गढ़वाली
हास्य व्यंग्य
चबोड़ इ
चबोड़ मा
आरोप
प्रत्यारोपों
मौसम अर एक
हैँकि गुलामी तैयारि
कुछ बिंगण
मा नि आणों बल
अचकाल भगार
लगाणो मौसम च
या आरोप
प्रत्यारोप
लगाणो रिवाज इ
ह्वे गे .
अजकाल
टीवी वळा मौसम
की जानकारी
जगा 'आरोप
-प्रत्यारोप ; मौसम
की जानकारी
दीण बिसे गेन।
मीडिया मा ज्वा
जगा ब्याळौ
मौसम , आज कु मौसम, अगला
सपत्वाड़ो (हफ्ता
)मौसम का
वास्ता
निश्चित
होंदी छे वीं
जगा मा अजकाल ' ब्याळै
आरोप
प्रत्यारोप, आने
वाले हफ्ते
में आरोप
प्रत्यारोप
का भविष्यफल' का
समाचार होंदन .
अचकाल
मीडिया क मौसम
स्तम्भ (कॉलम ) मा
सूरज कब उग अर
कब अछ्ल्याई
की खबर रौंदी
नी च अजकाल त
मौसम खाम (कॉलम
) माँ खबर
रौंदी ' अलणौ फलण पर
आरोप सुबर छै
बजि लग अर
खौंळेणै बात च
कि यू आरोप
सरा भारत मा
स्याम दै छै
बजि तलक ज़िंदा
राई . फलणो
प्रत्यारोप
अर बचाव का
अर्रोप से बि
यु आरोप छै
बजि स्याम तक
नि अछ्ल्याई।
उ त राजस्थान
मा धूल भ्रयुं
बड्रा तूफान
आई तब जैक
अलणो आरोप
अछ्ल्याई .
ब्याळी
चार बजे प्रेस
हाल मा स्वामी
आरोपी बरखा
ह्वाई पण
स्वाड़ा की
ज्वा उम्मीद
छे वो स्वाड़ा
नि आयि . आरोप
प्रात्यारोपी
मौसम विभाग कु
अनुसार बहादुर
जफर मार्ग पर
पुख्ता
सबूतों
प्रेसर नि होण
से स्वामी
बरखा थमी गे
पण राहुल
गांधी अर सोनिया
गांधी पर एकाद
बरखा छींटा
पोड़ीन अर यूँ
छिटगौं (छींटो
_ दिग्विजय
सिंग अर सैम
पेद्रोदा तै
स्वामिभक्ति
को फ्लू ह्वे
ग्याई अर दुयून
मान हानि दावा
का आरोप
बचौण्या
कैप्स्यूल खैन।
परसि
केजरीवाल
नामौ पुराणो
बादल फटी छौ
अर वां से
मुकेश
अम्बानी अर
कौंग्रेस घैल
ह्वे छा त
प्रत्यारोपूँ
डिजास्टर
मैनेजमेंट की
मरहम पट्टी
करे गे अर अब
द्वि भला चंगा
गोदावरी बेसिन
मा दुबारा
तैरणा छन।
ये सीजन मा
आरोपों झड़ी से
सबसे जादा
नुकसान
विदर्भ
महारास्ट्र
मा ह्वाई।
नितिन गडकरी
की अध्यक्ष
वळि पकीं
पुकीं फसल पर
बजर पोड़ी गे।
उन शरद पंवार
नितिन गडकरी
की फसल बचाणो
कोशिश अबि बि
करणा छन . गडकरी
तै उम्मीद च
की राष्ट्रीय
स्वयं सेवक नामक
कीटनाशक जरूर
खराब हुंई फसल
बचालो सो
गडकरी
राष्ट्रीय
स्वयं सेवक
नामक कीटनाशक
का छिड़काव
करणा छन।
भारत याने
कौंग्रेस तै
कॉमन वेल्थ , टू जी . कोयला
आबंटन स्वाड़ा
से जु नुक्सान
ह्वाई वांकी
भरपाई वास्ता
ऍफ़ डी नामक
सड़ी अर आउट ऑफ़
डेटेड दवा से
काम चलणु च . चूंकि
कोंग्रेस, भारतीय
जनता पार्टी
आर सबी पार्टी
भ्रष्टाचार
नामक बीमारी
अर दिमागी तौर
से दिवालिया
हुयां छन त
सबि सडीं अर
आउट ऑफ़ डेटेड
दवावों
इस्तेमाल
करणा छन।
दिमागी तौर से
दिवालिया हूण
से क्वी बि नै
दवा नि खोजि
सकणा छन . मौसम
विभाग कु एक
वैज्ञानिक न
बताई की जब
तलक सत्ता
लोलुपता का
वाइरस रालो तब
तलक दिमागी
तौर से
दिवालियापन
की बिमारी बि
रालि अर आरोप
प्रत्यारोपू
मौसम बदस्तूर
इनि रालो .
