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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, November 25, 2012

हां ! इखम किताबुंम अस्पताळ छैं त छौ !

गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
                 हां ! इखम किताबुंम अस्पताळ छैं त छौ !
                            चबोड्या : भीष्म कुकरेती

- ए ! ब्वारि ! क्या च स्यु नाति से ग्ये कि क्य ह्वे ?
- से नी च बिसुध ह्वे गे
-पण तु त सरकरि अस्पताळ लीगि त छे कि ना ?
-हां लीगि छौ
-फिर ?

- फिर क्या , कंपोडर भैजिन बोलि बल मीन जु दवा दीण छौ , सि दियाल , जु करण छौ स्यु करि याल . अब डाक्टर साबम इ दिखाओ
-त डाक्टर साबम दिखै कि ना ?

- ज्यूँराम दिखाण ! डाक्टर साब त द्वि साल बिटेन मेडिकल छुटि पर छन अर अपुण पिराइवेट कोट्द्वारम क्लिनिक चलाणा छन
- त जादि दुसर पट्टी क अस्पताळम तै छ्वटु तै दिखैक ला
- ठीक च मि दुसर पट्टीक अस्पताळम जांदो

-- भैजि !भैजि ! म्यार नौनु सखत बीमार च . हमर पट्टीक अस्पताळौ कंपोडरन राय दे बल ये नौनु तैं डाक्टरम इ दिखाण जरुरी च . ये अस्पताळौ डाक्टर कै कुठडिम बैठद होला?

-भूलि ! तुमर अडगैं (क्षेत्र ) वळा नसीब लेक अयाँ छन जु तुमर अस्पताळम कंपोडर ले च . इख त हमन डाक्टर क्या कंपोडरौ सूरत नि देखि .
- भैजि, इन कनो ?

- कंपोडर मेडिकल छूटि पर जयुं च अर रिसिकेसम अपुण मेडिकल स्टोर चलाणु च .
-त सि यीं कज्याणि हथ खुटों पर पट्टी कैन बांधि ?

- स्या बिचारि डाळम भ्यूंळ छिंडार्नि छे कि थमाळि क चोट भ्यूंळो फौंटा छोड़िक वींका खुटुं पर लगि अर सड़म स्या भेळ जोग ह्वे गेखुट त कट्याइ च . हथ खुट बि टूटि गेन

-त जब ये अस्पताळम ना डाक्टर अर ना हि कंपोडर त यीं बिचारिअ पट्टी कैन कार ?
- भैरों ! हमकुण त सि स्वीपर भैजि अर स्या वैकि घर्वळि हि भगवान , हकीम , डाक्टर चरक , लुकमान, अश्वनी कुमार (सर्जरी विशेषग्य ) सबि कुछ छन . तीनेक साल बिटेन दवा बि दीन्दन , बार बगत पर इंजेक्सन लगांदन अर जरूरत पोड़ी गे त चीर-फाड़ , पट्टी सट्टी बि करदन .

- ह्यां मेरो नौनु तै डाकटरौ हि जर्वत च .
-त भूलि इन कौर सात मील दूर एक सरकारी अस्पताळ च जख डाक्टर बि च अर कंपोडर बि च। जा उख जा ..
-हां मि उखि जांदु

- हे भैजि! हे भैजि ! ये अस्पताळौ डाक्टर कखम बैठदन ?
-सि समणि पर तपड़ा च ना उखमि डाक्टर अर कंपोडर घाम तपणा छन .
-घाम तपणा छन ?

- हां जब अस्पताळम दवा नि रालि त डाक्टर अर कंपोडरन घाम इ त तपण ?
-मतबल ? दवा किलै नि छन

-द्वि छै मैना बिटेन इनि बुलणा छन बल दवा तै सरकरी मूस -लुखुंदर चपट करि जांदन अर सि छै मैना बिटेन तै तपड़ाम डाक्टर अर कंपोडर घाम तपणा रौंदन .

- ये मेरि ब्वे घाम तप्वा डाक्टरम किलै ये नौनु दिखौं ! सि बाट मा चाय वाळ भैजि तै पुछ्दु बल कखि हैंको अस्पताळम डाक्टर , कंपोंडर अर दवा सबि मीलु जावो

-ये चा वाळ भैजि ! कखि इन अस्पताळ बि च जख डाक्टर , कंपोंडर अर दवा सबि मीलु जावो
- भुलि ! हमर अडगैंम (क्षेत्र ) त इन अस्पताळ नि च जख डाक्टर , कंपोंडर अर दवा इक दगडि दिखे जावन . हां सि दस दिन पैलि इ अखबारम खबर छपे छे बल धार पोरक गां मा सरकरि अस्पताळ खुलि जख आधुनिक चिकित्सा सुविधा, स्वीपर अर दवा दगड़ डाक्टर , कंपोंडर बि छन . ये ले अखबारौ समाचार बांचि लेदि 
.
- ठीक च मि धार पोरक अस्पताळम जांदु स्वीपर अर दवा दगड़ डाक्टर , कंपोंडर बि छन .
--हे भैजि ! मीन दस दिन पैलो अखबारम खबर बांचि बल ठीक इखम इन सरकारि अस्पताळ छ बल जखम आधुनिक चिकित्सा सुविधा, स्वीपर अर दवा दगड़ डाक्टर , कंपोंडर बि छन

- हां भूलि मि येइ गौंकु वासिंदा छौ . हमन बि या खबर बांचि कि हमर गांमा सरकारि अस्पताळ खुलि गे जखम आधुनिक चिकित्सा सुविधा, स्वीपर अर दवा दगड़ डाक्टर , कंपोंडर बि छन .
-तो ?
-भुलि ! हम दस दिन बिटेन अपड़ी गांमा सरकारि अस्पताळ खुज्याणा छया .
-फिर ?

- फिर क्या ! आजि अखबार मा खबर छपी बल हमर गांमा औडळ-बीडळ अर बरखा आयि जां से हमर गांमा भळुक आयि याने बल जमीन धंसी अर इथगा बढ़िया छै करोड़ो आधुनिक सरकारि अस्पताळ बौगि गे . हम गां वळु कि निसिणि इन ह्वाई कि हमन इन बकि बुनौ आधुनिक सरकारि अस्पताळ इ नि द्याख।

- भैजि! पहाडोम भळुक (लैंड स्लाइड ) बोलिक थुका आंद . बस जोरका बादळ फटा ना अर झट से बरखा अर भळुक ऐ जांद
-हां भुलि! बरखा हवाओं तब ना भळुक (लैंड स्लाइड ) आलो !
-क्य मतलब भैजि?

- हमर गांम त एक साल बिटेन सूखा पड्यु च अर हमर अडगैं (क्षेत्र ) तै सरकारन सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित बि कर्युं च . फिर हमर बिंगणम नि औणु बल कब हमर गांम बरखा ह्वे अर कब सरकरि अस्पताळ बौग ?
-औ त भैजि! यु सरकरि अस्पताळ किताबुंम बौण अर किताबुंम इ बौग गे .

-मै बि इनि लगणु च बल इखम सरकरि अस्पताळ किताबुंम बौण अर किताबुंम इ बौग गे .
- भैजि! जरा अपुण मोबाइल देल्या क्या ?
-कैकुण फोन करणाइ ?
-अपण घरवळो कुणि . हेलो ! मि बुलणु छौं . तुम आजि देस बिटेन छुटि लेक गां आवों अर हम तै देस लिजावो। भोळ ड्यार नि पौंछिल्या त मीन मय बच्चाक फांस खै दीण।

Copyright@ Bhishma Kukreti 24/11/2012

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