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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, November 25, 2012

आर्थिक सुधारों असली पोल

गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
                      आर्थिक सुधारों  असली पोल
                          चबोड्या : भीष्म कुकरेती
 
 
- भाईयो अर बैणि! आज मितै यीं जनसभाम बुलद गर्व होणु च, घमंड होणु च, प्राइड महसूस होणु च बल इकॉनोमिक रिफौर्म से भारतै कंळदारि व्यवस्था (आर्थिक व्यवस्था ) मा बडि भारी उन्नति ह्वाई।

-तै बेशरम रिफौर्मौ धड्वे तै शरम बि नि आणि बल मल्टि डाइमेन्सनल पौवर्टी इन्डेक्ष त बताणु च बल भारतै बड़ी भारी कुदशा च
-मीरा भारतीय भै -बैणि द्याखो अबि कुछ मैना पैलि जु अखबार पत्रिका जन की इकोनोमिस्ट , वाशिंगटन टाइम्स कंळदारि व्यवस्था (आर्थिक व्यवस्था ) बाराम डामनमोहन सिंगै काट करणा छा सि अब बड़ा मंगणा छन

- अबे निरलजो ! भाड़म जावो त्यार इकोनोमिस्ट , वाशिंगटन टाइम्स का लेख . जरा जनता तै इन त बथादि त सै बल गरीबी मामला मा त भारत अफ्रीकौ सब सहारा क्षेत्र से बि अग्वाड़ी च

- हम तै गर्व च बल भारतम अंबानी , मित्तल , चड्ढा , बढा जन लोगुं आय बढ़ी गे
-ओ गर्व कु बच्चा ! एक तुरांक पाणिम डूबीक मोर . संसारक तेतीस प्रतिशत याने संसारक एक तियायी गरीब त भारत मा रंदन .
- यां से बड़ी बात क्या ह्वे सकदी बल भारत म आज बढिया बढिया स्कूल जन दून स्कूल , मायो स्कूल छन
- म्यासो घूसों रे तैक मुख पर . मुख काळो कारो तैक जु बुलणु च बल भारत म आज बढिया बढिया स्कूल जन दून स्कूल , मायो स्कूल छन। तै बड़ बोल्या तै बथाओ बल भारतम अधिसंख्य गरीबुं बच्चा या त स्कूल जाँदी नि छन अर जांदा बि छन त दर्जा पांच नि करदन। तै तै बथाओ खालि शहरोम इ लाखेक से जादा बच्चा त स्कूल जाणो जगा इनि गऴयूं मा घुमणा रौंदन फिर लाखेक बाल भिकारी छन . त स्यू स्कूलों बाराम क्यांक बडे करणु च?

-याँ से बड़ी बात क्या ह्वे सकद बल हमर देसम आर्थिक सुधारौ कारण अब चिकित्सा सुविधा बढ़ी गेन . अपोलो , लीलावती जन आधुनिक अस्पतालों संख्या रोज बढ़नी च
- ए तै मातबरों चमचाक जिबाड़ो चमड़ान सीलि द्यायो। आज बि भारतम रोज पांच साल से छ्वट उन्नीस हजार बच्चा मरणा रौंदन, बच्चों अकाल मृत्यु मामलम भारत कांगो, नाईजेरिया , पकिस्तान से बि अग्वाड़ी च

-- आर्थिक सुधार नीति बदोलत आज भारतम केलोग, बौर्नविटा, कंप्लेन जन ब्रेंडू विक्री दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ी गे .
- ये तै बहुराष्ट्रीय कन्पन्यौ भोंपू मौणि मडकाओ रे . दुन्या का कुपोषण ग्रसित तियाई बच्चा भारतम छन अर ये मामलम भारत अफ्रीका से बि जयुं बित्युं देस च। भारतंम बयालीस टका बच्चा औसतम कम वजनी छन याने अंडरवेट छन। बड़ो आयो बौर्नविटा, कंप्लेन जन ब्रेंडू विक्री बात करण वाळ!

- मि ब्याळि मुकेश अंबानी क ड्यार ग्यो छौ त जों एक उदाहरण च बल आर्थिक सुधारों से भारतम रौणे समस्या दूर हुणी छन .
- अरे तै धनपत्युं गुलामो भटयूड़ मुंगरान तोड़ी द्यायो . आज बि करोड़ो भारतियुंम अपण बुलणों छत नी च . एक अंबानीक महल जन कूड़ दिखैक आर्थिक सुधारों बडै करद तै बेशरम तै शरम बि नि आणि

- भारतम बाथरूम , ट्वाइलेट औ उपकरणु विक्री खूब बढ़नी च अर हम आम भारतीयों तै आर्थिक सुधारों पूजा करण चयेंद
- ये तैको तीक त्वाड़ो जु आर्थिक सुधारों बडै करणु च . जरा तै तै बथाओ बल भारत माँ सहतर प्रतिशत से जादा लोगुम पिसाब जाणो , झाड़ा जाणो अर नयाणों सुविधा नि छन

- भारतम अब मिनरल वाटर की बिक्रीम अत वृद्धि होणि च
- यार मीन तैक दांत तोड़ी दीणन हां . दूषित पाणि अर खुले आम झाड़ा वजे से इ 88 प्रतिशत लोगु तै डाईरेयिया रोग हूंद अर हर साल सात लाख से जादा लोग डाईरेयिया बीमारी से मोरदन
- त म्यार बोलणो मतबल च बल आर्थिक सुधार से फैदा इ फैदा छन
- या त एका भाषण रोका या मीन तैका घुण्ड मुंड फोड़ी दीणन। में से अब नि सयांदी आर्थिक सुधारों बडै

Copyright@ Bhishma Kukreti 25/11/2012

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