गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
मनी लौन्ड्रिंग कनकैक हूंद
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
उन त पैल इ गळी नाम 'गरीब आदमी; स्ट्रीट छौ पण बेहंत बैंको शाखा खुलण से ईं स्ट्रीट तैं अब बैंक स्ट्रीट बोले जांद।
परसि मि बैंक स्ट्रीट ग्यों कि म्यार पैथर बीस बैंकुं दलाल पैथर पोड़ी गेन। एक म्यार दै हथ खैंचणु त हैंक बैं हथ, एक म्यार एक खुट खींचणु त हैंको म्यार दुसर खुट पर ग्वाळ बोटणु। कैन म्यार मुंड पकडि त कैन बाळ हि पकडिन, जौं तैं कुछ नि मीलेन ऊंन मेरो कपड़ा खैंचण शुरू कौरि देन। इनि एक दें बनारस मा म्यार पैथर पंडा पोड़ी छा। इथगा मा एक काल़ो मुस्टंडा आंद दिखे त सबि ऐजेंट भाजि गेन। मुस्टंडा बरडाणु छौ," सालों को बोला हैच कि दस से ग्यारा तक बैंक स्ट्रीट पर मेरा ही कब्जा होगा पण साले गरुड़ की औलाद शेर से शिकार छीनने में बाज नही आते।"
वै मुस्टंडान पुछी -कौन से बैंक में अकाउंट खोलना मंगता है?"
मि - जी ! नेसनलाइज्ड बैंकम खाता ......।
वो मुस्टंडा म्यार कॉलर पकड़िक , रगोंड़िक एक बैंक भितर ली गे। फिर उख वैन एक बैंक कर्मचारी तैं धै लगैक ब्वाल, 'पीआर ! एक नया मुरगा लाया हूं। इसका अकाउंट खोल देना।" अर मुस्टंडा भैर चलि गे।
पीआर याने जन सम्पर्क अधिकारी मि तैं एक कैबिनम लीग अर मि तै बिठाळिक वैन ठंडो गरम का बारा मा पूछ।
पी आर अधिकारिन पूछ," आप तैं नॉर्मल अकौंट खुलण कि मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट खुलण?"
मीन पुछण चाइ - इ मनी लौन्ड्रिंग क्या ....
पी आर अधिकारिन खुश ह्वेक बोलि - वेरी गुड। मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट खुलण बड़ो सौंग च।
मि - जी ?
पी आर अधिकारी - जी हां मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट की भली सुविधा हमर ही बैंक मा च।
अब मेरो इंटरेस्ट बढ़ी गे छौ त मीन बोलि -अच्छा? मि तैं क्या क्या करण पोड़ल
पी आर अधिकारी -कुछ ना आठ दस या बीसेक फर्जी नाम से पैन कार्ड बणाण पोड़ल
मि -पण बीस फर्जी पैन कार्ड बणाण त कठण होलु?
पी आर अधिकारी -नै नै कठण नि च। वो मुस्टंडा दलाल सुब कुछ कॉरल अर आपक हथम पैन कार्ड दे द्यालो।
मि -फिर?
पी आर अधिकारी -फिर आपम जथगा बि क़ाळो धन च वै तैं फर्जी पैन कार्ड का आधार पर फर्जी नाम से हमर बैंक मा जमा करदा जावो।
मि- पण फिर बी यु त काळो ही रालो कि की ना?
पी आर अधिकारी - नै नै आप ये पैसा तै विदेशों मा जन कि मोरेसिस ट्रांसफर कौर सकदा अर फिर उख बिटेन आप पैसा नियमानुसार अपण सही अकाउंट मा ट्रांसफर करी सकदव़ा। तुम तै मोरेसिस जाणै जरूरत बि नि च। सब कुछ इखी बिटेन ह्वे जालो।
मि - अर जु अपण पैसा विदेश नि भिजण चांदन?
पी आर अधिकारी - वांको बि कथगा इ बांको (अभिनव) प्रबंध छन ।
मि -जन कि
पी आर अधिकारी - तुमार फर्जी पैसा जीवन बीमा निगम या अन्य साधनों से तुमम सुफेद ह्वेक ऐ जालो।
मि - पैसा कब जमा करण?
पी आर अधिकारी - कबि बि। हां वै मुस्टंडा तैं दस परसेंट कमिसन मिलण चयेंद हाँ!
मि -जी
पी आर अधिकारी -अच्छा तो आप अपण ब्लैक मनी कब जमा करणा छंवाँ जां से हम मनी लौन्ड्रिंग को काम अग्वाडि बढाई सकवां
मि - जी एक बात बथावा। मीन सूण कि तुमर बैंकम चपड़ासी जगा खाली छन बल?
