गढ़वाली हास्य व्यंग्य
चबोड़ इ चबोड़ मा
उत्तराखंडऔ बरोँ सालौ बरसफल
चबोड्या : भीष्म कुकरेती
उत्तराखंड तै बणाणो बान आन्दोलान्कार्युंन कत्ति खैरि खैनी अर कथगौंन नि बण दीणों बान कति खंड खेलिन .
उत्तराखंड कथगौं कुण अपुण राज च त कथगा बुल्दन बल असली राज त राजनैतिक या सरकारी ठेकदारों अर वूंक च जु जाणदा बि नि छा कि इलाहाबाद तै छोड़िक बि क्वी पवित्र जगा बि च .
लोग भरम मा छ्या कि उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश च भलो ह्वाई चीमा जीको अर कौशिक जीक जौन बथाई कि पहाड़ी लोग मैदानों तै चुसणा छन।
जौं तै उत्तराखंडी लोग नि जाणदन वूइ इखाक राज्यसभौ सीट लैक हून्दन
जू बि इखाक मुख्यमंत्री रौंद वू जाप करदो कि 'पहाड़ो से पलायन रुकणा चाहिए ' पण पहाड़ी अपण मुख्यमन्त्र्युं बात कतै नि सुणदन
उत्तराखंड का पहाड़ी द्वि किस्मो हून्दन एक जु उख रौंदन अर एक जु उख नि रौंदन .
जु उख नि रौंदन वूं तै गलत फहमी च कि वू उखाक छन अर जु उख रौंदन वो बि आज ना भोंळ उख नि राला। जब यी बि प्रवासी ह्वे जाला त यूँ तै बि गलत फहमी ह्वे जाली कि यि उत्तराखंडी छन .
प्रवास्युं कुण उत्तराखंड एक पर्यटन लैक जगा नी च बल्कणम नागर्जा नर्सिंग पुजणों स्थान च अर प्रवास्युं तै इख पूजै बान जबरदस्ती पर्यटक बौणिक आण पोडद निथर प्रवास्युं कुण प्रवास्युं कुण हिमाचल प्रदेश पर्यटनो कुण जादा तर्कसंगत अर रौन्तेली जगा च .
पैल इखाक गदनो मा पाणि रौंद छौ अब गाड गदनु मा शराब बगदी .
उन त गौं का तकरीबन सबि गौड़ बल्दुं तै पलायनौ बाघ खै गे अर गल्ति से कुछ बच्यां बि छन त कुछि सालम यूं गौड़ी भैंस्युं तै पलायन बाघ दाड़ी (भाकोरना ) ल्यालो।उत्तराखंड मा रसायनी मोळ अर कीड़ मरणों दवै नुक्सानदिवा च त हमन खेती करण बंद करी दे . भै हम त नियम धियमुं मा विश्वास जु करदां
चूंकि अब इख खेती पाती बंद ह्वे ग्यायी त इखाक रास्ट्रीय खाण्क चाऊ माऊ ह्वे ग्यायी .
कति ठेकेदार रूणा रौंदन कि छतीसगढ़ , झारखण्ड या उड़ीसा जन खनन उत्तराखंड मा बि स्वीकृत होंद त उत्तराखंड माँ कथगा इ चूना गेट , पथर गेट आबंटन हूंदा त कथगा मजा आंदो .
अचकाल हम तै अपण संस्कृति दिखणो बान सरकारी प्रदर्शनी जन कि ग्रीष्म मेला या शीत मेला की जग्वाळ करण पोडद या टीवी चैनेलो प्रोग्रैम दिखण पोड़दन
आजौ समौ मा कुमाउनी अर गढ़वाऴयूं तै चीन से रक्षा की डौर नी च बल्कणम यी लोग चिंतित छन कि लेंटिना झाड़ी , गूणी , बान्दरो अर सुंगरों से कनै रक्षा करे जावु
पहाड़ी लोग सुबेर बिटें स्याम तलक गूणी बांदर भजांदन अर रात सुंगर भजाणा रौंदन त मानव संसाधन मंत्रालय अन्वेषण मा लग्यां छन कि यूं पहाड्यु जंगली जानवर भगाणो उत्पादन शीलता कनै बढ़ाए जावो .
