घरवळि- तुमर रिस्तेदारून भौत धोका दे। जन कि मम्या ससुर जी
मि - म्यार ममा जीन क्या कार? वो तो बड़ा सज्जन मनिख छ्या
घरवळि- हां पण वो बि त तुमर तरफ़ बिटेन मि तैं दिखणौ ऐ छया
मि - हाँ तो दिखणौ ऐ छया त क्या व्हाइ। क्या ममा जीन म्यार बाबत क्वी झूट बोलि छौ?
घरवळि-मम्या ससुर जीन झूट त नि बोलि छौ पण म्यार मैत्युं आकांशा, हमर स्याणी, हमर गाणी बि त मम्या ससुर जीन पूर नि कार। ना!
मि - क्या आकांशा पूरी नि कार म्यार ममा जीन ?
घरवळि- द्याखो ना ! मम्या ससुर जी रेल मंत्री कबि नि बौणिन
मि -हैं ! ममा जी रेल मंत्री ह्वे बि जांद त क्या ह्वे जांद
घरवळि-क्या नि होंद ?
मि - क्या ?
घरवळि-क्या नि होंद? भाई भतीजा वाद की रेलवे पटरी स्याळबाद , समद्युळबाद, जीजाबाद , जँवैबाद का स्टेसनो ह्वैकि भाणजाबाद तलक बिछि जांदी अर तुम भाणजा छया त ...
मि - त क्या
घरवळि-त तुमारो बिजिनेस को प्लेटफार्म कथगा उच्चु ह्वे जांद धौं!
मि - बिजिनेस को प्लेटफार्म उच्चु ह्वे जांदो?
घरवळि-जैक ममा रेल मंत्री तो वैक बिजिनेस अफिक बढ़ल कि ना?
मि -अरे रेल मंत्री को भाणजौ बिजिनेस क्या लीण दीण?
घरवळि-जनि मम्या ससुर जी रेलवे मिनिस्टर बणदा, तुम अपण ख़ास ममा जीक पोलिटिकल ऐडवाइजर हूंदा फिर तुमर रियल इस्टेट को बिजिनेस खुलि जांद अर कुछ ही दिनों मा तुमर कम्पनी कखन से कख पौंछि जांदी धौं!
मि - रेलमंत्री को भाणजा अर रियल बिजिनेस?
घरवळि- फिर तुम कै के.टी. एल. इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जन कम्पनी का डाइरेक्टर बणि जांदा
मि - ओहो ?
घरवळि-फिर तुमर पांच दस स्टील कम्पनी खुलि जांदी अर इनि तुम पांछ छै हौरि स्टील कम्पन्यू डाइरेक्टर बणी जांदा
मि - ये मेरी ब्वे! क्या यी स्टील कम्पनी रेलवे तैं स्टील सप्लाई करदी क्या?
घरवळि-रुपया भाणजा बाद का डब्बो से तुमर ड्यार आणो रौंद। तुम कुछ ही मैनो मा खराब पति बौणि जांदा
मि - अरे मामा जी !
घरवळि- फिर तुम रेलमंत्री का खास भाणजा हूणों नाता रेलवे मा हरेक नौकरी का पैथर कमिसन खांदा!
मि - मेरी समज मा कुछ नि आणु च।
घरवळि- फिर रेलमंत्री को चीफ पोलिटिकल ऐडवाईजर होणो नाता रेलवे को हरेक ठेका से मोटो कमिसन खुद बा खुद चलिक तुमर ड्यार पौंछि जांदो
मि - ये मेरी ब्व़े!
घरवळि-फिर तुम रेलवे बोर्ड मा डाइरेक्टरों अप्वाइंटमेंट का वास्ता गुप्त टेंडर बुलांदा
मि - रेलवे बोर्ड मा डाइरेक्टरों अप्वाइंटमेंट का वास्ता गुप्त टेंडर?
घरवळि- हां! तुम रेलवे मिनिस्टर का भाणजा होणो नाता हरेक रेलवे बोर्ड मेम्बर बणणो फीस दस करोड़ रुपया फिक्स करदा
मि - रेलवे बोर्ड मेम्बर बणणो फीसदस करोड़ रुपया ?
घरवळि- फिर बिचौलिया दस करोड़ रुपया जगा द्वी करोड़ फिक्स करी लीन्दा अर मम्या ससुर जी याने रेलमंत्री अपण प्रिय भाणजौ बात मानिक रेलवे बोर्ड का मेंबर लिस्ट घोषित करी लींदा। तुमर ड़्यार भाणजावाद की रेल से खूब खरबों रुपया आंदो।
मि - ह्याँ पण इख भारत मा एक सी बी आई बाद बि त च
घरवळि-हाँ ह्वे सकुद च कि सी बी आई तुमसे घूस का नब्बे लाख रुपया पकड़े जांदा अर तुम पर पुलिस केस का वास्ता ऍफ़ आई आर लिखे जांदी। तुम रिमांड मा जेल बि जांदा।
मि - ह्याँ पण ममा जीकि बेज्जती बि त होंदी कि ना?
घरवळि- नै मम्या ससुर जी याने रेलमंत्री बयान दींदा कि म्यार अपण भाणजा से कुछ लीण दीण नी च।
मि - ह्यां पण ! विपक्षी पार्टी तो रेलमंत्री को इस्तीफा मंगदी कि ना?
घरवळि- हाँ जरुर! किलै ना? विपक्षी पार्टी रेलमंत्री को इस्तीफा मांगदी पण सरकारी राजनितिक पार्टी को प्रवक्ता बयान दींदो कि विपक्षी पार्टी तैं इस्तीफा मांगणो रोग जन कि ह्ज्या, चेचक लग्युं च।
मि - पण पत्रकार तो सरकारी राजनैतिक दल से सवाल तो पुछदा कि ना ? कि रेल मंत्री को भाणजा घूस लींद पकड़े ग्यायी!
घरवळि-हाँ तो सरकारी दल को प्रवक्ता जबाब दींदो कि क़ानून अपणों काम करलो। क़ानून अपना काम खुद करेगा। लेट द ज्यूडिसरी टेक्स इट्स ओन स्टॉक ...
मि - अर क़ानून तो अवश्य ही अपण काम कारल कि ना?
घरवळि-हाँ भारतम क़ानून हमेशा ही अपण काम धीरे धीरे करणु रौंद। जब घूसखोर भाणजौ झड़नाति ह्वे जाला तब न्यायालय फैसला सुणाल कि भूतपूर्व स्वर्गीय रेलमंत्री के स्वर्गीय भानजे के विरुद्ध ठोस सबूत ना मिलने से रेलवे बोर्ड मेम्बर बनाने हेतु दो करोड़ लेने वाले घूसखोरी केस को खारिज किया जाता है।
Copyright @ Bhishma Kukreti 5/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
काश ! म्यार ममा जी बि रेल मंत्री हूंदा!
घरवळि- तुम त छ्वाड़ो तुमर रिश्तेदारोंन बि म्यार मैत्युं तैं धोका दे!
मि - अरे म्यार रिस्तेदारुन तुम तैं कनै धोका दे ?
घरवळि- तुमर रिस्तेदारून भौत धोका दे। जन कि मम्या ससुर जी
मि - म्यार ममा जीन क्या कार? वो तो बड़ा सज्जन मनिख छ्या
घरवळि- हां पण वो बि त तुमर तरफ़ बिटेन मि तैं दिखणौ ऐ छया
मि - हाँ तो दिखणौ ऐ छया त क्या व्हाइ। क्या ममा जीन म्यार बाबत क्वी झूट बोलि छौ?
घरवळि-मम्या ससुर जीन झूट त नि बोलि छौ पण म्यार मैत्युं आकांशा, हमर स्याणी, हमर गाणी बि त मम्या ससुर जीन पूर नि कार। ना!
मि - क्या आकांशा पूरी नि कार म्यार ममा जीन ?
घरवळि- द्याखो ना ! मम्या ससुर जी रेल मंत्री कबि नि बौणिन
मि -हैं ! ममा जी रेल मंत्री ह्वे बि जांद त क्या ह्वे जांद
घरवळि-क्या नि होंद ?
मि - क्या ?
घरवळि-क्या नि होंद? भाई भतीजा वाद की रेलवे पटरी स्याळबाद , समद्युळबाद, जीजाबाद , जँवैबाद का स्टेसनो ह्वैकि भाणजाबाद तलक बिछि जांदी अर तुम भाणजा छया त ...
मि - त क्या
घरवळि-त तुमारो बिजिनेस को प्लेटफार्म कथगा उच्चु ह्वे जांद धौं!
मि - बिजिनेस को प्लेटफार्म उच्चु ह्वे जांदो?
घरवळि-जैक ममा रेल मंत्री तो वैक बिजिनेस अफिक बढ़ल कि ना?
मि -अरे रेल मंत्री को भाणजौ बिजिनेस क्या लीण दीण?
घरवळि-जनि मम्या ससुर जी रेलवे मिनिस्टर बणदा, तुम अपण ख़ास ममा जीक पोलिटिकल ऐडवाइजर हूंदा फिर तुमर रियल इस्टेट को बिजिनेस खुलि जांद अर कुछ ही दिनों मा तुमर कम्पनी कखन से कख पौंछि जांदी धौं!
