गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
अब म्यार गाँ शत-प्रतिशत आधुनिक ह्वै गे
जब तलक मोबाइल नि ऐ छया तब तलक हम मुंबई आण -जाण वाळुम चिठ्ठी भेज्दा छया। अधिकतर मि अपण बाळापन की यादुं बात लिखुद छौ अर काका हमर गां कथगा आधुनिक ह्वे ग्यायि कि सुचना दीन्दु छौ।
अब हम मोबाइल से एक हैंका दगड़ खबरों अदला बदली करदां।
जन कि परसि चंदा काका फोन आयि," भीषम ! अब हमर गांवन पचास टका आधुनिकता हासिल कौर आयि।"
मीन खुश ह्वेक पूछ," अरे वाह ! कामयाबी वास्ता वधाई/ पण ह्वाइ क्या च?"
काका - ये साल हमन वसंत पंचमी दिन म्वारुं मुरिंड पर हरयाळि लगाण बंद करि आल
मि - यु त ठीक कार। पण गां माँ वो सामूहिक शौचालय बणण वाळ छौं वांक क्या ह्वाइ?"
काका - मि तैं नि उम्मीद कि हमर गां मा सामूहिक शौचालय बौणल। सरकार त पैसा दीणो तयार च पण अदा पैसा गां वाळ तैं दीण पड़णा छन तो क्वी बि शौचालयौ बान मिळवाग (सहयोग राशि) दीणो तयार नी च।
कुछ दिनों उपरांत चंदा काका क फोन आयि अर बुलण मिस्यायि - भीषम ! अब हमर गांन साढ़े पिचपन प्रतिशत आधुनिकता हासिल करि आल।
मि - अरे बढ़िया! ह्वाइ क्या च ?
चंदा काका - हमन मकरैणि (मकर संक्रान्ति ) मनाण बंद करी तो वां से द्वी प्रतिशत आधुनिकता मा वृद्धि ह्वे अर मक्रैणि जगा वैलेंटाइन डे दे मनाण से गाँ की आधुनिकता मा साढ़े तीन प्रतिशत को इजाफा ह्वे
मि - अरे काका सरा पट्टी क गावों बान कुल्याणो एक कूल आण वाळ छे वांक क्या ह्वाइ?
चंदा काका - ना ना ! इख गावुं मा क्वी बि कुल्याणो कूलौ बान तयार नि होणु च। सब्युं मानण च बल कूल पुरातन संस्कृति की पछ्याणक च अर अब क्वी नि चांदो कि वो परम्परा वादी रावो। अब सब आधुनिक हूण चाणा छन।
कुछ दिनों बाद मीन चंदा काका कुणि फोन कार- काका ! वो गाँ मा सौर ऊर्जा बिजली क क क्या ह्वाइ?
चंदा काका- कै बि आदिम तै सौर ऊर्जा जनित बिजली मा क्वी इंटरेस्ट नी च, रूचि नि च । पण हाँ हमर गाँ पांच प्रतिशत अधिक आधुनिक जि ह्वे ग्यायि।
मि -क्या ह्वाइ?
चंदा काका -ये साल बिटेन हमन शक सम्वत (गुडी पड़िवा ) मनाण छोड़ि आल अर वां से हमर गांवक आधुनिकता मा ढाई प्रतिशत की वृद्धि ह्वाइ। अब हमन क्रिश्चियन न्यू यियर मनाण शुरू कौरि आल। न्यू ईयर मा हम मर्दु ही ना क्या ज़नान्यून बि खूब शराब घटकाइ अर पश्चमी नाच गाण कार। यार मजा ऐ ग्यायि। क्रिश्चियन न्यू ईयर मनाण से हमर गांवक आधुनिकता मा ढाई परसेंट की वृद्धि ह्वे। अब हमर गाँ पिचासी प्रतिशत आधुनिक ह्वे ग्यायि। हौर गां वाळ हमारि आधुनिकता देखिक जळणा रौंदन।
कुछ दिन बाद चंदा काकाक ब्वे खतम ह्वे। कुछ इन छंद आयि कि चंदा काकाक फोन श्याम दें इ लग। मीन पशत्यौ दींद ब्वाल - काका ! तेरी माँ मेखुण त दुसर ब्वे छे। ददी मि तै बि उथगा हि माणदि छे जथगा त्वै तैं!
चंदा काका - हाँ ! ब्वै मरणो दुख त छै च पण यांसे जादा क्या भौत इ खुसी बात या च कि अब हमर गाँ शत प्रतिशत आधुनिक ह्वै ग्यायि।
मि - अरे ददी मोरण से आधुनिकता को क्या संबंध ?
चंदा काकान उत्साहित ह्वेक जबाब दे - अरे भीषम ! सरा गां मा मेरि ब्वै छे ज्वा गढवाळि माँ बचऴयान्दी छे। अर ब्वै डौरन मि तैं अर तेरि काकि तैं जबरन गढ़वळि मा बचऴयाण पोड़द छौ। अब ब्वे नी च त क्वी बि अब गाँव मा गढ़वळि मा बुलण वाळ नी च । बस ! अपण भाषा खतम हूण से से अब हमर गां हंड्रेड परसेंट मोडर्न ह्वै ग्यायि। सरा गां खुस च। अर पता च यीं ख़ुशी मा ब्वेक तेहरवीं मा तेरा किस्मौ शराब पिए जाली।
Copyright @ Bhishma Kukreti 27/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
मि अर चंदा काका स्कूलौ सहपाठी अर दगड्या छया। चंदा काका मुंबई माँ आधुनिक जिन्दगी का सुपिन बुणदो छौ अर मि चांदो छौ गाँ मा मास्टरगिरी करे जावो। पण उल्टू ही ह्वाइ। मि मुंबई ऐ ग्यों अर चंदा काका गाँ मा इंटर कॉलेज मा लेक्चरर बौणि गे जब तलक मोबाइल नि ऐ छया तब तलक हम मुंबई आण -जाण वाळुम चिठ्ठी भेज्दा छया। अधिकतर मि अपण बाळापन की यादुं बात लिखुद छौ अर काका हमर गां कथगा आधुनिक ह्वे ग्यायि कि सुचना दीन्दु छौ।
अब हम मोबाइल से एक हैंका दगड़ खबरों अदला बदली करदां।
जन कि परसि चंदा काका फोन आयि," भीषम ! अब हमर गांवन पचास टका आधुनिकता हासिल कौर आयि।"
मीन खुश ह्वेक पूछ," अरे वाह ! कामयाबी वास्ता वधाई/ पण ह्वाइ क्या च?"
काका - ये साल हमन वसंत पंचमी दिन म्वारुं मुरिंड पर हरयाळि लगाण बंद करि आल
मि - यु त ठीक कार। पण गां माँ वो सामूहिक शौचालय बणण वाळ छौं वांक क्या ह्वाइ?"
काका - मि तैं नि उम्मीद कि हमर गां मा सामूहिक शौचालय बौणल। सरकार त पैसा दीणो तयार च पण अदा पैसा गां वाळ तैं दीण पड़णा छन तो क्वी बि शौचालयौ बान मिळवाग (सहयोग राशि) दीणो तयार नी च।
कुछ दिनों उपरांत चंदा काका क फोन आयि अर बुलण मिस्यायि - भीषम ! अब हमर गांन साढ़े पिचपन प्रतिशत आधुनिकता हासिल करि आल।
मि - अरे बढ़िया! ह्वाइ क्या च ?
चंदा काका - हमन मकरैणि (मकर संक्रान्ति ) मनाण बंद करी तो वां से द्वी प्रतिशत आधुनिकता मा वृद्धि ह्वे अर मक्रैणि जगा वैलेंटाइन डे दे मनाण से गाँ की आधुनिकता मा साढ़े तीन प्रतिशत को इजाफा ह्वे
मि - अरे काका सरा पट्टी क गावों बान कुल्याणो एक कूल आण वाळ छे वांक क्या ह्वाइ?
चंदा काका - ना ना ! इख गावुं मा क्वी बि कुल्याणो कूलौ बान तयार नि होणु च। सब्युं मानण च बल कूल पुरातन संस्कृति की पछ्याणक च अर अब क्वी नि चांदो कि वो परम्परा वादी रावो। अब सब आधुनिक हूण चाणा छन।
कुछ दिनों बाद मीन चंदा काका कुणि फोन कार- काका ! वो गाँ मा सौर ऊर्जा बिजली क क क्या ह्वाइ?
चंदा काका- कै बि आदिम तै सौर ऊर्जा जनित बिजली मा क्वी इंटरेस्ट नी च, रूचि नि च । पण हाँ हमर गाँ पांच प्रतिशत अधिक आधुनिक जि ह्वे ग्यायि।
मि -क्या ह्वाइ?
चंदा काका -ये साल बिटेन हमन शक सम्वत (गुडी पड़िवा ) मनाण छोड़ि आल अर वां से हमर गांवक आधुनिकता मा ढाई प्रतिशत की वृद्धि ह्वाइ। अब हमन क्रिश्चियन न्यू यियर मनाण शुरू कौरि आल। न्यू ईयर मा हम मर्दु ही ना क्या ज़नान्यून बि खूब शराब घटकाइ अर पश्चमी नाच गाण कार। यार मजा ऐ ग्यायि। क्रिश्चियन न्यू ईयर मनाण से हमर गांवक आधुनिकता मा ढाई परसेंट की वृद्धि ह्वे। अब हमर गाँ पिचासी प्रतिशत आधुनिक ह्वे ग्यायि। हौर गां वाळ हमारि आधुनिकता देखिक जळणा रौंदन।
कुछ दिन बाद चंदा काकाक ब्वे खतम ह्वे। कुछ इन छंद आयि कि चंदा काकाक फोन श्याम दें इ लग। मीन पशत्यौ दींद ब्वाल - काका ! तेरी माँ मेखुण त दुसर ब्वे छे। ददी मि तै बि उथगा हि माणदि छे जथगा त्वै तैं!
चंदा काका - हाँ ! ब्वै मरणो दुख त छै च पण यांसे जादा क्या भौत इ खुसी बात या च कि अब हमर गाँ शत प्रतिशत आधुनिक ह्वै ग्यायि।
मि - अरे ददी मोरण से आधुनिकता को क्या संबंध ?
चंदा काकान उत्साहित ह्वेक जबाब दे - अरे भीषम ! सरा गां मा मेरि ब्वै छे ज्वा गढवाळि माँ बचऴयान्दी छे। अर ब्वै डौरन मि तैं अर तेरि काकि तैं जबरन गढ़वळि मा बचऴयाण पोड़द छौ। अब ब्वे नी च त क्वी बि अब गाँव मा गढ़वळि मा बुलण वाळ नी च । बस ! अपण भाषा खतम हूण से से अब हमर गां हंड्रेड परसेंट मोडर्न ह्वै ग्यायि। सरा गां खुस च। अर पता च यीं ख़ुशी मा ब्वेक तेहरवीं मा तेरा किस्मौ शराब पिए जाली।
Copyright @ Bhishma Kukreti 27/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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