हरेक सरकार बुलणि रौंदी कि विरोधी दल सरकार तै कारगार विकासोन्मुख योजना नि बणाण दींदी अर जनता च कि विरोधी दल तै बि वोट दीणि रौंदी
हमारो उत्तराखंड प्रदेश को फिस्कल डेफिसिट उथगा जादा नी च जथगा महारास्ट्र को फिस्कल डेफिसिट च। पण हमारी सरकार कटिबद्ध च कि आज ना भोळ हम वित्तीय घाटा मा शिरमौरी प्रदेश बौणि जौंवा।वित्तीय घाटा मा टॉप मा हूणो बान प्रदेश सरकारन योजना आयोग से कथगा दै दरख्वास्त बि कार अर करदी इ रालि
उत्तराखंड सरकार गाँवों गाँवों मा डाक्टर कंपोडर भिजण त चाणी च पण अचकालौ छ्वारा गां जाण इ नि चांदन त विकल्प मा ग्रामीण अस्पतालों सफाई कर्मचारियों तै ग्रामीण चिकित्सा को उत्तरदायित्व दिए गे , अन्वेषण से सिद्ध ह्वाई कि डिग्रीधारी डाक्टरों मुकाबला मा सफाई कर्मचार्युं चिकित्सा जादा असरकारी च .
सरकार पहाड़ो बागवानी तै बढ़ावा दीणो वास्ता वचनबद्ध च इलै फ़ूड प्रोसेसिंग का छपरा भौत सि जगा बांधे गेन पण पहाड़ी छन कि सरकार की मंशा पर शक करदन अर बागवानी नि लगांदन . यां से सरकारी फ़ूड प्रोसेसिंग का कर्मचारी रुड्यू मा बि घाम तपणा रौंदन .
सूचना प्रसारण का वास्ता ग्रामीण कानाफूसी , अफवाह केंद्र खुल्यां छन अर भली भांति अपण उत्तरदायित्व निभाणा छन .
मनरेगा आदि मा भ्रष्टाचार जन लघु उद्योग अर ट्रांसफर जन मध्यम उद्योग सरकारी मदद से विकासोन्मुख छन।.
जख तलक ऊर्जा को सवाल च गंगा प्रदूषण बचावो आन्दोलन से उत्तराखंड की सरा ऊर्जा चुसे गे त अचकाल जनता अर सरकार उर्जाहीन अवस्था मा च।
पर्यटन बढानो बान हमारा पर्यटन मंत्री, पर्यटन सचिव विदेस मा जैक अन्वेषण करणा इ रौंदन चूँकि अबि तलक बारा सालों मा कैकी बि रिपोर्ट नि आयी त उत्तराखंड पर्यटन उत्तरप्रदेश को ढर्रा पर यि चलणु च भलो हो जु कुछ प्राइवेट ओपरेटर थोड़ा बहुत मदद सरकार तै दीणा इ छन .
उत्तराखंड सरकार ग्लोबलाइजेसन का सिद्धांत तै माणदि त बच्चों विकासौ ठेका प्राइवेट स्कूलों तै दीणो बान एज्युकेसनो प्रावेटिजेसन पर खूब जोर च .
उत्तराखंड सरकार चांदी कि उत्तराखंड राज्य आधुनिक राज्य बौणो इलै राज्य मा द्कीयानूसी खेल या पारम्परिक खेल खतम ह्वे गेन अर क्रिकेट जन नया खेलु से समय बितान्दन .
हमारी सरकार अपण पुराणा आणा , पख्याणो की रक्षा बान प्रतिबद्ध च त सरकार नि चांदी कि या पुराणि कहावत ' पहाड़ का पानी और पहाडो का युवा मैदानों की तरफ बहता है " निमड़ी जावो , ख़तम ह्वे जावो। इलै अबि बि पहाड़ो मा पाणि त्राहिमाम होणि रौंद .
इखाक लोग बड़ा राष्ट्रभक्त छन इलै यूनं अपण दुधबोली भाषा छोड़ि आल अर अब यूंकि मातृभाषा हिंदी च।
हमारा मुख्यमंत्री संस्कृत अर संस्कृति प्रेमी छन इलै संस्कृत इखाकि राजभाषा च अर इन सुणन मा आयि कि चूंकि पारम्परिक पंडितो न संस्कृत पढन छोड़ि दे छे त कर्मकांड पूजा बान अब पंडित अर मजदूर आयात कर्याणा छन।
ये सालौ बरख पूजी आल हैंक साल बि यनी बरसफल रालो त ये बरसफल तै संबाळिक रख्यां रैन
Copyright@ Bhishma Kukreti 9/11/2012
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