गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
जुत खाण मा क्यांक परहेज ?
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
तीसेक साल पैल पंजाब प्रांतौ निवासी पवन कुमार कन्सलन प्रसिद्ध मुनि कपिल छिब्ब्ल का राजनीति मा आळी -जाळी करतबों , राजनैतिक उठा-पटक, राजनैतिक टोटका तन्त्र, आदि उपदेस सुणिन अर राजनैतिक पैन्तराबाजी का उपदेशों से संतुस्ट ह्वेक वापस अपण प्रदेश चलणो इच्छा जाहिर कौर।
गुरु घंटाल , पाखंडियों का महान पाखंडी गुरू कपिल छिब्ब्लन पवन कुमार कन्सल से पूछ - प्रिय शिष्य ! तीन राजनीति का सबि पक्षों पर म्यार उपदेस सुणिन। अब तू बता तू कै परदेस पर राजनैतिक कब्जा करणों विचार करणु छे?
घुन्ना पवन कुमार कनसलन उत्तर दे - आळी -जाऴयूँ महान गुरु म छिब्ब्ल महाराज ! मि त चंडीगढ़ तैं हि अपणी जागीर बणौल अर मंत्री पद हथ्यौल।
झूट तैं सच अर सच तैं झूट बणाणो महान झूठो उस्ताद कपिल छिब्ब्लन पूछ - पवन कनसल ! चण्डीगढ़ वासी बड़ा चंड अर कठोर हून्दन कखि जब तू मंत्री पद से फैदा उठैक उख चण्डीगढ़मा बड़ी जायजाद खड़ो करिल त ह्वे सकुद च चण्डीगढ़ वासी त्वै पर कठोर बचनो प्रहार कारल तो तू क्या करिल?
लोमड़ी . स्याळ जन चालाक पवन कुमार कनसलन उत्तर दे- अनाचार्युं का वकील गुरु कपिल जी ! मि खुश होलु कि यी लोग खाली गाळी हि दीणा छन। म्यरी लूट से जब तलक क्वी कुछ नि छीनल तो मि गाळी बि सुणी ल्योलु।
मुनि कपिलन मक्कारी भरी मुस्कान मा ब्वाल- हे पवन कनसल !यदि चंडीगढ़ वासी त्यार नाते रिश्तेदारों , पुत्रों रिश्वतखोरि तै देखिक चंडीगढ़ वासी त्वे पर थूकल तो त्वै पर क्या बीतलि ?
अपण जघन्य गुनाहों तैं अपण मनमोही मुखड़ि से छुपाण मा सिद्धहस्त पवन कनसलन उत्तर दे - हे झूठ लोगुं महान आचार्य छिब्ब्ल जी ! जब तलक म्यरा बेटा, मेरा भतीजा , म्यरा भाणजा, म्यरा रिश्तेदार अर ऊंका रिश्तेदार म्यार रसूक से फैदा उठैक अरबों रुपया चट्ट करणा राला तब तलक चंडीगढ़ की जनता मै पर थूकल या गूवक पिंदड़ा बि फेंकल तो भि में पर क्वी फरक नि पड़ल।
धोकेबाजो तै बचाण माँ उस्तादों का उस्ताद किपिल छिब्ब्ल गुरुन पूछ - जब चंडीगढ़ का लोग गुस्सा मा त्वै पर जूता चुलाल तो तेरी प्रतिक्रिया क्या होलि?
एक बुगठ्या तै बली का वास्ता घास दींद महान नाटकबाज नटवर लाल उर्फ़ पवन कनसलंन जबाब दे - इक्सवीं सदी को जोड़ तोड़ का महान राजनैतिक आचार्य छिब्ब्ल जी ! जब तलक जनता मि तैं अर म्यार रिश्तेदारों तै भारत देसौ अमूल्य सम्पति का दोहन करण द्याली मि जुत खाण से कबि बि परहेज नि करुल। घूसखोर नेता तैं जुत खाण माँ क्वी शरम ल्याज नि करण चयेंद। चंडीगढ़ की राजनीति मा म्यरो एकी ध्येय या सिद्धांत होलु कि खूब जुत खावो पण खूब घूस ल्यावो।
बेशरम नेताओं का बेशरम उपाध्याय कपिल छिब्ब्लन - पुत्र पवन कनसल ! तेरी बातों से लगुणु च कि तीन पैल वित्त राज्य मंत्री बणन। हे छ्द्म्भेशी पवन तेरो छद्म भेषी गुण को कारण तीन संसदीय कार्य मंत्री बि बणन फिर तीन रेल मंत्री बि बणन।
अति उत्साह मा बेहयायी हंसे हंसदा पवन कन्सलन उत्तर दे - फिर ठीक च। मी मंत्री ह्वेक घूसखोरी, अनाचार से , दुराचार से , ब्यभिचार से अपण अर अपण रिश्तेदारों क इक्कीस पुस्तों बान रुपया जमा करुल।
जोड़ तोड़ को भड़ , राजनैतिक प्रपंच को उस्ताद, पैतरा बाजी का महान कुटिल मुनि कपिल छिब्ब्लन आशीर्वचन दींद बोल - जा हे पवन कनसल जा ! तू प्रजातंत्र पर चीरा लगाणम सफल ह्वे ! जा तू भारत की जनता का प्रजातंत्र पर विश्वास खतम करणम अपणो योगदान दीणम कामयाब राजनैतिक ह्वे। जा मेरो आशीर्वाद च तू प्रजातंत्र को बड़ो कोढ़ साबित ह्वे। जा हे पवन कनसल ! तेरो भ्रस्टाचारी योगदान से प्रजातंत्र की नींव हिलली अर तू बेशरमी से चुनाव लड़लि जन कि त्यरा कथगा ही सामयिक दगड्या प्रजातंत्र की पौ (नीव ) खपचाणो बान चुनाव लौड़ल
अर खुस ह्वेक पवन कनसलन चंडीगढ़ को तरफ प्रस्थान करी
Copyright @ Bhishma Kukreti 11/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
जुत खाण मा क्यांक परहेज ?
चबोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
तीसेक साल पैल पंजाब प्रांतौ निवासी पवन कुमार कन्सलन प्रसिद्ध मुनि कपिल छिब्ब्ल का राजनीति मा आळी -जाळी करतबों , राजनैतिक उठा-पटक, राजनैतिक टोटका तन्त्र, आदि उपदेस सुणिन अर राजनैतिक पैन्तराबाजी का उपदेशों से संतुस्ट ह्वेक वापस अपण प्रदेश चलणो इच्छा जाहिर कौर।
गुरु घंटाल , पाखंडियों का महान पाखंडी गुरू कपिल छिब्ब्लन पवन कुमार कन्सल से पूछ - प्रिय शिष्य ! तीन राजनीति का सबि पक्षों पर म्यार उपदेस सुणिन। अब तू बता तू कै परदेस पर राजनैतिक कब्जा करणों विचार करणु छे?
घुन्ना पवन कुमार कनसलन उत्तर दे - आळी -जाऴयूँ महान गुरु म छिब्ब्ल महाराज ! मि त चंडीगढ़ तैं हि अपणी जागीर बणौल अर मंत्री पद हथ्यौल।
झूट तैं सच अर सच तैं झूट बणाणो महान झूठो उस्ताद कपिल छिब्ब्लन पूछ - पवन कनसल ! चण्डीगढ़ वासी बड़ा चंड अर कठोर हून्दन कखि जब तू मंत्री पद से फैदा उठैक उख चण्डीगढ़मा बड़ी जायजाद खड़ो करिल त ह्वे सकुद च चण्डीगढ़ वासी त्वै पर कठोर बचनो प्रहार कारल तो तू क्या करिल?
लोमड़ी . स्याळ जन चालाक पवन कुमार कनसलन उत्तर दे- अनाचार्युं का वकील गुरु कपिल जी ! मि खुश होलु कि यी लोग खाली गाळी हि दीणा छन। म्यरी लूट से जब तलक क्वी कुछ नि छीनल तो मि गाळी बि सुणी ल्योलु।
मुनि कपिलन मक्कारी भरी मुस्कान मा ब्वाल- हे पवन कनसल !यदि चंडीगढ़ वासी त्यार नाते रिश्तेदारों , पुत्रों रिश्वतखोरि तै देखिक चंडीगढ़ वासी त्वे पर थूकल तो त्वै पर क्या बीतलि ?
अपण जघन्य गुनाहों तैं अपण मनमोही मुखड़ि से छुपाण मा सिद्धहस्त पवन कनसलन उत्तर दे - हे झूठ लोगुं महान आचार्य छिब्ब्ल जी ! जब तलक म्यरा बेटा, मेरा भतीजा , म्यरा भाणजा, म्यरा रिश्तेदार अर ऊंका रिश्तेदार म्यार रसूक से फैदा उठैक अरबों रुपया चट्ट करणा राला तब तलक चंडीगढ़ की जनता मै पर थूकल या गूवक पिंदड़ा बि फेंकल तो भि में पर क्वी फरक नि पड़ल।
धोकेबाजो तै बचाण माँ उस्तादों का उस्ताद किपिल छिब्ब्ल गुरुन पूछ - जब चंडीगढ़ का लोग गुस्सा मा त्वै पर जूता चुलाल तो तेरी प्रतिक्रिया क्या होलि?
एक बुगठ्या तै बली का वास्ता घास दींद महान नाटकबाज नटवर लाल उर्फ़ पवन कनसलंन जबाब दे - इक्सवीं सदी को जोड़ तोड़ का महान राजनैतिक आचार्य छिब्ब्ल जी ! जब तलक जनता मि तैं अर म्यार रिश्तेदारों तै भारत देसौ अमूल्य सम्पति का दोहन करण द्याली मि जुत खाण से कबि बि परहेज नि करुल। घूसखोर नेता तैं जुत खाण माँ क्वी शरम ल्याज नि करण चयेंद। चंडीगढ़ की राजनीति मा म्यरो एकी ध्येय या सिद्धांत होलु कि खूब जुत खावो पण खूब घूस ल्यावो।
बेशरम नेताओं का बेशरम उपाध्याय कपिल छिब्ब्लन - पुत्र पवन कनसल ! तेरी बातों से लगुणु च कि तीन पैल वित्त राज्य मंत्री बणन। हे छ्द्म्भेशी पवन तेरो छद्म भेषी गुण को कारण तीन संसदीय कार्य मंत्री बि बणन फिर तीन रेल मंत्री बि बणन।
अति उत्साह मा बेहयायी हंसे हंसदा पवन कन्सलन उत्तर दे - फिर ठीक च। मी मंत्री ह्वेक घूसखोरी, अनाचार से , दुराचार से , ब्यभिचार से अपण अर अपण रिश्तेदारों क इक्कीस पुस्तों बान रुपया जमा करुल।
जोड़ तोड़ को भड़ , राजनैतिक प्रपंच को उस्ताद, पैतरा बाजी का महान कुटिल मुनि कपिल छिब्ब्लन आशीर्वचन दींद बोल - जा हे पवन कनसल जा ! तू प्रजातंत्र पर चीरा लगाणम सफल ह्वे ! जा तू भारत की जनता का प्रजातंत्र पर विश्वास खतम करणम अपणो योगदान दीणम कामयाब राजनैतिक ह्वे। जा मेरो आशीर्वाद च तू प्रजातंत्र को बड़ो कोढ़ साबित ह्वे। जा हे पवन कनसल ! तेरो भ्रस्टाचारी योगदान से प्रजातंत्र की नींव हिलली अर तू बेशरमी से चुनाव लड़लि जन कि त्यरा कथगा ही सामयिक दगड्या प्रजातंत्र की पौ (नीव ) खपचाणो बान चुनाव लौड़ल
अर खुस ह्वेक पवन कनसलन चंडीगढ़ को तरफ प्रस्थान करी
Copyright @ Bhishma Kukreti 11/05/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments