गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
भौं भौं किस्मौ पौण (मेहमान )
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
ब्यौ बरात्युं मा पौण, अतिथि मेहमान, मेमान बुलाण अर पौणु बरात या रिसेप्सन मा जाण आम बात च।
मेमानुं या पौणु कथगा इ जात होंद या बुले जावों तो पौण कथगा इ किस्मौ हूँदन। कुछ ख़ास किसमौ पौण इन बि हूँदन।
द्वारखुला पौण- द्वारखुला पौण अगल्यारि मा हमेशा अगनै रौणै आदत से मजबूर पौण हूँदन। इ हमेशा रिसेप्सन हाल /वेडिंग हौल मा घरात्यूं से पैलि पौंछि जांदन अर बेबातौ अफिक इंतजाम दिखण लगि जांदन।
घड़ी सुई से चलण वाळ पौण- इ बिचारा समय का पाबन्द होंदन अर न्यूतो- पतड़ी (निमंत्रण पात्र) माँ लिख्युं हिसाब से रिसेप्सन हाल मा पौंछि जांदन अर जब घराती द्वी तीन घंटा पैथर आंदन अर समय का पाबंद मेहमान तै सुणान्दन की ' इंडिया मा समय पर कु आंद" तो इ समय का पाबन्द मेहमान बुलण मिसे जांदन बल इण्डिया विल नेवर प्रोग्रेस काउज दे नेवर अंडरस्टैंड द वैल्यू ऑफ टाइम।
टिपोड़ी पौण- इ कैक बि ब्यौ मा जावन इख तलक कि अपण बेटी ब्यौ मा बि टिपोड़ मा रौंदन। टिपोड़ी मेमानुं मानण च बल अतिथि भगवान को दुसर रूप होंद तो इ लोग भगवान जन अपण खुट जमीन पर नि धरदन अर कैक दगड़ खां मा खां बात करण अपण बेजती समजदन। कुछ आदतन टिपोड़ी हूँदन कुछ समय क अनुसार अपण मुख पर टिपोड़ी भाव लाणा रौंदन।
फरफरट्या पौण- बस इ फर फर उर्जावान ह्वेक फर्र फर्र इना उना हॉल मा चलणा रौंदन।
इकअडसर्या पौण- यि पौणएक दै कैं जगा मा बैठि जावन तो फिर वीं सीट पर अफिक फेविकोल लगि जांद अर मजाल च कि भ्यूंचळ आणो बाद बि सीट छ्वाड़न धौं!
रगरट्या पौण- यूँ पौणु तैं पता नी क्यांकु रगर्याट हुयुं रौंद धौं, न्यूत लिखाण, स्टेज पर ब्योलि-ब्योला तै आशीर्वाद दीण, खाणो खाण ह्वाओ या गुसलखाना मा फ्रेश हूण ह्वावो इ हमेशा जल्दबाजी मा रौंदन।
जुत दिखवा पौण- इन पौण अपण धन , धान्य रूप या शानौ शौकत को प्रदर्शन करण मा अग्वाडि रौंदन।
चिंता का ठेकेदार पौण- इ हर समय बगैर आज्ञा लेकि घरात्यूं तरफान हौर लोगुं तैं चिंतित करदन। चिंता दिखाण अर दूसरों तैं अनावश्यक चिंता मा डाळण ही यूंक एकमात्र काम होंद।
सरोता पौण- इन पौण हरेक चीज की हरेक से काट ही करणा रौंदन।
अहसान दिखांदर पौण- इन पौण हर समय घराती पर कुछ ना कुछ अहसान दिखाणा रौंदन अर बुलणा रौंदन मि त बस फलणो वजै से रिसेप्सन मा औं ...
थाळी चट्वा पौण- यी पौण आदतन देर से आंदन अर तब आंदन जब खाणक पीणक खतम ह्वे जांद अर तब बच्युं खुच्युं जो भी ह्वावो चाटी पूंछी खांदन।
भंडमजा पौण- यी बी आदतन लेट लतीफ होंदन अर तब आंदन जब कैटरर का आदिम भांड मंजाण शुरू कौरि दींदन अर यि आइसक्रीम या ठंडो पेय से काम चलांदन।
डुलेर पौण- इ आदतन ना जनम जाति लेट लतीफ हूँदन। यि तब आँदन जब बर -ब्योलि कार मा बैठि जांदन अर चलती कार मा बर-ब्योलि तैं अपण न्यूत पकडाँदन अर इन लगद कि यि पौण बार - ब्योलि ड्वाला उठणौ डुलेर ह्वावन
उन हौर तरां पौण बि हूँदन पण इ जरा अलग किस्मौ पौण हूँदन।
एक बात बथावदी ! आप कैं श्रेणी मेहमान छंवाँ ?