मि - रेलमंत्री को भाणजा अर रियल बिजिनेस?
घरवळि- फिर तुम कै के.टी. एल. इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जन कम्पनी का डाइरेक्टर बणि जांदा
मि - ओहो ?
घरवळि-फिर तुमर पांच दस स्टील कम्पनी खुलि जांदी अर इनि तुम पांछ छै हौरि स्टील कम्पन्यू डाइरेक्टर बणी जांदा
मि - ये मेरी ब्वे! क्या यी स्टील कम्पनी रेलवे तैं स्टील सप्लाई करदी क्या?
घरवळि-रुपया भाणजा बाद का डब्बो से तुमर ड्यार आणो रौंद। तुम कुछ ही मैनो मा खराब पति बौणि जांदा
मि - अरे मामा जी !
घरवळि- फिर तुम रेलमंत्री का खास भाणजा हूणों नाता रेलवे मा हरेक नौकरी का पैथर कमिसन खांदा!
मि - मेरी समज मा कुछ नि आणु च।
घरवळि- फिर रेलमंत्री को चीफ पोलिटिकल ऐडवाईजर होणो नाता रेलवे को हरेक ठेका से मोटो कमिसन खुद बा खुद चलिक तुमर ड्यार पौंछि जांदो
मि - ये मेरी ब्व़े!
घरवळि-फिर तुम रेलवे बोर्ड मा डाइरेक्टरों अप्वाइंटमेंट का वास्ता गुप्त टेंडर बुलांदा
मि - रेलवे बोर्ड मा डाइरेक्टरों अप्वाइंटमेंट का वास्ता गुप्त टेंडर?
घरवळि- हां! तुम रेलवे मिनिस्टर का भाणजा होणो नाता हरेक रेलवे बोर्ड मेम्बर बणणो फीस दस करोड़ रुपया फिक्स करदा
मि - रेलवे बोर्ड मेम्बर बणणो फीसदस करोड़ रुपया ?
घरवळि- फिर बिचौलिया दस करोड़ रुपया जगा द्वी करोड़ फिक्स करी लीन्दा अर मम्या ससुर जी याने रेलमंत्री अपण प्रिय भाणजौ बात मानिक रेलवे बोर्ड का मेंबर लिस्ट घोषित करी लींदा। तुमर ड़्यार भाणजावाद की रेल से खूब खरबों रुपया आंदो।
मि - ह्याँ पण इख भारत मा एक सी बी आई बाद बि त च
घरवळि-हाँ ह्वे सकुद च कि सी बी आई तुमसे घूस का नब्बे लाख रुपया पकड़े जांदा अर तुम पर पुलिस केस का वास्ता ऍफ़ आई आर लिखे जांदी। तुम रिमांड मा जेल बि जांदा।
मि - ह्याँ पण ममा जीकि बेज्जती बि त होंदी कि ना?
घरवळि- नै मम्या ससुर जी याने रेलमंत्री बयान दींदा कि म्यार अपण भाणजा से कुछ लीण दीण नी च।
मि - ह्यां पण ! विपक्षी पार्टी तो रेलमंत्री को इस्तीफा मंगदी कि ना?
घरवळि- हाँ जरुर! किलै ना? विपक्षी पार्टी रेलमंत्री को इस्तीफा मांगदी पण सरकारी राजनितिक पार्टी को प्रवक्ता बयान दींदो कि विपक्षी पार्टी तैं इस्तीफा मांगणो रोग जन कि ह्ज्या, चेचक लग्युं च।
मि - पण पत्रकार तो सरकारी राजनैतिक दल से सवाल तो पुछदा कि ना ? कि रेल मंत्री को भाणजा घूस लींद पकड़े ग्यायी!
घरवळि-हाँ तो सरकारी दल को प्रवक्ता जबाब दींदो कि क़ानून अपणों काम करलो। क़ानून अपना काम खुद करेगा। लेट द ज्यूडिसरी टेक्स इट्स ओन स्टॉक ...
मि - अर क़ानून तो अवश्य ही अपण काम कारल कि ना?
घरवळि-हाँ भारतम क़ानून हमेशा ही अपण काम धीरे धीरे करणु रौंद। जब घूसखोर भाणजौ झड़नाति ह्वे जाला तब न्यायालय फैसला सुणाल कि भूतपूर्व स्वर्गीय रेलमंत्री के स्वर्गीय भानजे के विरुद्ध ठोस सबूत ना मिलने से रेलवे बोर्ड मेम्बर बनाने हेतु दो करोड़ लेने वाले घूसखोरी केस को खारिज किया जाता है।
Copyright @ Bhishma Kukreti 5/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments