गढ़वाली हास्य व्यंग्य
हौंसि हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
इ राम दां जु मि बि गजेन्द्र राणा हूंदु !
चबोड्या : भीष्म कुकरेती
मेरि घर्वळि चिरड़ेक , निरय्सेक ब्वाल , " काश ! तुम बि गढ़वाली गितांग गजेन्द्र राणा होंदा त ..?"
मीन ब्वाल," अरे ये बुढ़ापाम म्यरा दोष खुज्याणि छे ? अबी तलक त मि अमिताभ से बि बढ़िया पति
वींन मेरि बात अणसुणि करिक बोलि , " तुम भलो गौळऔ स्वामी हूंदा अर छ्वटा बिटेन तुम तैं गींत -घड्यळु से लगौ होंदु ."
मीन बिचि म ब्वाल ," अरे मेरि गुंदरी ! जैक जनम गढ़वाली गौं म होलु अफिक वैक लगाव गींत -घड्यळु से ह्वेई जांद ."
घर्वळि सुणनों मूडम नि छे , " फिर तुम कबि गोरम , कबि थौळम, कबि स्कूलम, कबि कखिम लोक गीत, जीत सिंग नेगिक गयां गीत गांदा अर लोगुंक शाबाशी पांदा अर लोग बुल्दा हे भै क्या हुन्यारी गौळ पयुं च "
मीन बोलि ," हां गौं मा बि लोग पारखी होंदन जु बडै लैक होंदु वैक बडै त होंदी च "
मेरि घर्वळिक टक (ध्यान) में फर नि छौ ," फिर जवानी आंद आंद तुम तै बि लग जांदो कि तुम बि गाणा गैक नाम -दाम दुई कमै सकदा ."
मीन बोल ," हां हरेक कलाकार तै जब तलक आत्मविश्वास नि ह्वाओ वो तब तलक बड़ो क्या छ्वटो कलाकार नि बौण सकदो .
मेरि बथों तै टाऴदो /उपेक्षा करदो वींन बोलि ," सांस्कृतिक प्रोग्रामो मा कैक बि गाणा गैक तुमारो नाम होंदा जांदो अर जरा जरा तुमारि साख -सिक्कि बणदि जांदी ."
मेरि बथों तै टाऴदो /उपेक्षा करदो वींन बोलि ," सांस्कृतिक प्रोग्रामो मा कैक बि गाणा गैक तुमारो नाम होंदा जांदो अर जरा जरा तुमारि साख -सिक्कि बणदि जांदी ."
मीन ट्वाक ,"त इखम नै बात क्या च हरेक कलाकार तै बड़ो संघर्स करण पोड़द।"
अपणि रौ , अपणि रंगतम वा बुल्दि गे ," फिर तुम तै औडियो वीडिओ कैसेट निकाळणों मौका मिल्दो "
मीन बोल ," भई मनिखम योग्यता होलि, अळग औणे हिकमत हो , संघर्ष करणों सक्यात ह्वाओ , अर समय पछ्याणो गुण ह्वाओ त एक ना एक दिन कलाकरों कुणि सुबेर ह्वेइ जांद ."
आज वा मि तै सुणणो मूडम कतै नि छे," पण नरेंद्र सिंह नेगी , चन्द्र सिंग राही , हीरा सिंग राणा सरीखा दिग्ज्जो समणी आपक कुछ नि चल्दी . तुम तै बस एक तगमा मिल्दो कि तुमर बि एक कैसेट रिलीज ह्वे ,बस !"
मीन बचावम ब्वाल ," इखम बि क्या च हरेक कलाकार तै पुराणों, प्रसिद्ध, जम्याँ कलाकारों विरुद्ध संघर्ष करणों इ पड़द। किशोर कुमार तै मोहमद रफी , मुकेश जना जम्याँ गितांगुं एकाधिकार तुडन मा दसियों साल लगिन ,लता मंगेशकर अर आशा भोंसले कु एकाधिकार तुड़णम जनानि गितांगु तै कुज्यांण कथगा जुग लगिन धौं !"
वा एकि डगर मा बुल्दि गे ," जब तुमारो केसेट रिलीज होण पर बि वा पछयाणक नि मिल्दि त तुम निरसे जांदा ."
मीन बिचिम बोलि," यु त हरेक नयो कलाकार , लिख्वारो जीवन मा होंदि च . पछ्याणक बणाणम सालों लग जांदन।"
अपणो इ ध्यान मा वींन बोलि ," फिर तुम बि गजेन्द्र राणा तरां एक तरीका खुज्यांदा अर वो तरीका होंदो संस्कृति तोड़क गीतुं गाण ."
मीन ब्वाल ," यो तो एक सद्यानो यानि सास्वत सच च बल हरेक कलाकार तै कै ना कै रूपम संस्कृति भंजक बणन पडदि च "
वा बोल्दि गे ," फिर तुमारो एक संस्कृति भंजक गीत आंदो 'बबली तेरो मोबाइल ..' अर आप एकि दिन मा अप-सासंकृतिक गीत गाण से प्रसिद्ध ह्वे जांदा .तुमारो ये गाणा कि बडी काट होन्दि , बडि भर्त्सना होन्दि "
मीन बचाव कार , " इखमा गजेन्द्र राणा पर भगार लगाण वळु तै यु दिखण चयेणु छौ कि हमारा लोक गीतुं म यां से बि ख़राब गाणा छन ."
वींन ब्वाल ," फिर एक तरफ तुम प्रसिद्ध बि होंदा जांदा त दुसर तरफ तुमारि काट बि होंदी जांदी ."
मीन फिर बचाव कार ," रजनीश या ओशो को बि यी हाल छौ . एक तरफ बड़ाई त हैंक तरफ घोर आलोचना ."
वींन बगैर मै सुण्या ब्वाल ," फिर तुमारा गजेन्द्र राणा तरां छकना बांद ,फुंदड़ी बांद , धुक्कड़ी बांद जना गीतुं केसेट बजार मा हिट ह्वे जांदा . एक तरफ तुमारा केस्ट बिकदा दूसर तरफ तुम तै गाळी बि पड़दा।"
मीन ब्वाल , नै नै मै तै गाळी नि चयाणी छन "
वा अपणी रौ मा छे , " फिर तुम नरेंद्र सिंग नेगी जी क विरुद्ध एक गीत गांदा अर उत्तराखंडम औडळ -बीडळ ऐ जांदो ."
मीन ब्वाल , " नै नै , मि नेगी जीक विरुद्ध गीत जरूर गांदो पण इथगा निम्न स्तरीय शब्दों गीत कतै नि गांदो ."
वींको बुलण छौ ," फिर इथगा प्रसिद्ध ह्वे जांदा बल इंटरनेट मा तुम पर टिप्पणी होंदी-- तुम कुत्ते हो, तुम गंदे हो , तुम हरामखोर हो , तुम उल्लू के पट्ठे हो ..तुम ये हो तुम बकबास हो .."
मीन ब्वाल , " इन गाऴयूं से त गुमनामि रौण ठीक च ."
वींको बुलण छौ ," गुमनामी से त बढ़िया बदनामी च . क्या हुआ जो बदनाम हुए , नाम तो हुआ .."
मीन वींको मुख पर हाथ धार अर ब्वाल , मि तै नि चयाणों इन बदनामी वळु नाम ."
Copyright@ Bhishma Kukreti 21/11/2012
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