पी आर अधिकारी - हाँ, सरा भारतौ कुण चपड़ास्यूं द्वी हजार जगा खाली छन। पण तुम किलै पुछणा छंवाँ/
मि - मि असलम अपण नौनौ कुण चपड़ासी नौकरी फॉर्म लीणो ऐ छौ।
पी आर अधिकारी - ये साले, जब से गुंडों को दलाली का काम सौंपा गया है तब से ये गुंडे दलाल, भिखारियों को भी बैंक के अन्दर ले आते है। जाओ ! भागो यंहां से। मेरा टाइम खोटी मत करो।
Copyright @ Bhishma Kukreti 7/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर छ्वीं
मनी लौन्ड्रिंग कनकैक हूंद
उन त पैल इ गळी नाम 'गरीब आदमी; स्ट्रीट छौ पण बेहंत बैंको शाखा खुलण से ईं स्ट्रीट तैं अब बैंक स्ट्रीट बोले जांद।
परसि मि बैंक स्ट्रीट ग्यों कि म्यार पैथर बीस बैंकुं दलाल पैथर पोड़ी गेन। एक म्यार दै हथ खैंचणु त हैंक बैं हथ, एक म्यार एक खुट खींचणु त हैंको म्यार दुसर खुट पर ग्वाळ बोटणु। कैन म्यार मुंड पकडि त कैन बाळ हि पकडिन, जौं तैं कुछ नि मीलेन ऊंन मेरो कपड़ा खैंचण शुरू कौरि देन। इनि एक दें बनारस मा म्यार पैथर पंडा पोड़ी छा। इथगा मा एक काल़ो मुस्टंडा आंद दिखे त सबि ऐजेंट भाजि गेन। मुस्टंडा बरडाणु छौ," सालों को बोला हैच कि दस से ग्यारा तक बैंक स्ट्रीट पर मेरा ही कब्जा होगा पण साले गरुड़ की औलाद शेर से शिकार छीनने में बाज नही आते।"
वै मुस्टंडान पुछी -कौन से बैंक में अकाउंट खोलना मंगता है?"
मि - जी ! नेसनलाइज्ड बैंकम खाता ......।
वो मुस्टंडा म्यार कॉलर पकड़िक , रगोंड़िक एक बैंक भितर ली गे। फिर उख वैन एक बैंक कर्मचारी तैं धै लगैक ब्वाल, 'पीआर ! एक नया मुरगा लाया हूं। इसका अकाउंट खोल देना।" अर मुस्टंडा भैर चलि गे।
पीआर याने जन सम्पर्क अधिकारी मि तैं एक कैबिनम लीग अर मि तै बिठाळिक वैन ठंडो गरम का बारा मा पूछ।
पी आर अधिकारिन पूछ," आप तैं नॉर्मल अकौंट खुलण कि मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट खुलण?"
मीन पुछण चाइ - इ मनी लौन्ड्रिंग क्या ....
पी आर अधिकारिन खुश ह्वेक बोलि - वेरी गुड। मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट खुलण बड़ो सौंग च।
मि - जी ?
पी आर अधिकारी - जी हां मनी लौन्ड्रिंग अकाउंट की भली सुविधा हमर ही बैंक मा च।
अब मेरो इंटरेस्ट बढ़ी गे छौ त मीन बोलि -अच्छा? मि तैं क्या क्या करण पोड़ल
पी आर अधिकारी -कुछ ना आठ दस या बीसेक फर्जी नाम से पैन कार्ड बणाण पोड़ल
मि -पण बीस फर्जी पैन कार्ड बणाण त कठण होलु?
पी आर अधिकारी -नै नै कठण नि च। वो मुस्टंडा दलाल सुब कुछ कॉरल अर आपक हथम पैन कार्ड दे द्यालो।
मि -फिर?
पी आर अधिकारी -फिर आपम जथगा बि क़ाळो धन च वै तैं फर्जी पैन कार्ड का आधार पर फर्जी नाम से हमर बैंक मा जमा करदा जावो।
मि- पण फिर बी यु त काळो ही रालो कि की ना?
पी आर अधिकारी - नै नै आप ये पैसा तै विदेशों मा जन कि मोरेसिस ट्रांसफर कौर सकदा अर फिर उख बिटेन आप पैसा नियमानुसार अपण सही अकाउंट मा ट्रांसफर करी सकदव़ा। तुम तै मोरेसिस जाणै जरूरत बि नि च। सब कुछ इखी बिटेन ह्वे जालो।
मि - अर जु अपण पैसा विदेश नि भिजण चांदन?
पी आर अधिकारी - वांको बि कथगा इ बांको (अभिनव) प्रबंध छन ।
मि -जन कि
पी आर अधिकारी - तुमार फर्जी पैसा जीवन बीमा निगम या अन्य साधनों से तुमम सुफेद ह्वेक ऐ जालो।
मि - पैसा कब जमा करण?
पी आर अधिकारी - कबि बि। हां वै मुस्टंडा तैं दस परसेंट कमिसन मिलण चयेंद हाँ!
मि -जी
पी आर अधिकारी -अच्छा तो आप अपण ब्लैक मनी कब जमा करणा छंवाँ जां से हम मनी लौन्ड्रिंग को काम अग्वाडि बढाई सकवां
मि - जी एक बात बथावा। मीन सूण कि तुमर बैंकम चपड़ासी जगा खाली छन बल?
पी आर अधिकारी - हाँ, सरा भारतौ कुण चपड़ास्यूं द्वी हजार जगा खाली छन। पण तुम किलै पुछणा छंवाँ/
मि - मि असलम अपण नौनौ कुण चपड़ासी नौकरी फॉर्म लीणो ऐ छौ।
पी आर अधिकारी - ये साले, जब से गुंडों को दलाली का काम सौंपा गया है तब से ये गुंडे दलाल, भिखारियों को भी बैंक के अन्दर ले आते है। जाओ ! भागो यंहां से। मेरा टाइम खोटी मत करो।
Copyright @ Bhishma Kukreti 7/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments