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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, May 19, 2013

भौं भौं किस्मौ पौण (मेहमान )

गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
सौज सौज मा मजाक मसखरी 
हौंस,चबोड़,चखन्यौ   
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं 
                           भौं भौं किस्मौ पौण (मेहमान ) 

                              चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ ) 

  ब्यौ बरात्युं मा पौण, अतिथि मेहमान, मेमान बुलाण अर पौणु बरात या रिसेप्सन मा जाण आम बात च।
मेमानुं या पौणु कथगा इ जात होंद या बुले जावों तो पौण कथगा इ किस्मौ हूँदन। कुछ ख़ास किसमौ पौण इन बि हूँदन।
द्वारखुला पौण- द्वारखुला पौण  अगल्यारि मा हमेशा अगनै रौणै  आदत से मजबूर पौण हूँदन। इ हमेशा रिसेप्सन हाल /वेडिंग हौल मा घरात्यूं से पैलि पौंछि जांदन अर बेबातौ अफिक इंतजाम दिखण लगि जांदन।
घड़ी सुई से चलण वाळ पौण-  इ बिचारा समय का पाबन्द होंदन अर न्यूतो- पतड़ी (निमंत्रण पात्र) माँ लिख्युं हिसाब से  रिसेप्सन हाल मा पौंछि जांदन अर जब घराती द्वी तीन घंटा पैथर आंदन अर समय का पाबंद  मेहमान तै सुणान्दन की ' इंडिया मा समय पर कु आंद" तो इ समय का पाबन्द मेहमान बुलण मिसे जांदन बल इण्डिया विल नेवर प्रोग्रेस काउज दे नेवर अंडरस्टैंड द वैल्यू ऑफ टाइम।
 टिपोड़ी पौण- इ कैक बि ब्यौ मा जावन इख तलक कि अपण बेटी ब्यौ मा बि टिपोड़ मा रौंदन। टिपोड़ी मेमानुं मानण च बल अतिथि भगवान को दुसर रूप होंद तो इ लोग भगवान जन अपण खुट जमीन पर नि धरदन अर कैक दगड़ खां मा खां बात करण अपण बेजती समजदन। कुछ आदतन टिपोड़ी हूँदन कुछ समय क अनुसार अपण मुख पर टिपोड़ी भाव लाणा रौंदन।
फरफरट्या पौण- बस इ फर फर उर्जावान ह्वेक फर्र फर्र इना उना हॉल मा चलणा रौंदन।
इकअडसर्या पौण-  यि  पौणएक दै कैं जगा मा  बैठि जावन तो फिर वीं सीट पर अफिक फेविकोल लगि जांद अर मजाल च कि भ्यूंचळ आणो बाद बि सीट छ्वाड़न धौं!
रगरट्या पौण- यूँ पौणु तैं पता नी क्यांकु रगर्याट हुयुं रौंद धौं, न्यूत लिखाण, स्टेज पर ब्योलि-ब्योला तै आशीर्वाद दीण, खाणो खाण ह्वाओ या गुसलखाना मा फ्रेश हूण ह्वावो इ हमेशा जल्दबाजी मा रौंदन।
जुत दिखवा पौण- इन पौण अपण धन , धान्य  रूप या शानौ शौकत को प्रदर्शन  करण मा अग्वाडि रौंदन।
चिंता का ठेकेदार पौण-  इ हर समय बगैर आज्ञा लेकि घरात्यूं तरफान हौर लोगुं तैं चिंतित करदन। चिंता दिखाण अर दूसरों तैं अनावश्यक चिंता मा डाळण  ही यूंक एकमात्र काम होंद।
सरोता पौण- इन पौण हरेक चीज की हरेक से काट ही करणा रौंदन।
अहसान दिखांदर पौण- इन पौण हर समय घराती पर कुछ ना कुछ अहसान दिखाणा रौंदन अर बुलणा रौंदन मि त बस फलणो वजै से रिसेप्सन मा औं ...
थाळी चट्वा पौण-  यी पौण  आदतन देर से आंदन अर तब आंदन जब खाणक पीणक खतम ह्वे जांद अर तब बच्युं खुच्युं जो भी ह्वावो चाटी पूंछी खांदन।
भंडमजा पौण- यी बी आदतन लेट लतीफ होंदन अर तब आंदन जब कैटरर का आदिम भांड मंजाण शुरू कौरि दींदन अर यि आइसक्रीम या ठंडो पेय से काम चलांदन।
डुलेर पौण- इ आदतन ना जनम जाति लेट लतीफ हूँदन। यि तब आँदन जब बर -ब्योलि कार मा बैठि जांदन अर चलती कार मा  बर-ब्योलि तैं   अपण न्यूत पकडाँदन अर इन लगद कि यि पौण बार - ब्योलि ड्वाला उठणौ डुलेर ह्वावन                
 उन हौर तरां पौण बि  हूँदन पण इ जरा अलग किस्मौ पौण हूँदन।
एक बात बथावदी !  आप कैं श्रेणी मेहमान छंवाँ ? 


Copyright @ Bhishma Kukreti  12/05/2013            
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

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