आण वळ मौसम
कु बारा मा
खबर या
भविष्वाणी इन
होंदन
कश्मीर को
मौसम मा क्वी
बदलाव नी होण
हमेशा क तरां
पाकिस्तान
जिना बिटेन
अलगाववादी
हवा चलणि रालि
. जरा अचकाल
अमेरिकी डिप्लोमेटिक
प्रेस्सर से
अलगाववादी
हवा की गति मध्यम
च .
छतीसगढ़ , उत्तराखंड
अर झारखंड, महारास्ट्र
मा चूँकि सबि
भ्रस्टाचार
का झुल्ला
पैरदन त आरोप
प्रत्यारोप
की बरखा कु
असर जादा नि
दिखेंद .
पंजाब मा
आरोप
प्रत्यारोप
से पर्यावरण
तै भौत
नुक्सान होलू
अर उख गंदी
राजनीति का
कंटीली
झाड़ियो
पैदावर बढ़णो
पूरा अवसर छन
बिहार मा
चूंकि लालू
प्रसाद यादव
चारा घोटाला
चक्रवात मा
फंस्या छन त
आरोप
प्रत्यारोप
कु दबाब कम
हूण से बिहार
मा आरोप
प्रत्यारोप
कु मौसम उथगा
गरम नि रालो
जथगा उम्मीद
छे .
उन भारत मा
अगला हफ्ता हर
सेकंड मा हर
प्रदेश , दरेक जगा
आरोप
प्रत्यारोप
का बादल छयां
राला पण
स्वाड़ा, धूल भोरिं
आँधी , अगड़ -बगड़
दिल्ली मा इ
सीमित राला .
सुचणै बात
च कि यु होणु
क्या च अर
आरोप प्रत्यारोप
को ये दंगल से
ह्वालू क्या ?
रोज रोज , हर
समौ आरोप
प्रत्यारोपों
क बरफबारी , गरम
हवा,लू
चलण से, भगार की
आंधी-तूफ़ान से, लांछन
को स्वाड़ा -तड़क्वणि
-ढांड -रगड़ -बगड़
से, आरोप
प्रत्यारोप
कु चक्रवात
आदि से हम
भारत्वास्यु
न इखिमा फंसी
जाण , भूतकाल
मा रौण गीजि
जाण अर चिन्तक, पथप्रदर्शको, प्रशासक
, नेतृत्व
आदियुं न
भविष्य क बारा
मा घड़याण - सुचण
बंद करी दीण
अर इन मा हमन
एक नई तरां की
गुलामी
भट्याण। जब कै
बि देस , परिवार , समाज , समुदाय
मा आरोप
प्रत्यारोपुं
मा नीचा दिखाण
इ उदेश्य
ह्वाओ अर
विकल्प की
छ्वीं कतै नि
ह्वाओ त समजी
ल्याओ वो देस, वो
समाज, वो परिवार, वो
समुदाय कै
हैंकाक गुलाम
हूण वाळ च .
.
नामी
गिरामी सल्ली
पट्टी /विशेषग्य
भारतै आजौ
परिस्थिति
जाणणो अमेरिका
यूरोप टूर पर
जयां छन , दोयम
विद्वान
अमेरिकी, यूरोपियन
साहित्य जन की
प्लेटो जन
दार्शनिको
साहित्य
बांचिक
विवेचना करणा
छन . चूंकि यी
लोग संस्कृत
की पोथ्युं तै
मिथ समजदन त
यी लोग पश्चमी
साहत्य पर
जादा भरवस
करदन अर यूँ
तै क्वी ख़ास
लिंक, क्लू, सूद भेद नि
मिलणु च बल
अचणाचक भारत
मा नै तरां को
वातवरण किलै
बौण?विदुर
नीति, चाण्यकौ
मुद्राराक्षस
पड़दा त यी
यूरोपीय साहित्य
का धड्यौ जाणि
जांदा कि जब
बी समाज मा व्यक्ति
अफु तै समाज
से बड़ो समजण
बिसे जान्दन , जब बि
व्यक्त्युं
कुण देस की
क्वी अहमियत
नि होंदी
बल्कण मा अपणो
स्वार्थ या
अपणो विचार
देस से बड़ो
माने जाओ या
जब जब
शीर्सस्थ
नेता या
नेतृत्व देस, समाज
या गण (लोग) क
असली जरूरत नि
पछ्याणदन अर
अपण स्व-स्वार्थपूरक
योजना लागू
कौरन त आरोप
प्रत्यारोपौ
युग आन्दु।
नित , रोज
आरोप
प्रत्यारोपी
युग को परांत
गुलामी yug शुरू
हूंद . आजौ
राजनीत्यौ , व्याप्यार्यौ
, समाजौ
माहौल बथाणु च
बल भारत एक
भंयकर विदेशी प्रशासन
कु या विदेशी
सिधान्तो
गुलामी को शिकार
हूण वाळ च . हूण
युग , कुतुबदीन
युग , मुग़ल
युग, ब्रिटिश
युग, या
उत्तराखंड मा
गुर्ख्याणी
युग से पैलि
इनि आरोप -प्रत्यारोपौ
युग छौ .
Copyright@ Bhishma Kukreti 3/11/2012
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments