गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
बाल दिवस पर सरादौ (श्राद्ध) कर्मकांड
चबोड्या : भीष्म कुकरेती
-- बोल जमूरे बथैलि ?
- उस्ताद बथौलु
- जु पुछलु स्यो इ बथैलि ?
-सवाल जन होलु तन इ बथौलु ?
-त जमूरे बथा बाल दिवस क्या होंदु ?
- उस्ताद सबि देसुं मा साल भर मा कै ना कै दिन बाल दिवस मनाये जांद
-जमूरे मि इंडिया की बात करणु छौं
- औ उस्ताद जी ! आप नेहरु जीक सरादों(श्राद्ध ) दिनै बात पुछणा छंवां ?
- ओ कुबुल्या जमूरे ! मि नेहरु जीक जलम बारो बाराम बुलणु छौं .
-हां उस्ताद मि बि चौदा नवम्बर की बात करणु छौं . सबि जगा जलम बारौ जगा नेहरु जीक सरादअ बान तर्पण इ दिए जांद
-अरे निर्भागी जमूरे जलम बारौ दिन तर्पण नि दिए जांद ना बरख पुजे जांदन
- मै त लगद सबि देसुं मा बाल दिवस माने बाल श्राद्ध दिवस
-अबे कमबख्त ! तै जिबाडु पर म्वाळ लगा
- जब बाल दिवसौ दिन उस्ताद अपणों च्याला, शागिर्द या ब्वालो शिष्य तै गाळी द्यालो त यकीनन ओ बाल दिवस बाल श्राद्ध दिवस हि ह्वालो
- सौरी ! डियर जमूरे ! सदियों से अपण च्याला तै मा बैणी गाळी दीणै आदत जि पड़ी च त ..वा आदत एक दिन मा त नि जालि ना
- जब बाल दिवसौ दिन बि मास्टर, संरक्षक , बड़ा बूड या ब्वे बाब गाळि नि छोड़ी साकल त वै बाल दिवस तै छ्वारों सरादौ दिन इ मनण चयेंद
-हां त जमूरे बाल दिवसौ दिन क्या क्या हूंद
- जख बड़ा लोग बच्चों तै हैंकि कौम या हैंकि जात से घीण करण सिखाला उख बाल दिवस मनाणों मतबल बाल श्राद्ध दिवस मनाण
- जमूरे तुमारी बात मा दम च पण फिर बि बाल दिवस पर लोग बच्चो तै भेंट माँ कुछ ना कुछ दीन्दन .
-जख आज बि स्कूल्यों तै फण्यटन पिटे जांद , स्कूलम छ्वारों तै बड़ा बड़ा आमानवीय डंड दिए जावो तो वै देस मा बालदिवस मनाण माने ज़िंदा बच्चों कि तिरैं बरिखि करण .
-जमूरे ! सबि देसुं मा बाल दिवस इलै इ मनाये जांद कि लोगुं मा बच्चों प्रति जागृति आवो
-उस्ताद ! भाषण देकि जागृति नि आंदि . नेता बाल दिवसौ दिन भाषण द्यावन कि बच्चों तै चोरि नि सिखावो अर जब भंयकर गरीबी समणी ह्वाओ त ब्वे बाबु म अपण बच्चों तै चोरि सिखाणो अलावा क्वी दुसर विकल्प बि नि होंद . भाषण पुटकै भूक नि मठांदी .
- भै जमूरे ! ये दिन बड़ा बड़ा धनी देस शरणार्थी बच्चों तै लारा कपड़ा दान दीन्दन
- वाह उस्ताद ! पैल आग लगाओ अर फिर अग्यौ बुझाणों पाणि डाळो। जरा द्याखो त सै आज दुनिया मा शरणार्थी समस्या कैक पैदा करीं च ? यूं इ दानवीर देसों क कुचक्र , स्वार्थी कूटनीति से देस आपस मा लड़दन, वां से बच्चा शरणार्थी बणनो मजबूर हूँदन अर फिर यि दानदाता देस बाल दिवसों दिन शरणार्थी देसुं बच्चो तै टॉफी का तोहफा बंटदन। कतल बि करो अर वैदकी बि दिखावो
-जमूरे इथगा रोष, गुस्सा, क्रोध , ऐंगर स्वास्थ्य बान ठीक नी च
- उस्ताद जै देस मा बच्चों आवश्यक स्वास्थ्य की समस्या निदान , समाधान की बात हऴको ढ़ंग से करे जावो वै देस का नेता बाल दिवस पर बच्चो तै खिल्वणि भेंट मा इलै दींदन कि मीडिया मा कवरेज ऐ जावो वै देस मा बाल दिवस को असलि अर्थ बाल हत्या दिवस ही माने जालो।
- जमूरे ! सरकार बाल दिवस इलै इ मानांदन कि लोगुं मा बच्चों समस्याक प्रति जागरूकता आवो लोग समस्या से चितळ ह्वे जावन .
-जख आजादी का साठ पैंसठ सालों मा बाल मजदूरी समस्या निदान नि ह्वे साको उख बाल दिवसों दिन नेताओं द्वारा ग्वारा -ग्वारा , बिगरैल बच्चो तै खुकलि पर उठैक फोटो खिंचाण मने बाल दिवस की बेज्जती करण .
-ओ म्यार बुबा बल दिवस प्रतीक च कि हम आण वळी साखि प्रति चित्वळ छंवां।
- उस्ताद ! यूं नेताओं अर अधिकार्युं तै सिरफ बाल दिवसौ दिनि किलै याद आँद बल देसम बाल वैस्यावृति खतम हूंण चयेंद?. सराद मा बि क्या हूंद ब्वे बाबु तै तर्पण द्याव अर फिर साल का बकै दिन ब्वे-बाबुं तै बिसरि जाव
-नै नै जमूरा ! सबि देस चांदन कि बच्चों उज्जवल भविष्य ह्वाओ अर यी भविस्यौ नागरिक अपण देस की आन शान बढ़ावन .
- हाँ हाँ ! वो देस बि बाल दिवस मनान्दा इ छन जो देस बारा चौदा सालक बच्चो तै युद्ध मा झोकि दीन्दन। बच्चों दगड़ मानव सभ्यता को यां से बडो मजाक ह्वे नि सकुद
-- मेहरबान ! कदरदान ! म्यार सात सालौ नौनन आपका मनोरंजन कार , आप तै जरूर रौंस , मजा ऐ होलि . जमूरे ! यु स्वांग हमन किलै कार ?
-उस्ताद भूक मठाणो बान , पेट की आग बुझाणों बान .
- त दिखणी क्या छे मांग दानदाताओं से भीख , इनाम किताब !
- . एक सात साल के लडके को इनाम दो बाबा, जो दे उसका भी भला न दे उसका भी भला ...
Copyright@ Bhishma Kukreti 15/11/2012
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments