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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, November 5, 2012

ग्लोब्लाइजेसन माने अमेरीकिकरण

Critical review of Garhwali satirical prose- 87

चबोड़ इ चबोड़ मा

                                 ग्लोब्लाइजेसन माने अमेरीकिकरण

                                       चबोड्या : भीष्म कुकरेती

 

 

अचकाल जख जावो तख ग्लोब्लाइजेसनै छ्वीं लगणा छन . इख तलक कि जु हमर गांवक अणसाल ग्लोब्लाइजेसन से पैलि खन्द्वार हूण बिसे छौ उखाक बासिन्दा मूस अर लुखुन्दर अपण आपस मा छ्वीं लगौणा छा , हे भै! जु हमर मुंडितौ मूस मुंबई जोग ह्वे ग्याई वु बुलणु छौ बल बस एकाद साल मा हमर गां मा बि ग्लोबलैजेसन आलु अर हम गौं वळ मूस बि मैक्डोनल्ड या पीजा खौंला "

 

"मतबल अब यी गांवक लोग ढबाड़ी रुटि या भोरीं रुटि छोडिक मैक्डोनल्ड या पीजा बणाल?" हैंक मूसो न पूछ

" ै नै क्वी बि कॉपीराईट को तहत मैक्डोनल्ड या पीजा नि बणै सकुद बस वो औथोरैज्ड होटल से इ मैक्डोनल्ड या पीजा खरीद सकुद ." जबाब छौ

" त यांकुण बुल्दन ग्लोब्लाइजेसन ! मतलब अपण कामौ , अपण भौगोलिक स्तिथि क अनुसार बण्यु खाण्क छोडिक दुसरौ लैक बण्यु खाण्क खाओ . वाह रे ग्लोब्लाइजेसन " टिप्पणी छे

जी हाँ ग्लोब्लाइजेसन को असली मतबल च कोकालाइजेसन , कोका या पेप्सी साम्राज्यवादीकरण अर अपण पाणि छोडिक, हजारो साल कु परीक्षित , विश्वसनीय जल जीरा छोड़िक गोर भैंसो तै बि कोका कोला, पेप्सी पिलाओ कि अमेरिकी धन्ना सेठुं गेरी भोरे जावो।

 

इखमा क्या च ? ग्लोब्लाइजेसन को असली अर्थ होंद अपण देस का मौलिक गुड्डा गुड्डी तोडिक अमेरिकी बार्बि , यूरोपीय बियर (भल्लू ) , डिजनी का खिलौनों तै अपण ड्यार ल्हाओ जां से अमेरिकी सौकारुं तिजोरी भोरे जावु। असल मा डिजनीलाइजेसन कु इ नाम च ग्लोब्लाइजेसन जांको एकी रस्ता हूंद अपणी मौलिकता की डांडी सजाओ अमेरिकी मौलिकता की टोपी पैरो अर अमेरिकी धन्ना सेठो तै हौर बि सेठ बणाओ जां से अमेरिका अफगानिस्तान , ईराक मा सैन्य प्रदर्शन की धौंस दिखै साको , गरीब देसुं लूटिक गरीब देसु पर राज करणों नाम इ ग्लोब्लाइजेसन च.

 

सदियों से अपणायूँ भ्यूंळो सिरप्वळ को विकास नि करण , उल्टां भ्यूंळो जड़ नाश कारो, भ्यूंळो बंश बीज खतम कारो अर अमेरिका कु शैम्पोन मुंड ध्वाओ अर अपण सोसल सेक्युरिटी मा कटौती कौरिक अमेरिकौ सोसल सेक्युरिटी बजट मा बढ़ोतरी कारो।

 

अपण कपास,अपण जुलाहा , अपण टेलर , अपण कारखाना मा जंग्या सीलो, वै जंग्या तै बरमुदा नाम द्याओ , वै बरमुदा पर अमेरिकी ब्रैंड कु नाम छापो अर बगैर बातो ऱवायल्टी अमेरिकी सेठो तै द्यायो जां से वो तुम तै यू एन ओ मा धम्कै साको .

 

आई एम ऍफ़ या वर्ल्ड बैंक बिटेन उधार ल्याओ अर फिर अमेरिकी हिसाब से अपण सड़क , कूड़ चीणों अर नुक्सान तुमारो नफा अमेरिका कु किलैकि आई एम ऍफ़ या वर्ल्ड बैंक पर असली अधिकार त अमेरिका कु इ च .

 

अपण टाट पल्ल तै भेळ जोग कारो इखमा अपण टाट पल्लों विकास अपण हिसाब से करणों जगा अमेरिकी टेंट खरीदो अर सद्यान्यो कुणि अमेरिका को गुलाम रावो को मतबल च ग्लोब्लाइजेसन .

अपण नाच गाण छोड़िक अमेरिकी गाणों पर नाचो अर अपण संस्कृति को जड़ समेत नाश करणों ग्लोब्लाइजेसन बुल्दन . अपण फ़िल्मी संस्कृति तै मड़घट मा स्योड़ जोग कौरिक अमेरिकी फ़िल्मी संस्कृति तै अपण मुंड मा अळगाणों तै धूर्ततापुर्बक ग्लोब्लाइजेसन नाम दिए गे अर हम धूर्तो भकलाण मा ऐकि अपण मवासी डाळ लगाण मा धूर्तो दगुड़ दीणा छौंवां

ग्लोब्लाइजेसन का समर्थक बुल्दन बल ग्लोब्लाइजेसन से प्रतियोगिता बढ़दि पण ग्लोब्लाइजेसन की रण भूमि या प्लेयिंग फील्ड त अमेरिका तै फैदा दिलाण वाळ च त फिर क्यांकि सही प्रतियोगिता ? अर यु कु नि जाणदो कि इन छौंपा दौड़ी या प्रतियोगिता मा धनी देसों तै इ फैदा होंद ना कि कमजोर देसु तै . हाँ ! बस रुटि जगा बर्गर खाणों जरुर मिल्दो

पैल त स्थानीयकरण अर स्थानीय बुद्धि को बिणास कारो फिर अमेरिकी टैलेंट अपणावो को ही नाम ग्लोब्लाइजेसन च .

 

आज भारत जन देशों तै ग्लोब्लाइजेसन से जादा जरूरत ग्लोब्लाइजेसन का नाम पर अमेरिकी उपनिवेशवाद ख़तम करणै च . आज असली आवश्यकता च कि कनै ग्लोब्लाइजेसन क नाम पर अमेरिकी धांधली, अमेरिकी धौंस , अमेरिकी धींगामस्ती खतम करे जावो .

 

क्या भारत मा मर्द कु बच्चा या रानी लक्ष्मी बाई पैदा होला जु ग्लोब्लाइजेसन माने अमेरिकीकरण को विकल्प खुज्यालो अर अमेरिकी धांधली , धनिकों तै हौर धनी अर गरीबों तै हौर गरीब बणानो अमेरिकी टुट ब्याग ख़तम करे जाओ

Copyright@ Bhishma Kukreti 6/11/2012

 

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