Copyright @ Bhishma Kukreti 12/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
भौं भौं किस्मौ पौण (मेहमान )
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
ब्यौ बरात्युं मा पौण, अतिथि मेहमान, मेमान बुलाण अर पौणु बरात या रिसेप्सन मा जाण आम बात च।
मेमानुं या पौणु कथगा इ जात होंद या बुले जावों तो पौण कथगा इ किस्मौ हूँदन। कुछ ख़ास किसमौ पौण इन बि हूँदन।
द्वारखुला पौण- द्वारखुला पौण अगल्यारि मा हमेशा अगनै रौणै आदत से मजबूर पौण हूँदन। इ हमेशा रिसेप्सन हाल /वेडिंग हौल मा घरात्यूं से पैलि पौंछि जांदन अर बेबातौ अफिक इंतजाम दिखण लगि जांदन।
घड़ी सुई से चलण वाळ पौण- इ बिचारा समय का पाबन्द होंदन अर न्यूतो- पतड़ी (निमंत्रण पात्र) माँ लिख्युं हिसाब से रिसेप्सन हाल मा पौंछि जांदन अर जब घराती द्वी तीन घंटा पैथर आंदन अर समय का पाबंद मेहमान तै सुणान्दन की ' इंडिया मा समय पर कु आंद" तो इ समय का पाबन्द मेहमान बुलण मिसे जांदन बल इण्डिया विल नेवर प्रोग्रेस काउज दे नेवर अंडरस्टैंड द वैल्यू ऑफ टाइम।
टिपोड़ी पौण- इ कैक बि ब्यौ मा जावन इख तलक कि अपण बेटी ब्यौ मा बि टिपोड़ मा रौंदन। टिपोड़ी मेमानुं मानण च बल अतिथि भगवान को दुसर रूप होंद तो इ लोग भगवान जन अपण खुट जमीन पर नि धरदन अर कैक दगड़ खां मा खां बात करण अपण बेजती समजदन। कुछ आदतन टिपोड़ी हूँदन कुछ समय क अनुसार अपण मुख पर टिपोड़ी भाव लाणा रौंदन।
फरफरट्या पौण- बस इ फर फर उर्जावान ह्वेक फर्र फर्र इना उना हॉल मा चलणा रौंदन।
इकअडसर्या पौण- यि पौणएक दै कैं जगा मा बैठि जावन तो फिर वीं सीट पर अफिक फेविकोल लगि जांद अर मजाल च कि भ्यूंचळ आणो बाद बि सीट छ्वाड़न धौं!
रगरट्या पौण- यूँ पौणु तैं पता नी क्यांकु रगर्याट हुयुं रौंद धौं, न्यूत लिखाण, स्टेज पर ब्योलि-ब्योला तै आशीर्वाद दीण, खाणो खाण ह्वाओ या गुसलखाना मा फ्रेश हूण ह्वावो इ हमेशा जल्दबाजी मा रौंदन।
जुत दिखवा पौण- इन पौण अपण धन , धान्य रूप या शानौ शौकत को प्रदर्शन करण मा अग्वाडि रौंदन।
चिंता का ठेकेदार पौण- इ हर समय बगैर आज्ञा लेकि घरात्यूं तरफान हौर लोगुं तैं चिंतित करदन। चिंता दिखाण अर दूसरों तैं अनावश्यक चिंता मा डाळण ही यूंक एकमात्र काम होंद।
सरोता पौण- इन पौण हरेक चीज की हरेक से काट ही करणा रौंदन।
अहसान दिखांदर पौण- इन पौण हर समय घराती पर कुछ ना कुछ अहसान दिखाणा रौंदन अर बुलणा रौंदन मि त बस फलणो वजै से रिसेप्सन मा औं ...
थाळी चट्वा पौण- यी पौण आदतन देर से आंदन अर तब आंदन जब खाणक पीणक खतम ह्वे जांद अर तब बच्युं खुच्युं जो भी ह्वावो चाटी पूंछी खांदन।
भंडमजा पौण- यी बी आदतन लेट लतीफ होंदन अर तब आंदन जब कैटरर का आदिम भांड मंजाण शुरू कौरि दींदन अर यि आइसक्रीम या ठंडो पेय से काम चलांदन।
डुलेर पौण- इ आदतन ना जनम जाति लेट लतीफ हूँदन। यि तब आँदन जब बर -ब्योलि कार मा बैठि जांदन अर चलती कार मा बर-ब्योलि तैं अपण न्यूत पकडाँदन अर इन लगद कि यि पौण बार - ब्योलि ड्वाला उठणौ डुलेर ह्वावन
उन हौर तरां पौण बि हूँदन पण इ जरा अलग किस्मौ पौण हूँदन।
एक बात बथावदी ! आप कैं श्रेणी मेहमान छंवाँ ?
Copyright @ Bhishma Kukreti 12/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments